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धान पर सियासी घमासान: कांग्रेस ने खाद की कमी पर सरकार से पूछा सवाल, बीजेपी ने दिखाया खरीदी का रिकॉर्ड - SHORTAGE OF FERTILIZER

छत्तीसगढ़ के किसान धान लगाने की तैयारियों में जुट गए. कांग्रेस ने खाद की किल्लत और राइस मिलरों के बहाने सरकार को घेरा है.

SHORTAGE OF FERTILIZER
धान पर सियासी घमासान (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : June 7, 2025 at 10:04 AM IST

9 Min Read

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान किसानों कि आजीविका का प्रमुख साधन है. प्रदेश के विकास में धान की खेती की बड़ी भूमिका है. दूसरी ओर यह राजनीति का भी एक बड़ा मुद्दा हमेशा से रहा है. बरसात शुरू हो गई है और किसान धान की खेती की तैयारियों में जुट गये हैं, लेकिन इसके पहले ही भाजपा कांग्रेस ने धान की खेती को मुद्दा बनाकर एक दूसरे पर हमले शुरू कर दिए हैं.

खाद की किल्लत पर कांग्रेस का सवाल: कांग्रेस खाद की कमी, राइस मिलरों पर जबरदस्ती धान खरीदने का दवाव बनाने सहित कई तरह के आरोप सरकार पर लगा रही है. कांग्रेस का तो यह भी आरोप है कि सरकार खाद की कमी कर प्रदेश में धान की फसल को प्रभावित करना चाहती है, जिससे उन्हें कम धान खरीदी करनी पड़े. वहीं दूसरी ओर भाजपा लगातार धान खरीदी में रिकॉर्ड बनाने के दावे कर रही है, और बता रही है उसके पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है. इस तरह से भाजपा कांग्रेस ने धान की खेती पर सियासी वार पलटवार शुरू कर दिया है.

धान पर सियासी घमासान (ETV Bharat)

दीपक बैज का आरोप: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि किसानों को उनके हक की राशि मिले. पिछले समय 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा करने वाली सरकार 10 से 12 और 15 क्विंटल धान खरीद रही थी. कांग्रेस के विरोध के बाद लगभग 20 से साढे इक्कीस क्विंटल धान खरीदी हुई. किसानों को उनका हक मिला है. इसलिए अब सरकार को किसानों का धान न खरीदना पड़े उसके लिए खाद की कमी का दूसरा रास्ता अपनाया है, जिससे धान की पैदावार 21 क्विंटल प्रति एकड़ न हो. खाद की आवक को कम कर दिया गया है. जब खाद कम मिलेगा तो धान की पैदावार कैसे बढ़ेगी और धान की पैदावार नहीं बढ़ेगी तो सरकार का पैसा बचेगा. सरकार अपने बजट को बचाने के लिए किसानों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है.

कांग्रेस मीडिया सेल का सरकार पर तंज: कांग्रेस ​मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आंनद शुक्ला ने भी धान के मुद्दे को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का नुकसान छत्तीसगढ़ की जनता को उठाना पड़ रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदा गया धान सरकार उठाने की स्थिति में नहीं है. उसे खुले बाजार में नीलामी करने की कोशिश की गई. 1800 से 1900 रूपये क्विंटल में भी किसी ने धान नहीं खरीदा और अब राइस मिलरों को धान दबाव देकर देने की कोशिश की जा रही है.

धान की सबसे ज्यादा खेती है: शुक्ला ने कहा कि भुगतान की जाने वाली राशि के बदले वे धान लें और उस धान कि कीमत को भी सरकार तय करेगी. राइस मिलरों को बाहर में 1400 से 1500 रपए क्विंटल में धान मिल रहा है. यह छत्तीसगढ़ की स्थिति है. छत्तीसगढ़ के किसानों का जो प्रमुख उत्पाद धान है. डबल इंजन की सरकार में उसका निपटान नहीं हो पा रहा है. यदि डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ में उत्पादित धान से बने चावल को सेंट्रल पूल में खरीदती, तो ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती. आज 3100 रुपए क्विंटल का खरीदा गया धान 18 से 1900 रुपए क्विंटल में लेने को कोई तैयार नहीं है. सरकार कि इस अदूरदर्शिता का खामियाजा प्रदेश के किसानो को भुगतना पड़ेगा.

बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि दीपक बैज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ भी बयान दे रहे हैं. भाजपा की सरकार ने 1 लाख 49 हजार मेट्रिक टन रिकॉर्ड धान खरीदी की है. यह खरीदी लगातार चलती रहेगी. हमने घोषणा पत्र में कहा था 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ 3100 रुपए क्विंटल में लेगे, और एक मुश्त राशि देंगे, वह हम दे भी रहे हैं.

रिकॉर्ड धान खरीदी का वादा पूरा किया: बीजेपी ने कहा कि अब कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में नहीं है. कांग्रेस के शासन में इन लोगों ने दाना दाना धान खरीदने का वादा जनता से किया था जो झूठा साबित हुआ. कांग्रेस ने 15 क्विंटल का बैरियर लगा दिया, फिर गिरदावरी के नाम पर किसानों को तंग किया. ये वहीं कांग्रेस है जिसने मेड और पंप हाउस की कटौती की. इनके शासन काल में कितने किसानों ने जान दी ये सब जानते हैं.
बाईट : अनुराग अग्रवाल,प्रदेश मीडिया सह प्रभारी,भाजपा

10 लाख 72 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है. 5 लाख मीट्रिक टन खाद अभी स्टॉक में है. कांग्रेस ने कभी खेती की होती, तो उन्हें पता होता कि जून में मात्र 10-15% खाद की आवश्यकता होती है. यहां 50% खाद स्टॉक में है. जुलाई आते आते पूरे खाद उपलब्ध हो जाएगा. आप अपना समय याद करिए जब किसान का धान ना खरीदना पड़े, उसके लिए कभी बारदाने की कमी का बहाना करते थे तो कभी धान को भिगो भिगो कर दिखाते थे. आज छत्तीसगढ़ का किसान बहुत खुश है, प्रत्येक किसान को 21 क्विंटल धान 3100 रुपए की दर से खरीदा जा रहा है और वह भाजपा के वादे पर विश्वास करते हैं: अनुराग अग्रवाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी,भाजपा

राइस मिलर्स: वहीं राइस मिलर्स पर धान खरीदने का जबरदस्ती दबाव बनाए जाने के आरोप पर अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सुशील आंनद कंफ्यूज नजर आ रहे हैं, पहले वे किसानों की तरफ है या फिर राईस मिलरों की तरफ, स्पष्ट करें. याद है कि आपने इन्हीं व्यापारियों से ₹60 प्रति क्विंटल लेवी लेते थे, मीलिंग में आप पैसा अपना काटते थे. इससे परेशान होकर जनता ने भाजपा का साथ दिया. 1 लाख 49000 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. इसमें से 1 लाख 25000 केंद्रीय पूल और पीडीएस में जाएगा. लगभग 24000 मीट्रिक टन धान बच रहा है, उसकी नीलामी हो रही है. आपके समय भी एमएसपी से दो तीन सौ रूपये नीचे ही नीलामी होती थी. उस नीलामी का प्रयास किया जा रहा है. यह कांग्रेस का समय नहीं है, जो घोटाला भ्रष्टाचार को बचाने के लिए हाथियों को धान खिलाने कि योजनाएं आती थी. किसान का दाना दाना खरीदा जा रहा है.

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा: वहीं छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य वेगेंद्र कुमार सोनबेर का कहना है कि खेती का समय आ गया है. किसान उसकी तैयारी में लग गया है. लेकिन सरकार की तैयारी नाकाफी है. सरकार की तरफ से जो किसानों को खाद दिया जाना था वह सोसाइटी में बहुत कम है. जिससे किसान परेशान है. किसान नेता ने आरोप लगाया कि आज सोसाइटी में डीएपी खाद की शॉर्टेज बताई जा रही है. लेकिन व्यापारियों के पास खुले बाजार की दुकान में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उनके पास खाद 1800 से ₹2000 में किसानों को मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य वेगेंद्र कुमार सोनबेर ने कहा, सरकार दावा करती है कि खाद का 80% गवर्नमेंट और 20% निजी सप्लाई की जाती है. आज सोसाइटियों में कम और व्यापरियों की दुकानों में ज्यादा खाद कैसे है. यह सवाल उठता है. यह राजनीतिक और प्रशासन लोगों की मिली भगत से ही हो रहा है.

