रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना ने मार्च 2020 के बाद एक बार फिर दस्तक दे दी है. प्रदेश में 18 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. सबसे ज्यादा 12 मरीज रायपुर में मिले हैं. दुर्ग जिले में 4, बिलासपुर में 1 और बस्तर में 1 मरीज पाए गए हैं.
कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है लेकिन राजधानी रायपुर के लोग बेखौफ होकर कहीं भी आना जाना कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने कुछ स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि लोगों के मन में कोरोना को लेकर किसी प्रकार का कोई भय या डर दिखाई नहीं दे रहा है.
पहली बार कोरोना आया था तो लोग डर गए थे. अंडरग्राउंड हो गए थे, वो अवेयरनेस अभी नहीं है. लोगों को लग रहा है कि पहले जैसा कुछ नहीं होगा. चल जाएगा. किसी को कोई डर नहीं है. कोई मास्क नहीं लगा रहा है. भीड़भाड़़ रहती है: प्रमीत नियोगी, स्थानीय निवासी
जबतक पानी सिर के ऊपर न गुजरे लोग प्रिकाशन नहीं लेना चाहते हैं. पहले घबराहट, दुर्दशा देख चुके हैं लेकिन अभी वैसा माहौल नहीं. कोई सावधानी नहीं बरत रहा है. सभी बेफिक्र घूम रहे हैं. परेशानी न हों, उससे पहले हमें सावधानी बरतनी चाहिए लेकिन लापरवाही ज्यादा देखी जा रही है: अरुण कुमार पांडेय स्थानीय निवासी
18 मरीज कोरोना पॉजिटिव निकले: रायपुरवासियों का यह भी कहना है कि मार्च 2020 में जिस तरह से कोरोना आया था, उससे लोगों को सीख लेनी चाहिए. ऐसा करने से आम जनता कोरोना पॉजिटिव होने से बच सकती है. साल 2020 में आए कोरोना का दंश झेलने के बाद भी लोगों में जागरूकता की कमी आज भी देखने को मिल रही है."
2 साल तक कोरोना का प्रकोप झेला है. भयावह रूप देखने के बाद भी लोग एहतियात नहीं बरत रहे हैं. वैसे इस बार जो कोरोना है, वह डॉक्टरों के हिसाब से ज्यादा खतरनाक नहीं है. फिर भी हमें साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए. जबतक चोट नहीं लगती है तबतक लोग सुधरते नहीं हैं: तरुण कोचर स्थानीय निवासी
रायपुर में कोरोना का हाल: रायपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश चौधरी ने बताया कि "रायपुर जिले में अबतक कोरोना पॉजिटिव 12 मरीज मिले हैं. 2 मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. 10 मरीजों में से 1 मरीज अस्पताल में एडमिट है और 9 मरीज होम आइसोलेशन में है. सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है.''
लोगों से अपील: स्वास्थ्य विभाग की लोगों से अपील है कि सर्दी खांसी या सांस लेने में किसी प्रकार की कोई तकलीफ होती है तो स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर उसकी जांच जरुर करवाए. अगर पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका इलाज किया जा रहा है. सर्दी खांसी बुखार होता है तो वायरल इंफेक्शन होने की वजह से घर में भी मास्क लगाकर रहना है. जिनको भी सर्दी खांसी या सांस लेने में तकलीफ है, ऐसे लोग घर से बाहर न निकलें या फिर भीड़भाड़ वाले इलाके में न जाएं.
घबराएं नहीं, सावधानी बरतें: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से कोरोना वेरिएंट की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने कहा कि इसकी जांच चल रही है. अब तक कोरोना वेरिएंट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई. इसके लिए आम जनता को घबराने की जरूरत नहीं है. सतर्क और सावधान रहने के साथ ही किसी भी तरह का कोई लक्षण मिलता है तो स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच करवाना जरूरी है. उन्होंने कोरोना से लोगों को बचाव और जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की मितानिन और मीडिया के जरिए लोगों को जागरूक करने की बात कही है.
डरने की जरूरत नहीं: मेकाहारा के शवसन तंत्र विभाग के एचओडी आरके पंडा ने बताया कि "कोरोना से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन यह कोरोना का नया वेव आया है. जिसमें कोरोना के केसेस बढ़े हैं.'' उन्होंने बताया कि अबतक भारत में जितने भी केस मिले हैं, सभी केस माइल्ड फॉर्म में मिले हैं. लेकिन अब तक जिनकी भी मौत हुई है, वह कोरोना की वजह से नहीं बल्कि दूसरे बीमारी की वजह से हुई है.
कोरोना का वेरिएंट कितना खतरनाक: डॉ. आरके पंडा ने बताया कि इस बार भारत और छत्तीसगढ़ में कोरोना का जो वेरिएंट आया है, वह jw-1 है, जो पृथ्वी में पिछले 1 साल से है. लेकिन कोरोना का यह वेरिएंट भारतवर्ष में नए तरीके से आया है और कोरोना पॉजिटिव केस में बढ़ोतरी कर रहा है.
डॉ. आरके पंडा ने बताया कि कोरोना के तीन फॉर्म होते हैं. ये हैं माइल्ड, मॉडरेट और सीवियर. अभी तक जो भी कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, उनमें माइल्ड फॉर्म मिले हैं. जिसमें ऑक्सीजन से संबंधित कोई परेशानी नहीं है. बुखार जरूर आ रहा है, लेकिन उसे नियंत्रित किया जा सकता है. सांस लेने में मरीज को कोई तकलीफ नहीं हो रही है. बदन दर्द और गले में थोड़ा सा दर्द रहता है. ऐसे में माइल्ड फॉर्म के मरीजों को होम आइसोलेशन में ही ठीक किया जा रहा है.
सतर्क और सावधान रहें: डॉ. आरके पंडा ने बताया कि अगर किसी मरीज में सांस फूलना, ऑक्सीजन का सैचुरेशन अगर 94 से कम होता है या फिर कोई दूसरी गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसे एडमिट करके इलाज किया जा रहा है. इसमें किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं की जा रही है. लेकिन अगर किसी मरीज को गंभीर बीमारी जैसे डायबिटीज है, किडनी की बीमारी है, लीवर की बीमारी है या फिर किसी मरीज को कैंसर है या फिर लंग्स से संबंधित कोई बीमारी है तो ऐसे मरीज को सतर्क और सावधान रहने के साथ ही कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए.