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कॉर्बेट प्रशासन ने घायल बाघों को किया ट्रेंकुलाइज, उपचार के लिए भेजा ढेला रेस्क्यू सेंटर - TIGER RESCUE IN RAMNAGAR

रामनगर कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने घायल बाघों को ट्रेंकुलाइज कर ढेला रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है.

Ramnagar Tiger Rescue
घायल बाघों को ट्रेंकुलाइज कर भेजा गया ढेला रेस्क्यू सेंटर (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 9, 2025 at 9:00 AM IST

3 Min Read

रामनगर: कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने दो घायल बाघों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है. दोनों बाघों को ढिकाला और ढेला पर्यटन जोन से ट्रेंकुलाइज कर ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट किया गया है. जहां घायल बाघों का इलाज किया जा रहा है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन मिश्रा ने बताया कि बाघों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी.

घायल बाघों को किया गया ट्रेंकुलाइज: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला और ढेला रेंज में पिछले कुछ दिनों से बाघों के घायल अवस्था में दिखाई देने की सूचनाएं मिल रही थी. पार्क प्रशासन की गश्ती टीमों ने इन दोनों बाघों की लगातार निगरानी की. वरिष्ठ पशु चिकित्सकों, वनकर्मियों, ड्रोन और हाथियों की मदद से दोनों बाघों को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया. ढिकाला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किए गए बाघ की उम्र करीब 5 वर्ष बताई जा रही है. प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह बाघ आपसी संघर्ष में घायल हुए हैं. वहीं, दूसरे बाघ की उम्र 7 से 8 वर्ष के बीच आंकी जा रही है. जिसे ढेला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किया गया है. दोनों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है.

घायल बाघों को किया गया ट्रेंकुलाइज (Video-ETV Bharat)

घायल बाघों पर रखी जा रही थी नजर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन मिश्रा ने बताया कि पार्क के दो अलग-अलग क्षेत्रों से इन दोनों बाघों को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया है. उन्होंने बताया कि पार्क की नियमित गश्ती टीम को यह बाघ घायल अवस्था में दिखे थे. जिसके बाद वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की निगरानी में इनका रेस्क्यू अभियान चलाया गया. रंजन मिश्रा ने आगे बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वन विभाग की पूरी टीम अलर्ट मोड पर थी. हाथियों के सहारे जंगल की गहराई में जाकर बाघों की सटीक लोकेशन तय की गई और फिर ड्रोन कैमरों व वनकर्मियों की पैदल गश्त के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई. यह सुनिश्चित किया गया कि बाघों को किसी प्रकार की अतिरिक्त चोट न लगे और उन्हें सुरक्षित रूप से ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया जा सके.

विशेषज्ञों की टीम कर रही उपचार: ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में फिलहाल दोनों बाघों का उपचार चल रहा है. पशु चिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम दोनों बाघों की देखरेख में लगी हुई है. रेस्क्यू सेंटर में इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. जहां एक बाघ की स्थिति संतोषजनक बताई जा रही है.वहीं दूसरा बाघ अधिक गंभीर चोटों से जूझ रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. कॉर्बेट प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों से और भी सलाह ली जाएगी, ताकि घायल बाघों को बेहतर से बेहतर उपचार मिल सके.

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रामनगर: कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने दो घायल बाघों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया है. दोनों बाघों को ढिकाला और ढेला पर्यटन जोन से ट्रेंकुलाइज कर ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में शिफ्ट किया गया है. जहां घायल बाघों का इलाज किया जा रहा है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन मिश्रा ने बताया कि बाघों पर लंबे समय से नजर रखी जा रही थी.

घायल बाघों को किया गया ट्रेंकुलाइज: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के ढिकाला और ढेला रेंज में पिछले कुछ दिनों से बाघों के घायल अवस्था में दिखाई देने की सूचनाएं मिल रही थी. पार्क प्रशासन की गश्ती टीमों ने इन दोनों बाघों की लगातार निगरानी की. वरिष्ठ पशु चिकित्सकों, वनकर्मियों, ड्रोन और हाथियों की मदद से दोनों बाघों को ट्रेंकुलाइज कर सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया. ढिकाला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किए गए बाघ की उम्र करीब 5 वर्ष बताई जा रही है. प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह बाघ आपसी संघर्ष में घायल हुए हैं. वहीं, दूसरे बाघ की उम्र 7 से 8 वर्ष के बीच आंकी जा रही है. जिसे ढेला पर्यटन जोन से रेस्क्यू किया गया है. दोनों की हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है.

घायल बाघों को किया गया ट्रेंकुलाइज (Video-ETV Bharat)

घायल बाघों पर रखी जा रही थी नजर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के चीफ वाइल्डलाइफ वार्डन रंजन मिश्रा ने बताया कि पार्क के दो अलग-अलग क्षेत्रों से इन दोनों बाघों को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया गया है. उन्होंने बताया कि पार्क की नियमित गश्ती टीम को यह बाघ घायल अवस्था में दिखे थे. जिसके बाद वरिष्ठ पशु चिकित्सकों की निगरानी में इनका रेस्क्यू अभियान चलाया गया. रंजन मिश्रा ने आगे बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वन विभाग की पूरी टीम अलर्ट मोड पर थी. हाथियों के सहारे जंगल की गहराई में जाकर बाघों की सटीक लोकेशन तय की गई और फिर ड्रोन कैमरों व वनकर्मियों की पैदल गश्त के जरिए उनकी गतिविधियों पर नजर रखी गई. यह सुनिश्चित किया गया कि बाघों को किसी प्रकार की अतिरिक्त चोट न लगे और उन्हें सुरक्षित रूप से ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया जा सके.

विशेषज्ञों की टीम कर रही उपचार: ढेला रेंज स्थित रेस्क्यू सेंटर में फिलहाल दोनों बाघों का उपचार चल रहा है. पशु चिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम दोनों बाघों की देखरेख में लगी हुई है. रेस्क्यू सेंटर में इनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है. जहां एक बाघ की स्थिति संतोषजनक बताई जा रही है.वहीं दूसरा बाघ अधिक गंभीर चोटों से जूझ रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. कॉर्बेट प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो विशेषज्ञों से और भी सलाह ली जाएगी, ताकि घायल बाघों को बेहतर से बेहतर उपचार मिल सके.

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