अंबिकापुर में नकली खाद और बीज का जखीरा मिलने की बात सामने आ रही है. इस सरकार के संरक्षण में किसानों को नकली खाद और नकली बीज परोसा जा रहा है. जिससे किसान अपना उत्पादन न कर सके और सरकार कम धान खरीदे. इसलिए यह षड्यंत्र किया जा रहा है: वेगेंद्र कुमार सोनबेर, सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा, छत्तीसगढ़

सेंट्रल पूल: किसान नेता वेगेन्द्र सोनबेर का कहना है कि सरकार ने 16 लाख मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजी थी. लेकिन वहां से 8 लाख मीट्रिक टन खाद ही छत्तीसगढ़ सरकार को देने की जानकारी आई है, यह साजिश है. ऐसे में किसानों को खाद नहीं मिलेगा और खाद ना मिलने से उनका उत्पादन प्रभावित होगा. इससे किसान 21 क्विंटल उत्पादन नहीं कर पाएंगे. इस मामले को लेकर किसान संगठन आने वाले समय में पुरजोर विरोध करेंगे और सरकार को किसानों की बात माननी पड़ेगी. हमारी यह भी मंगा है कि यदि किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कर पा रहे हैं, तो सब्सिडी दें जिससे उनके उत्पादन की भरपाई हो सके.

खरीफ सीजन में खाद की उपलब्धता: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को खरीफ सीजन में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के 5.52 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का भंडारण किया है. यह भंडारण प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों एवं विपणन संघ के माध्यम से किया गया है, जिससे किसानों को समय पर और सुगमता से खाद उपलब्ध हो सके. अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक के. एन. काण्डे ने बताया कि राज्य की सहकारी समितियों में अब तक 4.62 लाख टन खाद का भंडारण किया जा चुका है, जिसमें से 2.44 लाख टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है. वर्तमान में समितियों में 2.18 लाख टन खाद उपलब्ध है, जिसमें प्रमुख रूप से 92,120 टन यूरिया, 47,451 टन सुपर फास्फेट, 19,885 टन डीएपी, 32,643 टन एन.पी.के. और 25,855 टन पोटाश शामिल है.

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खाद की किल्लत पर कांग्रेस का सवाल: कांग्रेस खाद की कमी, राइस मिलरों पर जबरदस्ती धान खरीदने का दवाव बनाने सहित कई तरह के आरोप सरकार पर लगा रही है. कांग्रेस का तो यह भी आरोप है कि सरकार खाद की कमी कर प्रदेश में धान की फसल को प्रभावित करना चाहती है, जिससे उन्हें कम धान खरीदी करनी पड़े. वहीं दूसरी ओर भाजपा लगातार धान खरीदी में रिकॉर्ड बनाने के दावे कर रही है, और बता रही है उसके पास पर्याप्त खाद उपलब्ध है. इस तरह से भाजपा कांग्रेस ने धान की खेती पर सियासी वार पलटवार शुरू कर दिया है.

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दीपक बैज का आरोप: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि किसानों को उनके हक की राशि मिले. पिछले समय 21 क्विंटल धान खरीदी का वादा करने वाली सरकार 10 से 12 और 15 क्विंटल धान खरीद रही थी. कांग्रेस के विरोध के बाद लगभग 20 से साढे इक्कीस क्विंटल धान खरीदी हुई. किसानों को उनका हक मिला है. इसलिए अब सरकार को किसानों का धान न खरीदना पड़े उसके लिए खाद की कमी का दूसरा रास्ता अपनाया है, जिससे धान की पैदावार 21 क्विंटल प्रति एकड़ न हो. खाद की आवक को कम कर दिया गया है. जब खाद कम मिलेगा तो धान की पैदावार कैसे बढ़ेगी और धान की पैदावार नहीं बढ़ेगी तो सरकार का पैसा बचेगा. सरकार अपने बजट को बचाने के लिए किसानों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है.

कांग्रेस मीडिया सेल का सरकार पर तंज: कांग्रेस ​मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आंनद शुक्ला ने भी धान के मुद्दे को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला. सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का नुकसान छत्तीसगढ़ की जनता को उठाना पड़ रहा है. जनता की गाढ़ी कमाई से खरीदा गया धान सरकार उठाने की स्थिति में नहीं है. उसे खुले बाजार में नीलामी करने की कोशिश की गई. 1800 से 1900 रूपये क्विंटल में भी किसी ने धान नहीं खरीदा और अब राइस मिलरों को धान दबाव देकर देने की कोशिश की जा रही है.

धान की सबसे ज्यादा खेती है: शुक्ला ने कहा कि भुगतान की जाने वाली राशि के बदले वे धान लें और उस धान कि कीमत को भी सरकार तय करेगी. राइस मिलरों को बाहर में 1400 से 1500 रपए क्विंटल में धान मिल रहा है. यह छत्तीसगढ़ की स्थिति है. छत्तीसगढ़ के किसानों का जो प्रमुख उत्पाद धान है. डबल इंजन की सरकार में उसका निपटान नहीं हो पा रहा है. यदि डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ में उत्पादित धान से बने चावल को सेंट्रल पूल में खरीदती, तो ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती. आज 3100 रुपए क्विंटल का खरीदा गया धान 18 से 1900 रुपए क्विंटल में लेने को कोई तैयार नहीं है. सरकार कि इस अदूरदर्शिता का खामियाजा प्रदेश के किसानो को भुगतना पड़ेगा.

बीजेपी का पलटवार: कांग्रेस के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि दीपक बैज अपने अस्तित्व को बचाने के लिए कुछ भी बयान दे रहे हैं. भाजपा की सरकार ने 1 लाख 49 हजार मेट्रिक टन रिकॉर्ड धान खरीदी की है. यह खरीदी लगातार चलती रहेगी. हमने घोषणा पत्र में कहा था 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ 3100 रुपए क्विंटल में लेगे, और एक मुश्त राशि देंगे, वह हम दे भी रहे हैं.

रिकॉर्ड धान खरीदी का वादा पूरा किया: बीजेपी ने कहा कि अब कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में नहीं है. कांग्रेस के शासन में इन लोगों ने दाना दाना धान खरीदने का वादा जनता से किया था जो झूठा साबित हुआ. कांग्रेस ने 15 क्विंटल का बैरियर लगा दिया, फिर गिरदावरी के नाम पर किसानों को तंग किया. ये वहीं कांग्रेस है जिसने मेड और पंप हाउस की कटौती की. इनके शासन काल में कितने किसानों ने जान दी ये सब जानते हैं.
बाईट : अनुराग अग्रवाल,प्रदेश मीडिया सह प्रभारी,भाजपा

10 लाख 72 हजार मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता है. 5 लाख मीट्रिक टन खाद अभी स्टॉक में है. कांग्रेस ने कभी खेती की होती, तो उन्हें पता होता कि जून में मात्र 10-15% खाद की आवश्यकता होती है. यहां 50% खाद स्टॉक में है. जुलाई आते आते पूरे खाद उपलब्ध हो जाएगा. आप अपना समय याद करिए जब किसान का धान ना खरीदना पड़े, उसके लिए कभी बारदाने की कमी का बहाना करते थे तो कभी धान को भिगो भिगो कर दिखाते थे. आज छत्तीसगढ़ का किसान बहुत खुश है, प्रत्येक किसान को 21 क्विंटल धान 3100 रुपए की दर से खरीदा जा रहा है और वह भाजपा के वादे पर विश्वास करते हैं: अनुराग अग्रवाल, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी,भाजपा

