
सुंदर जैन के शंख की गूंज बनी पहचान, सेहत से साधना तक मिलती नई शक्ति
65 वर्षीय कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ता सुंदर जैन हर रैली, सभा और आंदोलन में जोश का प्रतीक बन चुके हैं.

Published : October 8, 2025 at 5:48 PM IST
जयपुर : राजनीति में नारे, भाषण और पोस्टर आम बातें हैं, लेकिन अगर कोई अपनी साधना और समर्पण से पूरे मंच का माहौल बदल दे तो वो साधारण नहीं हो सकता. ऐसे ही राजस्थान कांग्रेस सेवादल के एक कार्यकर्ता हैं सुंदर जैन, जो 65 साल की उम्र में भी अपने हाथों में शंख उठाते हैं और गहरी सांस लेकर मंच पर शंखनाद करते हैं. इस दौरान ऐसा लगता है कि जैसे माहौल में कोई आध्यात्मिक ऊर्जा घुल गई हो. कांग्रेस की रैलियों और सभाओं में सब कुछ शांत हो जाता है और उनकी शंख ध्वनि पूरे वातावरण में गूंज उठती है. तब मंच पर मौजूद पार्टी के बड़े-बड़े नेता भी उनके शंखनाद पर तालियां बजाने और उनकी प्रशंसा करने को मजबूर हो जाते हैं.
शौक से शुरू हुई साधना अब बन गई पहचान : 65 वर्षीय कांग्रेस सेवादल के प्रदेश सचिव सुंदर जैन का कहना है कि वे बचपन से ही शंख बजाते हुए आ रहे हैं. उनका परिवार गोविंद देव जी मंदिर के पास रहता था, जहां वे पुजारियों को शंख बजाते हुए देखते थे. उनके पिता मोहनलाल जैन कर्मचारी नेता थे. एक बार वो दक्षिण भारत गए थे तो शंख लेकर आए थे. इसके बाद वो पुजारी परिवारों के साथ घंटों शंख बजाने का अभ्यास करते थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका यह शौक एक दिन उनकी पहचान बन जाएगा. आज सुंदर जैन के नाम से भले ही प्रदेश के दूर दराज के कांग्रेसी नहीं जानते हों, लेकिन शंख बजाने वाले कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर पूरे प्रदेश में पहचान है. जब भी राजधानी जयपुर में कोई राष्ट्रव्यापी या प्रदेशव्यापी रैली, सभा हुई है, तब उनके शंखनाद के बाद ही इसका आगाज होता था और दूर-दराज से आए कांग्रेस कार्यकर्ता जैन को मंच से शंख बजाते हुए देखते हैं.
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1988 में कांग्रेस ज्वाइन की : सुंदर जैन ने बताया कि उन्होंने 1988 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. तब देश में सांप्रदायिक तनाव का दौर था, लेकिन वो एक कार्यकर्ता के तौर पर शामिल हुए. उस वक्त एक नौजवान कार्यकर्ता था और जोश खरोश के साथ शहर भर में हिंदू-मुसलमान के बीच सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए गली मोहल्ले में घूमते थे. तब भी कांग्रेस नेताओं ने उनके इस काम की तारीफ की थी. तब भी वो हर रैली, हर आंदोलन, हर मीटिंग में शंखनाद करते थे और यह उनके दिनचर्या का हिस्सा बन गया है.
शंख बजाना परंपरा नहीं एक साधना : सुंदर जैन का कहना है कि शंख बजाना दिल, फेफड़े और श्वसन प्रणाली के लिए कसरत जैसा है. जब वो शंख बजाते हैं तो ऐसा लगता है कि अंदर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल रही है और नई शक्ति भर रही है. आज 65 साल की उम्र में भी वो उसी तरह से शंख बजाते हैं, जैसे वो युवावस्था में बजाते थे. सुंदर जैन का दावा है कि काफी देर तक बिना रुके शंख बजा सकते हैं. उन्होंने कहा कि 1988 से लेकर अब तक उन्होंने कई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देखे हैं और हर किसी ने उनके शंखनाद को सराहा और मंच पर बुलाकर सम्मान दिया. यह गौरव का पल होता है, जब राष्ट्रीय नेता मंच पर बुलाकर शंखनाद के लिए कहते हैं.

शंखनाद युद्ध में किया जाता था : सुंदर जैन ने बताया कि शंखनाद युद्ध आरंभ और समाप्त करने के लिए किया जाता था. महाभारत के युद्ध में भी शंखनाद होता था. इसके अलावा भी कई अन्य युद्धों में भी शंखनाद होता था, लेकिन युद्ध में शंखनाद की जगह सायरन ने ले ली है. आज सभी बड़े-बड़े मंदिरों और धार्मिक अनुष्ठानों में भी शंखनाद होता है. शंख की ध्वनि एक तरह इंसान को परमात्मा से जोड़ती है.
डोटासरा बोले, पार्टी के अनुशासित सिपाही : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि वरिष्ठ कार्यकर्ता सुंदर जैन पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं. पार्टी के हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में एक अनुशासित सिपाही की तरह मौजूद रहते हैं. जो जिम्मेदारी मिलती है उसे बखूबी निभाते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि जब वे पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में शंखनाद करते हैं तो एक सकारात्मक ऊर्जा हमें अपने आसपास महसूस होती है. ऐसा लगता है सीधे परमात्मा से जुड़ाव हो गया है. हर कोई केवल मंत्र मुग्ध होकर सुनता रहता है. पार्टी के शीर्ष नेता भी जयपुर आते हैं और सुंदर जैन शंखनाद करते हैं तो वे उनकी प्रशंसा किए बगैर नहीं रहते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं की जब जयपुर में सभा होती है तो वो मंच से शंखनाद करते हैं. डोटासरा का कहना है कि सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस उम्र में भी वो शंख बजाते हैं जो हमारे साथ-साथ युवाओं को भी प्रेरणा मिलती है.

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सुंदर जैन के बिना कांग्रेस सेवा दल अधूरा है : कांग्रेस सेवादल के प्रदेशाध्यक्ष हेम सिंह शेखावत का कहना है कि सुंदर जैन पार्टी के कर्मठ, ईमानदार और अनुशासित कार्यकर्ता हैं. सुंदर जैन के बिना कांग्रेस सेवा दल अधूरा है. जब भी पार्टी का कोई बड़ा कार्यक्रम सभा या धरना होता है, सुंदर जैन शंख बजाकर पार्टी में जोश भरने का काम करते हैं. जब वे शंख बजाते हैं तो हर कोई मंत्रमुग्ध होकर केवल उनके शंख की ध्वनि को ही सुनता रहता है.
प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय सचिव मोहम्मद अयूब का कहना है कि सुंदर जैन लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. 65 साल की उम्र होने के बावजूद भी उनका जोश बरकरार है. पार्टी के लिए हमेशा समर्पित रहते हैं. जिस तरह से वे शंखनाद करते हैं वो देखने वाला होता है. शायद ही कोई ऐसा कार्यक्रम होगा, जिसमें उन्होंने शंखनाद नहीं किया हो. यही वजह है कि हमारी सरकार में उन्हें एक बोर्ड का मेंबर भी बनाया गया था.

