जयपुर: देश में डेंटल शिक्षा और नवाचार के लिए प्रसिद्ध जयपुर के दिल्ली रोड स्थित एक डेंटल कॉलेज में यूक्रेन समेत विदेशों से आ रहे विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेंटल इंप्लांट का प्रशिक्षण दे रहे है. इंप्लांट होने के बाद केवल तीन दिन में मरीज खाना खाने को तैयार हो जाता है. करीब 200 मरीजों का इंप्लांट निशुल्क किया जा चुका है. इमीडिएट ट्रीटमेंट टेक्नोलॉजी दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आई है.
अब 6 महीने की बजाय इमीडिएट ट्रीटमेंट टेक्नोलॉजी से 72 घंटे में मरीज को नए स्थाई दांत मिल रहे हैं. पहले परंपरागत दंत चिकित्सा में 5 से 7 लाख रुपए का खर्च आता था, लेकिन इस टेक्नोलॉजी से नॉर्मल शुल्क पर इलाज मिल रहा है. यहां इंप्लांट लोडिंग फैलोशिप प्रोग्राम चल रहा है. इसमें पूरी दुनिया के डॉक्टर भाग ले रहे हैं. इस प्रोग्राम के तहत कॉलेज में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इसमें इस साल 10 डॉक्टर्स को डिप्लोमा प्रदान किए गए.
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राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष डॉ विकास जैफ ने बताया कि इस कॉलेज में वर्ष 2020 से विशेष डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जा रहा है. पूरे देश में यह कोर्स केवल इसी कॉलेज में ही उपलब्ध है. पाठ्यक्रम के माध्यम से डेंटिस्ट को इमिडीएट लोडिंग बेसल इंप्लांट तकनीकी विशेषज्ञ में दक्षता दी जाती है. यह आधुनिक डेंटल चिकित्सा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है. उन्होंने कहा कि इस स्पेशल कोर्स के लिए अंतरराष्ट्रीय इंप्लांट फाउंडेशन के साथ आगामी 5 वर्षों के लिए एमओयू का नवीनीकरण किया गया है. अभी तक 80 स्कॉलर्स को यह कोर्स अवार्ड दिया गया है. कोर्स के दौरान 200 मरीजों को फुल माउथ रेहबिलिटेशन इंप्लांट किया गया है. 200 मरीजों का निशुल्क इलाज किया गया है.
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में डॉ. विवेक गौड़ को चीफ मेंटर और डॉ. येन वारिस यूक्रेन को मेंटर के रूप में सम्मानित किया गया. मेजर मार्टिन (हंगरी) सहित भारत के अलग-अलग राज्यों के 10 डेंटिस्ट को यह डिप्लोमा प्रदान किए गए. इस कोर्स का उद्देश्य डेंटिस्ट्स को वैश्विक मानकों पर आधारित प्रशिक्षण देना है, ताकि वे अपने देश और विदेशों में कार्य करते हुए आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर सकें. इस समारोह में डॉ. प्रशांत पिल्लई, डॉ. योगेश यादव, डॉ. महेन्द्र तिवाड़ी, डॉ. मनोज भारद्वाज, डॉ सुनील कुमार एम वी, डॉ. राजेश गुर्जर और डॉ. विक्रम सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
आधुनिक तकनीकी से मरीज को रियायती इलाज: परम्परागत इलाज में लगभग 5-7 लाख रुपए तक का खर्चा आता है, लेकिन इस डेंटल कॉलेज में आधुनिक तकनीकी से मरीज को रिहायती दर और निशुल्क इलाज मुहैया करवाया जा रहा है. इससे गरीब और आमजन लाभान्वित हो रहे हैं. दिल्ली रोड स्थित इस निजी डेंटल कॉलेज में चल रहे फैलोशिप प्रोग्राम इम्प्लांट के दीक्षांत समारोह में इस साल 10 डॉक्टर्स को डिप्लोमा प्रदान किए गए. राजस्थान स्टेट डेंटल काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विकास जैफ और जर्मनी से आए डॉक्टर स्टीफन ने डॉक्टर्स को डिप्लोमा प्रदान किए.