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मेहंदीपुर बालाजी के प्रसाद को लेकर अफवाह या हकीकत ? जानिए इसके पीछे की कहानी - MEHANDIPUR BALAJI

आस्थाधाम में बालाजी को प्रसाद चढ़ाने के बाद उसे घर नहीं ले जाते श्रद्धालु. प्रसाद को लेकर क्या है कहानी ? देखिए इस रिपोर्ट में...

Mehandipur Balaji Temple
आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी (ETV Bharat Dausa)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 6:32 AM IST

Updated : April 11, 2025 at 10:31 AM IST

4 Min Read

दौसा: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाएगा. इसे लेकर बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, मंदिर परिसर क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है, लेकिन इसी बीच बालाजी मंदिर की आस्था को लेकर एक भ्रांति और अंधविश्वास की बात सामने आई है. इस मामले में मीडिया ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं से बात की, जिस पर अलग-अलग तर्क निकलकर सामने आए.

बता दें कि प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं में भ्रांति और अंधविश्वास है कि बालाजी मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद श्रद्धालु अपने घर नहीं ले जा सकते. जिसके चलते कई श्रद्धालु बालाजी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद को मंदिर परिसर से बाहर कहीं भी पटककर चले जाते हैं, लेकिन इस मामले में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से बात करने पर अलग-अलग बात सामने आई.

प्रसाद के बारे में किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Dausa)

बालाजी का पवित्र प्रसाद आशीर्वाद के रूप में ले जाना चाहिए घर : मीडिया ने जब इस मामले की जानकारी के लिए स्थानीय प्रसाद व्यापारी रामदयाल गुर्जर से बात की तो उन्होंने इसे भ्रांति और अंधविश्वास के चलते अफवाह बताते हुए कहा कि आस्थाधाम का प्रसाद बालाजी महाराज का आशीर्वाद स्वरूप पवित्र प्रसाद है. इसे श्रद्धालु अपने घर ले जाकर अपने रिश्तेदारों, परिजनों और अन्य लोगों को बांट सकते हैं. कुछ लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के मन में भ्रांति और अंधविश्वास फैला रखा है कि श्रद्धालु बालाजी के प्रसाद को घर नहीं ले जा सकते, ये बिलकुल गलत है.

इसी प्रकार अन्य स्थानीय लोगों ने भी बालाजी के प्रसाद को अपने घर ले जाने की बात कही. वहींं, प्रेम सिंह ने कहा कि यहां श्रद्धालुओं के अंदर कुछ लोगों ने अंधविश्वास पैदा कर रखा है कि बालाजी का प्रसाद घर ले जाने से परेशानी होती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. श्रद्धालु बालाजी महाराज के चढ़ा प्रसाद अपने घर ले सकता है. यहां किसी प्रकार तंत्र-मंत्र की क्रियाएं नहीं की जाती. यहां बालाजी महाराज स्वयं विराजमान हैं, जो अपने सभी भक्तों की मनोकामना को पूरी कर भक्तों के दुखों का हरण करने का काम करते हैं.

Preparation for Hanuman Jayanti
मंदिर में की जा रही भव्य सजावट (ETV Bharat Dausa)

पढ़ें : मेहंदीपुर बालाजी में धूमधाम से मनाया राम जन्मोत्सव, 121 किलो पंचामृत से किया अभिषेक - RAM NAVAMI 2025

पहली बार पता चला, घर-परिवार में बांटेंगे बालाजी का प्रसाद : वहीं, मंदिर ट्रस्ट द्वारा वितरित किए जा रहे महाप्रसाद को लेते हुए एक श्रद्धालु ने कहा कि वो पहले बालाजी आने के दौरान यहां का प्रसाद अपने घर लेकर नहीं जाते थे. श्रद्धालुओं में अंधविश्वास और भ्रांति फैली हुई थी, लेकिन पहली बार पता चला है कि बालाजी का प्रसाद घर लेकर जा सकते हैं. ऐसे में श्रद्धालु ने खुश होते हुए कहा कि अब हम बालाजी महाराज का प्रसाद घर भी लेकर जाएंगे और अपने सगे संबंधियों को भी बालाजी का प्रसाद खिलाएंगे.

