सागर : वैसे तो पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह और मौजूदा कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बीच की अदावत किसी से छुपी नहीं है, किसी ना किसी बहाने दोनों नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते रहते हैं. वहीं अब मंत्री परिजन भी एक मामले में आमने सामने हो गए हैं. ताजा मामला महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापना को लेकर सामने आया है, जिसमें दोनों नेताओं के परिजनों में तनातनी की बातें सामने आ रही हैं.
महाराणा प्रताप की मूर्ति को लेकर विवाद क्यों?
सागर जिला पंचायत के अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत और सागर जिला क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष लखन सिंह आमने सामने हैं. दरअसल, भूपेन्द्र सिंह के नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए उन्होंने सागर के संभागीय खेल परिसर के बाहर महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापित करने के लिए राशि स्वीकृत कराई थी. लेकिन मूर्ति अब तक स्थापित नहीं हो पाई है.
वहीं दूसरी तरफ मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई और जिला पंचायत अध्यक्ष हीरासिंह राजपूत महाराणा प्रताप की मूर्ति कहीं दूसरी जगह स्थापित करने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर दोनों परिवार की अदावत खुल कर सतह पर आ गई है.
कई दिनों से चल रहा है मूर्ति स्थापना विवाद
दरअसल, महाराणा प्रताप की मूर्ति की स्थापना को लेकर क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष लखन सिंह ने कहा, '' नगरीय प्रशासन मंत्री रहते हुए भूपेन्द्र सिंह ने सागर में अटल बिहारी वाजयेपी और महाराणा प्रताप की मूर्ति स्थापना को लेकर शासन से राशि स्वीकृत कराई थी. अटल पार्क में अटल बिहारी वाजपेयी की विशाल मूर्ति स्थापित हो गई है. लेकिन महाराणा प्रताप की मूर्ति को लेकर विवाद चल रहा है. दरअसल, ये मूर्ति नगर निगम के नवीन भवन के सामने संभागीय खेल परिसर के बाहर स्थापित की जानी है. क्षत्रिय महासभा पिछले कई महीनों से मूर्ति स्थापना को लेकर सक्रिय है.''
लेकिन अब नई चर्चा सामने आ गई है, अब विवाद स्थान को लेकर हो रहा है. पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह का समर्थन करने वाली क्षत्रिय महासभा का कहना है कि मूर्ति पहले से तय स्थान पर स्थापित की जाए. वहीं मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जिला पंचायत अध्यक्ष भाई इसे नई जगह स्थापित कराना चाहते हैं.
मूर्ति है अधूरी, स्थान को लेकर राजपूतों में विवाद
दूसरी तरफ ग्वालियर में मूर्ति अधूरी है क्योंकि सागर नगर निगम द्वारा इसका भुगतान नहीं किया गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई हीरासिंह ने कहा, '' महाराणा प्रताप की मूर्ति नगर निगम के सामने स्तापित करना उचित नहीं है. उनकी मूर्ति आईजी आफिस के सामने लगना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि सागर में महाराजा छत्रसाल की मूर्ति विजय टाकीज चौराहे पर स्थापित है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी तक नहीं है.
श्रेय लेने की होड़?
वहीं दूसरी तरफ क्षत्रिय महासभा जिला सागर के अध्यक्ष लखन सिंह ने कहा, '' मूर्ति की स्थापना में अडंगा इसलिए डाले जा रहे हैं क्योकिं मूर्ति स्थापना का श्रेय पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह को मिलेगा.'' लखन सिंह ने किसी का नाम लिए बगैर निशाना साधा और कहा, '' कुछ लोग कांग्रेसी मानसिकता के हैं, जिन्होंने देश में फूट डालने का काम किया है. मूर्ति को तैयार हुए एक साल हो चुका है लेकिन नगर निगम जानबूझकर भुगतान नहीं कर रही है.''
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