हमीरपुर: बुंदेलखंड में हर घर को पानीयुक्त बनाने के लिए शुरू किया गया जल जीवन मिशन फेल होता नजर आ रहा है. हमीरपुर में 'हर घर नल से जल' देने की योजना में सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा. यह समस्या किसी एक गांव की नहीं है, अधिकतर गांवों की है.
हमीरपुर जिले के कई गांवों में पाइपलाइन का काम अधूरा है. अधिकारी अपनी कमी छुपाने के लिए कागजों में काम पूरा कर दिए हैं, लेकिन अभी कई गांवों में सड़क मरम्मत का काम और टोंटी लगाना बाकी है. जहां टोंटियां लगी हैं वहां पानी नहीं आ रहा है. सबसे ज्यादा समस्या ऊंचाई वाले इलाकों में है.
जल संकट से जूझ रहे लोग : सरीला तहसील क्षेत्र के ममना, बीलपुर ग्राम पंचायत व बरखेड़ा गांव में काम आधा-अधूरा हुआ है. लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. लोग साइकिल पर कंटेनर लादकर पानी के लिए दौड़ लगाते दिख जाते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पानी की टंकी बनाने और पाइप लाइन बिछाने के काम में करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए, बावजूद जल संकट से छुटकारा नहीं मिल रहा है.
लीकेज से पानी हो रहा बर्बाद : छेड़ी बेनी ग्राम पंचायत के बरखेड़ा गांव में 211 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं. ग्रामीणों के मुताबिक, कई इलाकों में पाइप लाइन डाली गई, इससे सड़क टूट गई. सड़कों को भी आधा-अधूरा छोड़ दिया गया. जगह-जगह लीकेज होने से पानी बर्बाद हो रहा है.
कई नलों में टोंटी नहीं लगाई गई. ऊंचाई वाले इलाकों में पानी नहीं पहुंचने से लोगों में खासी नाराजगी है. गांव के 20 प्रतिशत घरों में भी पानी में नहीं पहुंच रहा. ग्रामीण लालता ने बताया कि उसके घर में छह माह से पानी की एक बूंद तक नहीं आई.
पानी की तरह बहाया पैसा : कुछ ऐसा ही हाल सरीला के ममना गांव का है. सरकार ने यहां पानी की तरह पैसा बहाया, फिर भी लोगों की प्यास नहीं बुझ पाई. पैंतीस सौ के करीब आबादी वाले इस गांव में सरकारी पाइपलाइन बिछाई गई है, टंकियां बनाई गईं, लेकिन पिछले 2 साल से आधे गांव में पानी की एक बूंद तक नहीं आई. गांव में कुछ जगहों पर हैंडपंप हैं, जिसका पानी खारा आ रहा है.
गांव के प्रधान प्रतिनिधि जितेन्द्र ने बताया कि पानी की स्थित फिलहाल खराब है. आधे गांव में पानी जा रहा है, आधे में पानी नहीं जा रहा. कई घरों में अभी कनेक्शन नहीं हुआ है.
एक किमी दूर से ला रहे पानी : गांव के विक्रम ने बताया कि वह पढ़ाई करता है, पानी की व्यवस्था करने के लिए साइकिल से टंकी लेकर जाते हैं. जो भी कनेक्शन दिया गया उसमें पानी नहीं पहुंच रहा. सीताराम ने बताया कि उसके घर में भी पानी नहीं आ रहा. वह एक किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है. तहसील में भी शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
बीलपुर गांव की समस्या भी ममना जैसी ही है. गांव में पानी की टंकी से जो सप्लाई की जा रही वह खारा है. गांव में लगे सभी हैंडपंपों का पानी भी खारा है. लोगों को मीठे पानी के लिए आसपास के गांव सुठार, राहटिया, बंगरा जाना पड़ता है.
गांव में आ रहा खारा पानी : पूर्व प्रधान बालादीन ने बताया, गांव में खारा पानी आ रहा है. इस वजह से लोग परेशान हैं. ऊंचाई वाले इलाके में आज भी पानी नहीं पहुंच पा रहा है. प्रधान लाल दीवान ने बताया, दो साल से जल जीवन मिशन का काम चल रहा है. अभी पूरी लाइन आधी-अधूरी पड़ी है.
भीषण गर्मी में समस्या और विकराल हो जाती है. कहा कि सभी घरों को पानी नहीं मिल रहा है. विभाग के अधिकारी लीपापोती करने में लगे हुए हैं. अधिकारी ठेकेदार से मिलीभगत कर लाखों रुपये को चट कर गए हैं.
मुख्य लाइनों में अवैध कनेक्शन : ग्रामीणों के मुताबिक, ममना और बीलपुर गांव में ठेकेदारों ने रात के अंधेरे में पाइप लाइन बिछाई. कई जगहों पर जल्दबाजी में एक फीट पर ही पाइप डाल दिया. जिसके चलते लोगों ने मुख्य लाइनों में अवैध कनेक्शन कर लिए. कनेक्शन में लीकेज की समस्या बनी हुई है. हजारों लीटर पानी बह रहा है.
समाजसेवी राजेश का कहना है कि इस योजना में बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है. जल शक्ति मंत्री द्वारा सही मायने में जांच की जाए तो करोड़ों रुपये के घोटाले से इंकार नहीं किया जा सकता.
अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे: पानी के संकट को लेकर जिले में तैनात नमामि गंगे के अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार के सरकारी नम्बर पर सम्पर्क करने की बार-बार कोशिश की गई. लेकिन, संपर्क नहीं हो सका. उनके ऑफिस में संपर्क किया गया तो पता चला कि वह अवकाश पर हैं.
चार्ज संभाल रहे अपर जिलाधिकारी नागेंद्र नाथ यादव से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि ऑफिसियल बयान नमामि गंगे के एडीएम ही देंगे. इसके साथ ही हमीरपुर जिलाधिकारी घनश्याम मीणा भी मामले में कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. हालांकि की उन्होंने मामले को दिखवाने की बात जरूर कही है.