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दुर्ग दुष्कर्म मामले में पुलिस का दावा, गिरफ्तार शख्स ही असली आरोपी, भ्रामक दावा करने वालों पर होगी कार्रवाई - DURG RAPE CASE

दुर्ग में बच्ची से हैवानियत के मामले में कांग्रेस ने जांच दल गठित किया है.दल ने पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय की मांग की.

Congress investigation team
पीड़ित परिवार से मिला कांग्रेस जांच दल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 9, 2025 at 4:15 PM IST

Updated : April 9, 2025 at 6:39 PM IST

6 Min Read

दुर्ग : दुर्ग में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या किए जाने को लेकर समाज में आक्रोश है.इस मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है.घटना को लेकर कांग्रेस ने पांच सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. जांच दल ने पीड़ित परिवार के घर जाकर उनका हाल जाना.साथ ही साथ घटना से संबंधित चीजों को पूछा.इस जांच दल में बालोद,डोंगरगढ़ और खैरागढ़ के विधायक शामिल किए गए हैं.

पुलिस पर मारपीट करने का आरोप : इस दौरान पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस ने जिस युवक को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है, वो असली अपराधी नहीं है. उनका कहना है कि पुलिस ने उस युवक को जबरदस्ती मारपीट कर अपराध स्वीकार करने पर मजबूर किया है. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बच्ची और उसकी दादी के साथ भी मारपीट की है.

दुर्ग दुष्कर्म मामले में पुलिस का दावा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

परिजनों का आरोप जिसे पकड़ा वो असली आरोपी नहीं : परिजनों ने बताया कि जिस गाड़ी में बच्ची का शव बरामद किया गया, वह एक अन्य व्यक्ति की है, जो असली आरोपी है. बावजूद इसके पुलिस ने उस व्यक्ति को अभी तक न गिरफ्तार किया है, न ही उससे कोई पूछताछ की गई है. इस कारण परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.परिवार के मुताबिक वो न्याय के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.इसके लिए किसी भी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए.परिवार ने राज्य सरकार के ढाई लाख रुपये की सहायता राशि को अस्वीकार कर दिया है. उनका कहना है कि उन्हें केवल निष्पक्ष जांच चाहिए ताकि असली दोषी को सजा मिले. हो सके तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.कांग्रेस जांच दल ने पीड़ित परिवार को जल्द ही न्याय मिलने का भरोसा दिलाया है.

पीड़ित बच्ची की मां और अन्य परिजनों से बात कर पूरी जानकारी इकट्ठा की है. परिजनों की बातें गंभीर हैं और मामले की गहन जांच की आवश्यकता है.जांच दल के मुताबिक परिवार ने जिस व्यक्ति पर संदेह जताया है, उसे पुलिस केवल खाना खिलाकर और चाय पिलाकर वापस भेज देती है, जबकि परिवार को बार-बार परेशान किया जा रहा है - संगीता सिन्हा, कांग्रेस विधायक

जांच दल की सदस्य कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा के मुताबिक परिवार ने पुलिस पर दबाव और मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है.उनका कहना है कि उन्हें धमकाया जा रहा है, और जबरन पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है. इससे परिवार मानसिक रूप से बेहद परेशान है.

जांच में एसपी से की चर्चा : कांग्रेस की जांच टीम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद एसपी से चर्चा की.इस दौरान विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि आरोपी कोई भी हो उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए.जांच में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.कांग्रेस जांच दल से मुलाकात के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को प्राप्त हो चुकी है, जिसमें ये स्पष्ट है कि बच्ची के साथ अनाचार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. एसपी ने आगे बताया कि आरोपी के खिलाफ जो साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि उसी ने यह जघन्य अपराध किया है.