राइस मिलर्स: वहीं राइस मिलर्स पर धान खरीदने का जबरदस्ती दबाव बनाए जाने के आरोप पर अनुराग अग्रवाल ने कहा कि सुशील आंनद कंफ्यूज नजर आ रहे हैं, पहले वे किसानों की तरफ है या फिर राईस मिलरों की तरफ, स्पष्ट करें. याद है कि आपने इन्हीं व्यापारियों से ₹60 प्रति क्विंटल लेवी लेते थे, मीलिंग में आप पैसा अपना काटते थे. इससे परेशान होकर जनता ने भाजपा का साथ दिया. 1 लाख 49000 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई है. इसमें से 1 लाख 25000 केंद्रीय पूल और पीडीएस में जाएगा. लगभग 24000 मीट्रिक टन धान बच रहा है, उसकी नीलामी हो रही है. आपके समय भी एमएसपी से दो तीन सौ रूपये नीचे ही नीलामी होती थी. उस नीलामी का प्रयास किया जा रहा है. यह कांग्रेस का समय नहीं है, जो घोटाला भ्रष्टाचार को बचाने के लिए हाथियों को धान खिलाने कि योजनाएं आती थी. किसान का दाना दाना खरीदा जा रहा है.

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा: वहीं छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य वेगेंद्र कुमार सोनबेर का कहना है कि खेती का समय आ गया है. किसान उसकी तैयारी में लग गया है. लेकिन सरकार की तैयारी नाकाफी है. सरकार की तरफ से जो किसानों को खाद दिया जाना था वह सोसाइटी में बहुत कम है. जिससे किसान परेशान है. किसान नेता ने आरोप लगाया कि आज सोसाइटी में डीएपी खाद की शॉर्टेज बताई जा रही है. लेकिन व्यापारियों के पास खुले बाजार की दुकान में खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. उनके पास खाद 1800 से ₹2000 में किसानों को मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य वेगेंद्र कुमार सोनबेर ने कहा, सरकार दावा करती है कि खाद का 80% गवर्नमेंट और 20% निजी सप्लाई की जाती है. आज सोसाइटियों में कम और व्यापरियों की दुकानों में ज्यादा खाद कैसे है. यह सवाल उठता है. यह राजनीतिक और प्रशासन लोगों की मिली भगत से ही हो रहा है.

अंबिकापुर में नकली खाद और बीज का जखीरा मिलने की बात सामने आ रही है. इस सरकार के संरक्षण में किसानों को नकली खाद और नकली बीज परोसा जा रहा है. जिससे किसान अपना उत्पादन न कर सके और सरकार कम धान खरीदे. इसलिए यह षड्यंत्र किया जा रहा है: वेगेंद्र कुमार सोनबेर, सदस्य, संयुक्त किसान मोर्चा, छत्तीसगढ़

सेंट्रल पूल: किसान नेता वेगेन्द्र सोनबेर का कहना है कि सरकार ने 16 लाख मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता सेंट्रल गवर्नमेंट को भेजी थी. लेकिन वहां से 8 लाख मीट्रिक टन खाद ही छत्तीसगढ़ सरकार को देने की जानकारी आई है, यह साजिश है. ऐसे में किसानों को खाद नहीं मिलेगा और खाद ना मिलने से उनका उत्पादन प्रभावित होगा. इससे किसान 21 क्विंटल उत्पादन नहीं कर पाएंगे. इस मामले को लेकर किसान संगठन आने वाले समय में पुरजोर विरोध करेंगे और सरकार को किसानों की बात माननी पड़ेगी. हमारी यह भी मंगा है कि यदि किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कर पा रहे हैं, तो सब्सिडी दें जिससे उनके उत्पादन की भरपाई हो सके.

खरीफ सीजन में खाद की उपलब्धता: छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को खरीफ सीजन में खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न प्रकार के 5.52 लाख टन रासायनिक उर्वरकों का भंडारण किया है. यह भंडारण प्रदेश की 2058 सहकारी समितियों एवं विपणन संघ के माध्यम से किया गया है, जिससे किसानों को समय पर और सुगमता से खाद उपलब्ध हो सके. अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक के. एन. काण्डे ने बताया कि राज्य की सहकारी समितियों में अब तक 4.62 लाख टन खाद का भंडारण किया जा चुका है, जिसमें से 2.44 लाख टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है. वर्तमान में समितियों में 2.18 लाख टन खाद उपलब्ध है, जिसमें प्रमुख रूप से 92,120 टन यूरिया, 47,451 टन सुपर फास्फेट, 19,885 टन डीएपी, 32,643 टन एन.पी.के. और 25,855 टन पोटाश शामिल है.

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