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निजी अस्पताल के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा, फर्जी डॉक्टर समेत जिम्मेदारों पर FIR की मांग - CONGRESS DEMAND FOR FIR

निजी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने जवाब मांगा है.आरोप है कि डॉक्टर के इलाज से बड़े नेता की मौत हुई.

Congress Demand for FIR
निजी अस्पताल के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 8, 2025 at 7:39 PM IST

4 Min Read

बिलासपुर : बिलासपुर के निजी अस्पताल के पूर्व कथित फर्जी डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जान केम के पकड़े जाने के बाद बिलासपुर में कांग्रेस ने प्रदर्शन किया. ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल हॉस्पिटल के यूनिट हेड अर्णव राहा से मिला और लिखित में जवाब मांगा.वहीं अस्पताल के अलग-अलग डॉक्टर्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की मांग की.

कब हुए थे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भर्ती : मामले मे कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि पूर्व कोटा विधायक स्वर्गीय पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के इलाज में लापरवाही सामने आई हैं. अयोग्य डॉक्टर के ऑपरेशन करने के कारण उनकी जान चली गई. पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का स्वास्थ्य 2 अगस्त 2006 में खराब हुआ था. जिसे तत्काल अपोलो अस्पताल में ले जाया गया. प्रारंभिक जांच की गई और उस समय अस्पताल के आईसीयू में उन्हें रखा गया. वहीं डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव अपोलो अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में थे. पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल को घबराहट और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उन्हें माइल्ड हार्ट अटैक बताया गया. इस बीच डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने एंजियोग्राफी और उसके बाद जरूरत होने पर ऑपरेशन की बात कही. परिवार की सहमति के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन चला. फिर उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. इसी बीच आईसीयू में 2 घंटे के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई नाजुक हालत में उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया गया.

Congress Demand for FIR
निजी अस्पताल के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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18 दिन तक शुक्ल आईसीयू के वेंटिलेटर पर रहे और उसके बाद बाहर आने के तुरंत बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 18 दिनों तक उनकी हालत में कोई सुधार भी नहीं हुआ.ना ही परिजन को उनसे मिलने का मौका दिया गया. डॉक्टर विक्रमादित्य जिन्होंने ऑपरेशन किया था, कोई कारण भी नहीं बता सके, पूछने पर इधर-उधर की बात करते थे. वहीं अपोलो प्रबंधन भी कुछ कहने से बचता था. स्वर्गीय पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का इलाज छत्तीसगढ़ विधानसभा के चिकित्सा मद से शासन स्तर पर हो रहा था लेकिन अयोग्य डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य को नियुक्त करना और उनके द्वारा ऑपरेशन करना इस वजह से शुक्ल की मौत हुई- विजय केशरवानी,ग्रामीण अध्यक्ष कांग्रेस

Congress Demand for FIR
निजी अस्पताल के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

कठोर कार्रवाई की मांग : कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन से जुड़े सभी लोगों पर विधि सम्मत कठोर कार्रवाई करने और इनका लाइसेंस रद्द करने मांग की है. डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य पर हत्या का मुकदमा कायम करके कठोर कार्रवाई साथ ही अन्य लोग जो इलाज से प्रभावित हुए हैं उनकी जांच रिटायर्ड हाई कोर्ट न्यायाधीश एवं विधानसभा के सदस्यों द्वारा करने की मांग की है. विजय केशरवानी ने मांग की है कि अपोलो में जितने भी डॉक्टर कार्यरत हैं.उनकी डिग्री की फोटो कॉपी सात दिन के अंदर उनके चेम्बर के सामने चस्पा कर के रखे ताकि मरीज इलाज के पहले सन्तुष्ट हो जाए कि उसकी इलाज एक काबिल डॉक्टर कर रहा है।

कांग्रेस ने डॉक्टर नरेंद्र जान केम के संदर्भ में मांग की है.

1 वह कब से कब तक अपोलो में कार्यरत रहा
2 इस बीच कितना ऑपरेशन किया ,उन मरीजों में कितने जीवित हैं.
3 नियुक्ति के पहले उसकी डिग्री की जांच किस समिति ने की ,उस समिति में कौन कौन डॉक्टर और प्रबंधन के लोग शामिल थे.
4 उसकी डिग्री का पंजीयन नेशनल मेडिकल काउंसिल में है कि नही.
5 उक्त फर्जी डॉक्टर ने इस्तीफा दिया कि प्रबन्धन ने बर्खास्त किया.
6 प्रबंधन ने डॉक्टर को बर्खास्त किया तो किस आधार पर किया ?.
इन सवालों के जवाब प्रबंधन से लिखित में मांगा गया है.

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कब हुए थे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भर्ती : मामले मे कांग्रेस के ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि पूर्व कोटा विधायक स्वर्गीय पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के इलाज में लापरवाही सामने आई हैं. अयोग्य डॉक्टर के ऑपरेशन करने के कारण उनकी जान चली गई. पंडित राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल का स्वास्थ्य 2 अगस्त 2006 में खराब हुआ था. जिसे तत्काल अपोलो अस्पताल में ले जाया गया. प्रारंभिक जांच की गई और उस समय अस्पताल के आईसीयू में उन्हें रखा गया. वहीं डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव अपोलो अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में थे. पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल को घबराहट और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उन्हें माइल्ड हार्ट अटैक बताया गया. इस बीच डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने एंजियोग्राफी और उसके बाद जरूरत होने पर ऑपरेशन की बात कही. परिवार की सहमति के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन चला. फिर उन्हें आईसीयू में भर्ती कर दिया गया. इसी बीच आईसीयू में 2 घंटे के बाद उनकी तबीयत और ज्यादा खराब हो गई नाजुक हालत में उन्हें वेंटिलेटर पर रख दिया गया.

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18 दिन तक शुक्ल आईसीयू के वेंटिलेटर पर रहे और उसके बाद बाहर आने के तुरंत बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 18 दिनों तक उनकी हालत में कोई सुधार भी नहीं हुआ.ना ही परिजन को उनसे मिलने का मौका दिया गया. डॉक्टर विक्रमादित्य जिन्होंने ऑपरेशन किया था, कोई कारण भी नहीं बता सके, पूछने पर इधर-उधर की बात करते थे. वहीं अपोलो प्रबंधन भी कुछ कहने से बचता था. स्वर्गीय पंडित राजेंद्र प्रसाद शुक्ल का इलाज छत्तीसगढ़ विधानसभा के चिकित्सा मद से शासन स्तर पर हो रहा था लेकिन अयोग्य डॉक्टर नरेंद्र विक्रमादित्य को नियुक्त करना और उनके द्वारा ऑपरेशन करना इस वजह से शुक्ल की मौत हुई- विजय केशरवानी,ग्रामीण अध्यक्ष कांग्रेस

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कांग्रेस ने डॉक्टर नरेंद्र जान केम के संदर्भ में मांग की है.

1 वह कब से कब तक अपोलो में कार्यरत रहा
2 इस बीच कितना ऑपरेशन किया ,उन मरीजों में कितने जीवित हैं.
3 नियुक्ति के पहले उसकी डिग्री की जांच किस समिति ने की ,उस समिति में कौन कौन डॉक्टर और प्रबंधन के लोग शामिल थे.
4 उसकी डिग्री का पंजीयन नेशनल मेडिकल काउंसिल में है कि नही.
5 उक्त फर्जी डॉक्टर ने इस्तीफा दिया कि प्रबन्धन ने बर्खास्त किया.
6 प्रबंधन ने डॉक्टर को बर्खास्त किया तो किस आधार पर किया ?.
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