बांदा : करोड़ों रुपये 'हर घर नल से जल' योजना के अंतर्गत खर्च हो गये हैं, फिर भी ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बांदा जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां पीने के पानी का संकट बरकरार है. योजना के तहत घर में नल तो लगा दिए गए, लेकिन पानी नहीं पहुंच रहा है. बड़ी बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री की विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पानी के लिये लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानते हैं कि इन गांवों में क्या है योजना का हाल...
त्रिवेणी में आधे गांव में नहीं पहुंच रहा पानी : बांदा शहर से लगे त्रिवेणी गांव में आधे ग्रामीणों को 'हर घर नल से जल' योजना का लाभ मिल रहा है, वहीं आधे गांव के लोग पानी के लिए परेशान हैं. ग्रामीणों को पुरानी पाइपलाइन और हैंडपंप से ही पानी मिल पा रहा है. लोगों का कहना है कि हमारे घरों में नल तो लगा दिए गए, लेकिन पानी नहीं पहुंच पा रहा है. गांव के रहने वाले जगदीश प्रसाद, मनीष चतुर्वेदी व सुधीर ने बताया कि हमारे घरों में नल तो लगा दिए गए, लेकिन पानी नहीं पहुंच पा रहा है.
ग्राम प्रधान रामबिहारी ने बताया कि हमारे यहां लगभग 4000 लोगों की आबादी है और लगभग 600 घर हैं. जहां आधे गांव में तो पानी पहुंच रहा है और आधे गांव में पानी नहीं आ रहा है. अधिकारियों ने बताया है कि अभी टेस्टिंग चल रही है.

मोहनपुरवा गांव में पानी ही नहीं आया : मटौंध क्षेत्र के मोहनपुरवा गांव में भी लोगों को 'हर घर नल से जल' योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि घरों में नल तो लगा दिए गए, लेकिन आज तक एक बूंद पानी नहीं आया. लोगों का कहना है कि हैंडपंप और कुओं के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं. चुन्नीदाई, नफीसा व रामसखी ने बताया कि पिछले लगभग 1 साल पहले हमारे यहां पाइप लाइन डाली गई और घरों तक पानी का कनेक्शन भी कर दिया गया, लेकिन टोटियां सूखी पड़ी हैं और हम इसी आस में हैं कि शायद पानी अब चालू हो जाए, लेकिन पानी चालू नहीं हो रहा है. हम हैंडपंप और कुंए के सहारे ही हैं.
ग्राम प्रधान रामरतन सोनी ने बताया कि हमारे गांव में भी नल लगा दिए गए हैं, लेकिन लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे गांव में लगभग 3000 लोगों की आबादी है और लगभग 500 घर हैं.

अछरौड़ गांव में लोग पुराने कुओं पर ही निर्भर : अछरौड़ गांव में स्थिति यह है कि लोगों के घरों में नल तो लगा दिया गया, लेकिन पानी नहीं आया और यहां के लोग कुओं पर ही निर्भर हैं. स्थिति यह है कि कुओं में ही लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है. ग्रामीण क्षत्रपाल, सुनील, शिवकलिया व कमलेश ने बताया कि हमारा आधा समय पानी भरने में ही चला जाता है, जिससे हमारा काम प्रभावित होता है. और पानी की समस्या के चलते घर मे लड़ाई झगड़े तक हो जाते हैं.
ग्राम प्रधान देवी दयाल सिंह ने भी बताया कि हमारे गांव में लोगों के घरों तक नल तो लगा दिए गए हैं, लेकिन पानी नहीं पहुंच रहा है. हमारे गांव की आबादी लगभग 3000 है और लगभग 500 घर बने हुए हैं.

काशीपुर के आधे गांव में पानी की सप्लाई : सदर तहसील की काशीपुर गांव के आधे घरों में ही पानी की सप्लाई पहुंच रही है. आधे गांव में पानी नहीं पहुंच रहा है, जिसके चलते लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि आधे गांव में सप्लाई तो हो रही है, लेकिन टोंटियां नहीं दी गईं, जिसके चलते पानी बर्बाद होता है. गांव के रहने वाले लालू, सुरजा, सुधा, छोटी व सुदामा ने बताया कि पानी आने का समय निश्चित नहीं है, जिसके चलते पानी का उपयोग हम नहीं कर पा रहे हैं. यह भी जरूरी नहीं है कि पानी रोज ही आए. ऐसा भी होता है कि पानी एक दिन आता है और फिर 4 दिन नहीं आता.
गांव के प्रधान देवी दयाल सिंह ने बताया कि हमारे गांव की आबादी लगभग 7000 है और लगभग 1000 घर बने हुए हैं, जहां 500 घरों तक ही पानी पहुंच पा रहा होगा. हमारे यहां अभी टेस्टिंग का कार्य चल रहा है.

जलशक्ति राज्यमंत्री की ही विधानसभा क्षेत्र में पानी की समस्या : हर घर नल जल योजना को लेकर चारों गांवों में पानी की समस्या देखने को मिली. बड़ी बात यह है कि यह सभी गांव उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद की ही विधानसभा क्षेत्र के हैं, जहां पानी की समस्या है.
इस संबंध में जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने बताया कि अभी मैं इस परियोजना के संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकता. इस संबंध में मैं बाद में ही जानकारी दे पाऊंगा.
अधिकारी बोले, 'कुछ गांवों में काम है अभी अधूरा' : एडीएम नमामि गंगे मोहन वर्मा ने बताया कि यह परियोजना लगभग 2000 करोड़ रुपये की है, जिसमें खटान 1283.12, अमिलीकौर 751.98 व जेपी जल निगम 103 करोड़ रुपये शामिल है. अभी कुछ गांव हैं, जहां पर कार्य अधूरा है और काम चल रहा है.
इस योजना के संबंध में अधिशाषी अभियंता ग्रामीण मो. इमरान से बात की तो इन्होंने भी माना कि अभी कार्य पूरा नहीं हुआ है, हालांकि इन्होंने तो दावा किया है कि 99% कार्य पूरा कर लिया गया है, बाकी कार्य 15 अप्रैल तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
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