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जैसलमेर में गर्मी में जलसंकट से निपटने का प्लान तैयार, ग्रामीण व पशुधन की प्यास बुझाने के किए इंतजाम - WATER CRISIS IN JAISALMER

जलदाय विभाग ने जैसलमेर के 483 गांवों और 211 ढाणियों तक समय पर पानी पहुंचाने का प्लान बनाया है. इससे पशुधन को भी राहत मिलेगी.

Water supply department made a special plan in Jaisalmer
जैसलमेर में जलदाय विभाग ने बनाया विशेष प्लान (ETV Bharat Jaisalmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 1:30 PM IST

2 Min Read

जैसलमेर: हर साल की तरह जिले में गर्मियों के साथ ही पानी का संकट इस बार भी गहराने लगा है. अप्रैल से जून के बीच ग्रामीण और शहरी इलाकों में पेयजल के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. इस बार जलदाय विभाग ने विशेष कंटिंजेंसी प्लान बनाया है ताकि जिले के 483 गांवों और 211 ढाणियों तक समय पर पानी पहुंचाया जा सके. हर साल की तरह इस बार भी नहरबंदी में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी. पहले 30 दिन नहर से पेयजल आपूर्ति की जाती है, लेकिन अगले 30 दिन जल भंडारण के भरोसे गुजरते हैं. इस दौरान गांवों और ढाणियों में पानी की किल्लत हो जाती है. नहरों का उद्देश्य मूल रूप से पेयजल आपूर्ति था, लेकिन समय के साथ कृषि के लिए भूमि आवंटित होने से सिंचाई की मांग भी बढ़ी. इससे नहरों से पानी कम हो गया और पेयजल संकट गहराने लगा.

जलदाय विभाग के एसई कैलाशचंद्र मीणा ने बताया कि विभाग ने 483 गांव और 211 ढाणियों तक टैंकरों से जल पहुंचाने की योजना बनाई है. इसके लिए 2.69 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है. जल परिवहन के लिए अलग से 6.77 करोड़ रुपए मंजूर किए.इस राशि से टैंकर संख्या बढ़ाएंगे. पिछले वर्षों में जल संकट से मनुष्यों के साथ मवेशियों को भी भारी कठिनाई हुई. इस बार कंटिंजेंसी प्लान में पशुधन को प्राथमिकता दी है.सरहदी क्षेत्रों में पशुधन अधिक है, वहां विशेष रूप से पानी की व्यवस्था की जा रही है.

जलसंकट से निजात के लिए इंतजाम की जानकारी देते अधिकारी (ETV Bharat Jaisalmer)

पढ़ें:इंदिरा गांधी नहर में 26 मार्च से 60 दिन की नहरबंदी, जल संकट की आशंका -

नए हैंडपंप और ट्यूबवेल: वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के तहत जैसलमेर को 20 नए हैंडपंप की सौगात मिली. विभाग ने सभी हैंडपंप खुदवा लिए, जिनमें 16 शुरू कर दिए. साथ ही 10 नए ट्यूबवेल भी खोदे गए, जिनमें से 8 चालू हो चुके हैं. इससे न केवल जलस्रोतों में वृद्धि हुई, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की जल आपूर्ति में स्थायित्व भी आया. कंटिंजेंसी प्लान केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. जैसलमेर और पोकरण जैसे शहरों में भी जलापूर्ति सुनिश्चित करने के कदम उठाए हैं. इन क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है.विभाग ने बताया कि आगामी 60 दिनों जलसंकट नहीं होने की पूरी कोशिश है.

जैसलमेर: हर साल की तरह जिले में गर्मियों के साथ ही पानी का संकट इस बार भी गहराने लगा है. अप्रैल से जून के बीच ग्रामीण और शहरी इलाकों में पेयजल के लिए लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है. इस बार जलदाय विभाग ने विशेष कंटिंजेंसी प्लान बनाया है ताकि जिले के 483 गांवों और 211 ढाणियों तक समय पर पानी पहुंचाया जा सके. हर साल की तरह इस बार भी नहरबंदी में पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी. पहले 30 दिन नहर से पेयजल आपूर्ति की जाती है, लेकिन अगले 30 दिन जल भंडारण के भरोसे गुजरते हैं. इस दौरान गांवों और ढाणियों में पानी की किल्लत हो जाती है. नहरों का उद्देश्य मूल रूप से पेयजल आपूर्ति था, लेकिन समय के साथ कृषि के लिए भूमि आवंटित होने से सिंचाई की मांग भी बढ़ी. इससे नहरों से पानी कम हो गया और पेयजल संकट गहराने लगा.

जलदाय विभाग के एसई कैलाशचंद्र मीणा ने बताया कि विभाग ने 483 गांव और 211 ढाणियों तक टैंकरों से जल पहुंचाने की योजना बनाई है. इसके लिए 2.69 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है. जल परिवहन के लिए अलग से 6.77 करोड़ रुपए मंजूर किए.इस राशि से टैंकर संख्या बढ़ाएंगे. पिछले वर्षों में जल संकट से मनुष्यों के साथ मवेशियों को भी भारी कठिनाई हुई. इस बार कंटिंजेंसी प्लान में पशुधन को प्राथमिकता दी है.सरहदी क्षेत्रों में पशुधन अधिक है, वहां विशेष रूप से पानी की व्यवस्था की जा रही है.

जलसंकट से निजात के लिए इंतजाम की जानकारी देते अधिकारी (ETV Bharat Jaisalmer)

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नए हैंडपंप और ट्यूबवेल: वर्ष 2024-25 की बजट घोषणा के तहत जैसलमेर को 20 नए हैंडपंप की सौगात मिली. विभाग ने सभी हैंडपंप खुदवा लिए, जिनमें 16 शुरू कर दिए. साथ ही 10 नए ट्यूबवेल भी खोदे गए, जिनमें से 8 चालू हो चुके हैं. इससे न केवल जलस्रोतों में वृद्धि हुई, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की जल आपूर्ति में स्थायित्व भी आया. कंटिंजेंसी प्लान केवल ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित नहीं है. जैसलमेर और पोकरण जैसे शहरों में भी जलापूर्ति सुनिश्चित करने के कदम उठाए हैं. इन क्षेत्रों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही है.विभाग ने बताया कि आगामी 60 दिनों जलसंकट नहीं होने की पूरी कोशिश है.

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