अर्जी के प्रसाद को लेकर भी बनी है भ्रांति : दरअसल, प्रसिद्ध आस्थाधाम में स्वयंभू बालाजी महाराज के साथ भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार दंडाधिकारी के रूप में विराजमान हैं, जिसके चलते बालाजी आने वाले श्रद्धालु अपनी हर परेशानी को खत्म करने के लिए अर्जी का भोग लगाते हैं. ऐसे में कोरोनाकाल से पूर्व आस्थाधाम में अर्जी के रूप में चावल, उड़द और लड्डू का भोग तीनों देवों को लगाया जाता था, लेकिन कोरोना काल के बाद बालाजी महाराज, भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार को सवा किलो लड्डू का भोग लगाया जाता है.

Mehandipur Balaji Temple
प्रसाद जिसका भोग लगाते हैं श्रद्धालु (ETV Bharat Dausa)

ऐसे में भोग लगने के बाद श्रद्धालु प्रसाद को कहीं भी पटक देते हैं. वहीं, इस मामले में भी स्थानीय निवासियों ने बताया कि श्रद्धालु अर्जी का प्रसाद चढ़ाने के बाद उसमें से दो लड्डू निकालकर खाने के बाद, बाकी बचा हुआ प्रसाद भी अपने घर ले जा सकते हैं.

बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से दी गई जानकारी : वहीं, बालाजी मंदिर ट्रस्ट के महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज ने बताया कि बालाजी महाराज की प्रसादी अमृत रूपी प्रसाद है. कई बार श्रद्धालु अनजाने में लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांति और अंधविश्वास के चलते प्रसाद को कहीं भी फेंक देते हैं, जिससे प्रसाद का अपमान होता है. बालाजी महाराज को चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करने मात्र से भक्तों के दुखों का निवारण हो जाता है. ऐसे में अंधविश्वास और भ्रांति से दूर रहकर श्रद्धालु अपने आराध्य देव बालाजी महाराज को चढ़ाया गया प्रसाद घर लेकर जाएं. साथ ही अपने सगे-संबंधियों को भी अमृत रूपी प्रसाद को ग्रहण करवाएं.

दौसा: उत्तरी भारत के प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में 12 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जाएगा. इसे लेकर बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं. वहीं, मंदिर परिसर क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है, लेकिन इसी बीच बालाजी मंदिर की आस्था को लेकर एक भ्रांति और अंधविश्वास की बात सामने आई है. इस मामले में मीडिया ने स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं से बात की, जिस पर अलग-अलग तर्क निकलकर सामने आए.

बता दें कि प्रसिद्ध आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालुओं में भ्रांति और अंधविश्वास है कि बालाजी मंदिर में चढ़ाया गया प्रसाद श्रद्धालु अपने घर नहीं ले जा सकते. जिसके चलते कई श्रद्धालु बालाजी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद को मंदिर परिसर से बाहर कहीं भी पटककर चले जाते हैं, लेकिन इस मामले में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से बात करने पर अलग-अलग बात सामने आई.

प्रसाद के बारे में किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Dausa)

बालाजी का पवित्र प्रसाद आशीर्वाद के रूप में ले जाना चाहिए घर : मीडिया ने जब इस मामले की जानकारी के लिए स्थानीय प्रसाद व्यापारी रामदयाल गुर्जर से बात की तो उन्होंने इसे भ्रांति और अंधविश्वास के चलते अफवाह बताते हुए कहा कि आस्थाधाम का प्रसाद बालाजी महाराज का आशीर्वाद स्वरूप पवित्र प्रसाद है. इसे श्रद्धालु अपने घर ले जाकर अपने रिश्तेदारों, परिजनों और अन्य लोगों को बांट सकते हैं. कुछ लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के मन में भ्रांति और अंधविश्वास फैला रखा है कि श्रद्धालु बालाजी के प्रसाद को घर नहीं ले जा सकते, ये बिलकुल गलत है.