यह एक अत्यंत संवेदनशील मामला है और समाज को ऐसे अपराधों पर एकजुट होकर न्याय की दिशा में काम करना चाहिए. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इस मामले को लेकर भ्रामक जानकारी या स्टंट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जनता से अपील है कि जांच प्रक्रिया में सहयोग करें और बिना पुष्टि के किसी भी प्रकार की पोस्ट या बयानबाजी से बचें. सरकार पीड़ित परिवार के लिए सरकारी वकील की व्यवस्था करेगी ताकि उन्हें न्याय दिलाया जा सके. साथ ही साथ हमारी ये कोशिश रहेगी कि 6 महीने के अंदर आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए - जितेंद्र शुक्ला एसपी

एसपी ने ये भी कहा कि किसी के पास कोई सटीक जानकारी या साक्ष्य है, जिससे सही आरोपी की पहचान में मदद मिल सकती है, तो पुलिस के साथ साझा करें. पुलिस का उद्देश्य है कि असली अपराधी को सजा मिले और पीड़ित परिवार को पूरा न्याय मिले. ऐसे मामलों में समाज, प्रशासन और कानून सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि दोबारा किसी मासूम के साथ ऐसा बर्बर कृत्य न हो सके.

दुर्ग पुलिस की SIT टीम घोषित: मासूम बच्ची से हैवानियत और दुष्कर्म के केस में दुर्ग पुलिस ने 7 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इसमें कुल सात सदस्य हैं जो जांच को आगे बढ़ाएंगे. ये सात सदस्यीय टीम एएसपी आईयूसीएडब्ल्यू पद्मश्री तवंर के नेतृत्व में काम करेगी. टीम के सभी अधिकारी तेजी से मामले की जांच करेंगे. मामले की हर एक छोटे से छोटे साक्ष्य को इकट्ठा कर चार्ज शीट जल्द से जल्द कोर्ट में चालान के रूप में रखेंगे और कोर्ट से मांग करेंगे की आरोपी को फांसी की सजा दी जाए.

दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम में कौन कौन शामिल?: दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम में कुल सात पुलिसकर्मियों को जगह दी गई है.

  1. निरीक्षक शिव प्रसाद चंद्रा, थाना प्रभारी मोहन नगर
  2. निरीक्षक श्रद्धा पाठक, थाना प्रभारी महिला थाना,
  3. उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर, थाना प्रभारी छावनी,
  4. उप निरीक्षक पारस ठाकुर, थानां मोहन नगर,
  5. सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र देशमुख, थाना मोहन नगर,
  6. सहायक उप निरीक्षक संगीता मिश्रा, रक्षा टीम
  7. प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण पात्रे, थाना मोहन नगर

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पुलिस पर मारपीट करने का आरोप : इस दौरान पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस ने जिस युवक को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया है, वो असली अपराधी नहीं है. उनका कहना है कि पुलिस ने उस युवक को जबरदस्ती मारपीट कर अपराध स्वीकार करने पर मजबूर किया है. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बच्ची और उसकी दादी के साथ भी मारपीट की है.

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परिजनों का आरोप जिसे पकड़ा वो असली आरोपी नहीं : परिजनों ने बताया कि जिस गाड़ी में बच्ची का शव बरामद किया गया, वह एक अन्य व्यक्ति की है, जो असली आरोपी है. बावजूद इसके पुलिस ने उस व्यक्ति को अभी तक न गिरफ्तार किया है, न ही उससे कोई पूछताछ की गई है. इस कारण परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.परिवार के मुताबिक वो न्याय के लिए किसी भी हद तक जाएंगे.इसके लिए किसी भी तरह का मुआवजा नहीं चाहिए.परिवार ने राज्य सरकार के ढाई लाख रुपये की सहायता राशि को अस्वीकार कर दिया है. उनका कहना है कि उन्हें केवल निष्पक्ष जांच चाहिए ताकि असली दोषी को सजा मिले. हो सके तो मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए.कांग्रेस जांच दल ने पीड़ित परिवार को जल्द ही न्याय मिलने का भरोसा दिलाया है.

