नारायणपुर: छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा लागू की जा रही युक्तियुक्तकरण नीति को लेकर विरोध तेज हो गया है. नारायणपुर जिले में कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के बाद अब इसके विरोध में कांग्रेस पार्टी भी उतर आई है.
युक्तियुक्तकरण नीति का विरोध: नारायणपुर जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर सरकार पर तीखा हमला बोला. जिला अध्यक्ष बिसेल नाग और ब्लॉक कांग्रेस प्रमुख रवि देवांगन सहित पदाधिकारियों ने इस नीति को जनविरोधी बताते हुए कहा कि इससे खासकर अबूझमाड़ जैसे अति दुर्गम क्षेत्र के विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ साथ स्कूलों में कार्य कर रहे रसोइया, स्वीपर और अनियमित चपरासियों की नौकरियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.
जिला कांग्रेस की चेतावनी: नारायणपुर के राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रवि देवांगन ने स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण के खिलाफ यह विरोध का पहला चरण है. उन्होंने कहा कि इस नीति से छात्रों सहित भावी नौकरियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा.
रवि देवांगन ने आरोप लगाया कि भाजपा द्वारा अबूझमाड़ सहित पूरे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों जैसे बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे स्थानों की जरूरतों और क्षेत्रीय परिस्थितियों को नजरअंदाज कर, बिना जन-सहमति के इसे थोप दिया गया है.
अबूझमाड़ के छात्रों पर प्रभाव: रवि देवांगन ने कहा कि यदि सरकार केवल नारायणपुर जिले में 80 स्कूलों को बंद या स्थानांतरित करती है, तो इसका सबसे गंभीर असर अबूझमाड़ के बच्चों को झेलना पड़ेगा. दुर्गम भौगोलिक परिस्थिति में पढ़ाई के लिए दूर जाना कई छात्रों के लिए असंभव हो जाएगा, जिससे वे पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो सकते हैं.
बीजेपी सरकार पर आरोप: रोजगार पर संकट और सरकार की दोहरी नीति: जिला कांग्रेस के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार एक ओर युवाओं को नौकरी देने के वादे करती है, वहीं दूसरी ओर बीएड और डीएड धारकों की संभावित नियुक्तियों पर कुठाराघात कर रही है. युक्तियुक्तकरण से हजारों प्रशिक्षित युवाओं के सपनों पर पानी फिर सकता है. पांच हजार शिक्षक भर्ती का राज्य सरकार का ऐलान युक्ति युक्तकरण के आदेश के समाने दिखावा जैसा लग रहा है.
कांग्रेस शासन बनाम भाजपा शासन: उन्होंने कांग्रेस शासन की तुलना करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने आत्मानंद स्कूल खोलकर ग्रामीण बच्चों को अंग्रेजी की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी, जबकि भाजपा सरकार सत्ता में आते ही स्कूलों को हटाने का कार्य कर रही है.
कांग्रेस का अगला कदम: वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी रजनू नेताम ने भी योजना को 'फ्लॉप' बताते हुए कहा कि इसका सबसे गहरा असर ग्रामीण और आदिवासी बच्चों पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि संगठन इस जनविरोधी योजना का हर स्तर पर विरोध करेगा और इसे वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा.