रांचीः सरला बिरला विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की मौजूदगी में वर्ष 2022-23 और 2023-24 में उपाधि प्राप्त करने वाले 43 गोल्ड मेडल और 5 पीएचडी सहित 1664 डिग्री धारकों को प्रमाण पत्र सौंपा गया. इसके अलावा विश्वविद्यालय के द्वारा पद्मश्री डॉ. खादर वल्ली को मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किया गया.
इस मौके पर एसबीयू के महानिदेशक गोपाल पाठक और कुलपति प्रो. सी जगन्नाथन ने सभी अतिथियों और डिग्रीधारकों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कामकाज और भविष्य की कार्ययोजना पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने संबोधित करते हुए डिग्रीधारक विद्यार्थियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह दीक्षांत समारोह न केवल विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा की पूर्णता का प्रतीक है, बल्कि यह उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत भी है. उन्होंने कहा कि यह उपाधि केवल एक प्रमाण-पत्र नहीं, बल्कि यह समाज, राष्ट्र और मानवता के प्रति एक उत्तरदायित्व का संकेत है, अब इनके ज्ञान, अनुशासन और मूल्यों की असली परीक्षा शुरू होती है.
43 स्वर्ण पदक विजेताओं को मिला ‘बसंत कुमार सरला बिरला स्वर्ण पदक’
सरला बिरला विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के हाथों 43 स्वर्ण पदक विजेताओं को ‘बसंत कुमार सरला बिरला स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया गया. राज्यपाल ने ऐसे विजेताओं को विशेष रूप से बधाई देते हुए कहा कि उनकी उत्कृष्टता संपूर्ण छात्र समुदाय के लिए प्रेरणादायक है. उन्होंने पारंपरिक और जैविक कृषि के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले पद्मश्री डॉ. खादर वल्ली को विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट उपाधि से सम्मानित किए जाने पर कहा कि डॉ. वल्ली का कार्य स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मील का पत्थर है. नई पीढ़ी के लिए उनका जीवन प्रेरणा का स्रोत है.
अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान का उपयोग समाज और राष्ट्र की सेवा में विद्यार्थी करें. उन्होंने विश्वविद्यालय के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों की दिशा में सार्थक पहल करने पर बधाई दी और कहा कि यह नीति विद्यार्थियों के समग्र विकास, बहुविषयक अध्ययन और भारतीय ज्ञान परंपराओं की पुनर्स्थापना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. उन्होंने विद्यार्थियों से सिर्फ नौकरी के लिए नहीं बल्कि नई-नई खोज के साथ उद्यम पर जोर देने का आह्वान किया.
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