इसी प्रकार अन्य स्थानीय लोगों ने भी बालाजी के प्रसाद को अपने घर ले जाने की बात कही. वहींं, प्रेम सिंह ने कहा कि यहां श्रद्धालुओं के अंदर कुछ लोगों ने अंधविश्वास पैदा कर रखा है कि बालाजी का प्रसाद घर ले जाने से परेशानी होती है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. श्रद्धालु बालाजी महाराज के चढ़ा प्रसाद अपने घर ले सकता है. यहां किसी प्रकार तंत्र-मंत्र की क्रियाएं नहीं की जाती. यहां बालाजी महाराज स्वयं विराजमान हैं, जो अपने सभी भक्तों की मनोकामना को पूरी कर भक्तों के दुखों का हरण करने का काम करते हैं.

Preparation for Hanuman Jayanti
मंदिर में की जा रही भव्य सजावट (ETV Bharat Dausa)

पढ़ें : मेहंदीपुर बालाजी में धूमधाम से मनाया राम जन्मोत्सव, 121 किलो पंचामृत से किया अभिषेक - RAM NAVAMI 2025

पहली बार पता चला, घर-परिवार में बांटेंगे बालाजी का प्रसाद : वहीं, मंदिर ट्रस्ट द्वारा वितरित किए जा रहे महाप्रसाद को लेते हुए एक श्रद्धालु ने कहा कि वो पहले बालाजी आने के दौरान यहां का प्रसाद अपने घर लेकर नहीं जाते थे. श्रद्धालुओं में अंधविश्वास और भ्रांति फैली हुई थी, लेकिन पहली बार पता चला है कि बालाजी का प्रसाद घर लेकर जा सकते हैं. ऐसे में श्रद्धालु ने खुश होते हुए कहा कि अब हम बालाजी महाराज का प्रसाद घर भी लेकर जाएंगे और अपने सगे संबंधियों को भी बालाजी का प्रसाद खिलाएंगे.

अर्जी के प्रसाद को लेकर भी बनी है भ्रांति : दरअसल, प्रसिद्ध आस्थाधाम में स्वयंभू बालाजी महाराज के साथ भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार दंडाधिकारी के रूप में विराजमान हैं, जिसके चलते बालाजी आने वाले श्रद्धालु अपनी हर परेशानी को खत्म करने के लिए अर्जी का भोग लगाते हैं. ऐसे में कोरोनाकाल से पूर्व आस्थाधाम में अर्जी के रूप में चावल, उड़द और लड्डू का भोग तीनों देवों को लगाया जाता था, लेकिन कोरोना काल के बाद बालाजी महाराज, भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार को सवा किलो लड्डू का भोग लगाया जाता है.

Mehandipur Balaji Temple
प्रसाद जिसका भोग लगाते हैं श्रद्धालु (ETV Bharat Dausa)

ऐसे में भोग लगने के बाद श्रद्धालु प्रसाद को कहीं भी पटक देते हैं. वहीं, इस मामले में भी स्थानीय निवासियों ने बताया कि श्रद्धालु अर्जी का प्रसाद चढ़ाने के बाद उसमें से दो लड्डू निकालकर खाने के बाद, बाकी बचा हुआ प्रसाद भी अपने घर ले जा सकते हैं.

बालाजी मंदिर ट्रस्ट की ओर से दी गई जानकारी : वहीं, बालाजी मंदिर ट्रस्ट के महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज ने बताया कि बालाजी महाराज की प्रसादी अमृत रूपी प्रसाद है. कई बार श्रद्धालु अनजाने में लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांति और अंधविश्वास के चलते प्रसाद को कहीं भी फेंक देते हैं, जिससे प्रसाद का अपमान होता है. बालाजी महाराज को चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करने मात्र से भक्तों के दुखों का निवारण हो जाता है. ऐसे में अंधविश्वास और भ्रांति से दूर रहकर श्रद्धालु अपने आराध्य देव बालाजी महाराज को चढ़ाया गया प्रसाद घर लेकर जाएं. साथ ही अपने सगे-संबंधियों को भी अमृत रूपी प्रसाद को ग्रहण करवाएं.

Last Updated : April 11, 2025 at 10:31 AM IST
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