पीड़ित बच्ची की मां और अन्य परिजनों से बात कर पूरी जानकारी इकट्ठा की है. परिजनों की बातें गंभीर हैं और मामले की गहन जांच की आवश्यकता है.जांच दल के मुताबिक परिवार ने जिस व्यक्ति पर संदेह जताया है, उसे पुलिस केवल खाना खिलाकर और चाय पिलाकर वापस भेज देती है, जबकि परिवार को बार-बार परेशान किया जा रहा है - संगीता सिन्हा, कांग्रेस विधायक

जांच दल की सदस्य कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा के मुताबिक परिवार ने पुलिस पर दबाव और मानसिक प्रताड़ना का भी आरोप लगाया है.उनका कहना है कि उन्हें धमकाया जा रहा है, और जबरन पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ की जा रही है. इससे परिवार मानसिक रूप से बेहद परेशान है.

जांच में एसपी से की चर्चा : कांग्रेस की जांच टीम ने पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद एसपी से चर्चा की.इस दौरान विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि आरोपी कोई भी हो उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए.जांच में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए.कांग्रेस जांच दल से मुलाकात के बाद एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट पुलिस को प्राप्त हो चुकी है, जिसमें ये स्पष्ट है कि बच्ची के साथ अनाचार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई. एसपी ने आगे बताया कि आरोपी के खिलाफ जो साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, वे इस बात की पुष्टि करते हैं कि उसी ने यह जघन्य अपराध किया है.

यह एक अत्यंत संवेदनशील मामला है और समाज को ऐसे अपराधों पर एकजुट होकर न्याय की दिशा में काम करना चाहिए. साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर इस मामले को लेकर भ्रामक जानकारी या स्टंट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. जनता से अपील है कि जांच प्रक्रिया में सहयोग करें और बिना पुष्टि के किसी भी प्रकार की पोस्ट या बयानबाजी से बचें. सरकार पीड़ित परिवार के लिए सरकारी वकील की व्यवस्था करेगी ताकि उन्हें न्याय दिलाया जा सके. साथ ही साथ हमारी ये कोशिश रहेगी कि 6 महीने के अंदर आरोपी को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए - जितेंद्र शुक्ला एसपी

एसपी ने ये भी कहा कि किसी के पास कोई सटीक जानकारी या साक्ष्य है, जिससे सही आरोपी की पहचान में मदद मिल सकती है, तो पुलिस के साथ साझा करें. पुलिस का उद्देश्य है कि असली अपराधी को सजा मिले और पीड़ित परिवार को पूरा न्याय मिले. ऐसे मामलों में समाज, प्रशासन और कानून सभी को मिलकर काम करना होगा ताकि दोबारा किसी मासूम के साथ ऐसा बर्बर कृत्य न हो सके.

दुर्ग पुलिस की SIT टीम घोषित: मासूम बच्ची से हैवानियत और दुष्कर्म के केस में दुर्ग पुलिस ने 7 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इसमें कुल सात सदस्य हैं जो जांच को आगे बढ़ाएंगे. ये सात सदस्यीय टीम एएसपी आईयूसीएडब्ल्यू पद्मश्री तवंर के नेतृत्व में काम करेगी. टीम के सभी अधिकारी तेजी से मामले की जांच करेंगे. मामले की हर एक छोटे से छोटे साक्ष्य को इकट्ठा कर चार्ज शीट जल्द से जल्द कोर्ट में चालान के रूप में रखेंगे और कोर्ट से मांग करेंगे की आरोपी को फांसी की सजा दी जाए.

दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम में कौन कौन शामिल?: दुर्ग पुलिस की एसआईटी टीम में कुल सात पुलिसकर्मियों को जगह दी गई है.

  1. निरीक्षक शिव प्रसाद चंद्रा, थाना प्रभारी मोहन नगर
  2. निरीक्षक श्रद्धा पाठक, थाना प्रभारी महिला थाना,
  3. उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर, थाना प्रभारी छावनी,
  4. उप निरीक्षक पारस ठाकुर, थानां मोहन नगर,
  5. सहायक उप निरीक्षक राजेन्द्र देशमुख, थाना मोहन नगर,
  6. सहायक उप निरीक्षक संगीता मिश्रा, रक्षा टीम
  7. प्रधान आरक्षक लक्ष्मी नारायण पात्रे, थाना मोहन नगर

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Last Updated : April 9, 2025 at 6:39 PM IST
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