पटना : बिहार की राजधानी पटना में कोरोना वायरस ने एक बार फिर पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में 10 नए संक्रमित मरीज मिले हैं, जिसके बाद कुल मामलों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है. इनमें एनएमसीएच के एक इंटर्न डॉक्टर, बख्तियारपुर के एक नागरिक और निजी अस्पताल की एएनएम सहित कई लोग शामिल हैं. हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक 17 मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके हैं और किसी को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है. वर्तमान समय में 29 एक्टिव मामले हैं.
राज्य पूरी तरह तैयार- स्वास्थ्य मंत्री : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि बिहार सरकार ने देशभर में कोविड के बढ़ते खतरे को देखते हुए रोकथाम, जांच और उपचार व्यवस्था को मुकम्मल किया है. उन्होंने कहा राज्य ने पहले भी कोविड प्रबंधन में मिसाल कायम की है और इस बार भी संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं.

"हमने 38 जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में 60,000 रियल टाइम पीसीआर किट और 40,000 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन किट की आपूर्ति शुरू कर दी है. इन किटों के सदुपयोग की जिम्मेदारी सिविल सर्जनों और अस्पताल प्रशासन को सौंपी गई है ताकि कोई लापरवाही न हो."- मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
'सतर्कता ही बचाव है' : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क रहें. कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाकर और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराकर इस संक्रमण को रोका जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और दवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. हालांकि राज्य में स्थित अभी नियंत्रण में है और चिंता की कोई बात नहीं है. अस्पतालों में जांच किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
बख्तियारपुर तक फैला संक्रमण : पटना जिला सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि नए मामलों में एनएमसीएच के एक इंटर्न डॉक्टर, निजी अस्पताल की एएनएम समेत गोलारोड और अनीसाबाद के मरीज शामिल हैं. बख्तियारपुर के भी एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है. इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में एक्सीबिशन रोड, मीठापुर और हनुमान नगर जैसे इलाकों में भी मामले सामने आए हैं.
''संक्रमितों के स्वास्थ्य की मॉनिटरिंग स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही है. हम लोग नजर बनाए हुए हैं. अच्छी बात यह है कि सभी मरीज संक्रमण के हाल के लक्षण के साथ होम आइसोलेशन में हैं.''- डॉ. अविनाश कुमार सिंह. सिविल सर्जन, पटना
'लापरवाही बनी चिंता का सबब' : पटना में कोरोना के बढ़ते मामले पर चिंता जाहिर करते हुए वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि अधिकांश लोग सर्दी-खांसी, बुखार और शरीर दर्द को मौसमी बीमारी मानकर कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं. इसके अलावा अस्पतालों में मरीज मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग नहीं कर रहे.
''स्वास्थ्य संस्थानों में चेहरे पर मास्क सभी के लिए अनिवार्य हो जाना चाहिए. यदि किसी को संक्रमण का लक्षण है तो उसे भी जांच करानी चाहिए. क्योंकि उसकी लापरवाही उसके साथ-साथ अन्य लोगों के लिए भी खतरा बन सकती है. कोरोना के लक्षण सभी जानते हैं और यदि किसी को लक्षण दिखता है तो तुरंत जांच कराएं. शुरुआती पहचान से उपचार आसान है.''- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक
ये भी पढ़ें :-
पटना में कोरोना विस्फोट! चपेट में आ रहे बुजुर्ग और बच्चे, 4 नए मरीज के साथ ही आंकड़ा पहुंचा 34
सावधान! बिहार में तेजी से फैल रहा कोरोना, 24 घंटे में 6 संक्रमित मिले, अब तक कुल 30 मरीजों की पुष्टि
पटना में नहीं थम रहा कोरोना, IGIMS की डॉक्टर समेत 4 संक्रमित, मॉक ड्रिल की तैयारी