जांजगीर चांपा: जिला मुख्यालय से महज 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम जर्बे (च) एक ऐसी ग्राम पंचायत है, जहां बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. ग्रामीण कई बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन अबतक सड़क नहीं बनी है. आलम यह है कि थोड़ी बारिश में ही यह सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. ऐसे में आक्रोशित ग्रामीणों के साथ ही विधायक ने भी एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है.
जिला मुख्यालय से सटे गांव में सड़क जर्जर: स्थानीय नागरिक कमल कुमार ने बताया कि जांजगीर चांपा जिला के ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों की स्थिति का अंदाजा जर्वे (च )की सड़कों को देख कर लगाया जा सकता है. ये गांव जिला मुख्यालय से जुड़ा हुआ है. इसी गांव की जमीन में जिला के अधिकांश जिला कार्यालय बने हुए हैं, लेकिन इस गांव की सड़क की दुर्दशा को देखने और जानने के बाद भी अधिकारी इसे सुधरवाने का नाम नहीं ले रहे हैं.
जिला पंचायत, जिला चिकित्सालय, जिला आरटीओ सभी ऑफिस यहां हैं, लेकिन विकास बहुत पीछे है. यह जिला मुख्यालय से सटा गांव है, लेकिन ऐसा लगता है कि हम जिले के आखिरी छोर में हैं. ग्रामीण बहुत आक्रोशित हैं: कमल कुमार, स्थानीय नागरिक
आंदोलन की चेतावनी: कई बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर 8 माह पहले ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया था और अधिकारियों के आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त किया था, लेकिन पंचायत चुनाव संपन्न होंने के बाद भी सड़क नहीं बनने से ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

पहले चक्काजाम कर चुके हैं. अबतक सड़क नहीं बनी: घुरुवा राम सिदार, स्थानीय नागरिक
बरसात में होगा बुरा हाल: गांव की महिला सरपंच उतरा कश्यप ने बताया कि इस सड़क को बनवाने के लिए कई बार आंदोलन किया गया. ग्राम पंचायत चुनाव में सड़क बनवाने के मुद्दे को लेकर प्रत्याशी जनता के बीच पहुंचे और अब चुनाव होने के बाद हम कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिख चुके हैं. अब बरसात आने वाली है लेकिन गड्ढा तक नहीं भरा गया, इससे ग्रामीणों में आक्रोश है.

बच्चे साइकिल से स्कूल जाते हैं तो गिर जाते हैं. स्कूटी वाले भी हादसे का शिकार होते रहते हैं. बहुत परेशानी है: उतरा कश्यप, सरपंच
सड़कें नहीं सुधरेगी तो आंदोलन: जांजगीर चाम्पा विधायक ब्यास कश्यप ने कहा कि इस सड़क से धार्मिक नगरी पीथमपुर और नेशनल हाइवे के साथ कई गांव जाने का रास्ता है. इसकी मरम्मत के लिए पहले भी विधानसभा में प्रश्न किया गया, लेकिन गोलमोल जानकारी मिली. उन्होंने मुख्यमंत्री से बजट में शामिल सड़क निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति देने की मांग कि है और बरसात से पहले सड़कों की हालत नहीं सुधारने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

राहगीरों को परेशानी, आए दिन हादसे: जर्वे (च) की ये सड़क जांजगीर से कई गांव को जोड़ती है, जिसके कारण बाइक और छोटे वाहन इस मार्ग का ज्यादा उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन रेत के अवैध परिवहन करने वाले भारी वाहनों की आवाजही के कारण इस सड़क की हालत बद से बदतर होती जा रही है. छोटे वाहन दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं, इसलिए अब इस सड़क में आने से भी डरते हैं.
कीचड़ है, गड्ढा है. राहगीरों को आने जाने में बहुत दिक्कत होती है: संजय कुमार, राहगीर
आश्वासन का झुनझुना: ग्रामीणों का कहना है कि जर्वे गांव की सड़क को सुधारने के लिए कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारी आश्वासन दे चुके हैं, लेकिन काम कब शुरु होगा, इस पर कुछ भी कहने से बचते हैं. जिला मुख्यालय से जुड़े गांव होने के बाद भी बुनियादी सुविधा से वंचित इस गांव की दुर्दशा देखने से स्पष्ट होता है कि दीया तले अंधेरा कहावत इसी से चरितार्थ होती है.
भिलाई में घूम रहा है लकड़बग्घा,राहगीरों ने वीडियो किया वायरल,वन विभाग चला रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
तालाब में कमल फूल उगा रहे घिनारा के किसान, पत्तों से लेकर जड़ तक का औषधीय उपयोग
95 साल का सपना और 1600 किलोमीटर पदयात्रा, रामभक्ति की अनोखी गाथा