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प्रियंका विश्नोई मौत मामला, आज जोधपुर आ सकती है उच्चस्तरीय जांच कमेटी - PRIYANKA BISHNOI DEATH CASE

PRIYANKA BISHNOI Death Probe : एसडीएम प्रियंका विश्नोई की मौत के कारणों की जांच के लिए बनाई गई कमेटी शनिवार को जोधपुर आ सकती है. इस कमेटी में जयपुर और जोधपुर एम्स के डॉक्टर शामिल हैं. रविवार को कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 21, 2024, 9:06 AM IST

एसडीएम प्रियंका विश्नोई
एसडीएम प्रियंका विश्नोई (ETV Bharat (File Photo))

जोधपुर : एसडीएम प्रियंका विश्नोई की मृत्यु के कारणों की जांच करने के लिए गठित एसएन मेडिकल कॉलेज की जांच में वसुंधरा अस्पताल को क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन कमेटी की विस्तृत जांच की सिफारिश पर सरकार ने शुक्रवार रात को जयपुर और जोधपुर एम्स के डॉक्टरों की कमेटी बना दी. इस कमेटी के शनिवार को जोधपुर आने की संभावना है.

राज्य सरकार की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय जांच कमेटी में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक गुप्ता, फोरेंसिक मेडिकल एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ.आर.के पूनिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोसिस विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनु भंडारी, एम्स जोधपुर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा सिंह और एम्स जोधपुर के एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप भाटिया शामिल हैं. कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को 22 सितंबर तक सौंपनी है.

इसे भी पढ़ें. प्रियंका बिश्नोई मामले में RAS हुए लामबंद, इलाज में लापरवाही बरतने वाले अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई का दिया मांग पत्र

परिजन पहुंचे पुलिस के पास केस दर्ज करवाने : डॉ. एसएन मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद शुक्रवार देर शाम को प्रियंका विश्नोई के परिजन और समाज के लोग डीसीपी पश्चिम कार्यलय पहुंचे और पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने का आग्रह किया. हालांकि, फिलहाल इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, क्योंकि रिपोर्ट में किसी तरह की कोताही करने की बात सामने नहीं आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि परिजनों और चिकित्सा कर्मियों के बयानों में मतभेद है, जिसकी विस्तृत जांच की आवश्यकता है.

सर्जरी के बाद बिगड़ी थी तबीयत : प्रियंका बिश्नोई 5 सितंबर को वसुंधरा अस्पताल में एक सर्जरी के लिए भर्ती हुईं थीं. सर्जरी के बाद वह स्वस्थ थीं. अगले दिन 6 सितंबर को उनकी तबीयत खराब हुई. डॉक्टर ने अलग-अलग विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लिया और उपचार शुरू किया, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी. 7 सितंबर को परिजन उन्हें लेकर अहमदाबाद के निजी अस्पताल पहुंचे, जहां 18 सितंबर की रात को उन्होंने अंतिम सांस ली. परिजनों ने इस मामले में षड्यंत्र पूर्वक लापरवाही करने का आरोप लगाया था, जिसके चलते कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज से जांच करवाई थी.

जोधपुर : एसडीएम प्रियंका विश्नोई की मृत्यु के कारणों की जांच करने के लिए गठित एसएन मेडिकल कॉलेज की जांच में वसुंधरा अस्पताल को क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन कमेटी की विस्तृत जांच की सिफारिश पर सरकार ने शुक्रवार रात को जयपुर और जोधपुर एम्स के डॉक्टरों की कमेटी बना दी. इस कमेटी के शनिवार को जोधपुर आने की संभावना है.

राज्य सरकार की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय जांच कमेटी में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक गुप्ता, फोरेंसिक मेडिकल एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ.आर.के पूनिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोसिस विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनु भंडारी, एम्स जोधपुर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा सिंह और एम्स जोधपुर के एनेस्थिसिया विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप भाटिया शामिल हैं. कमेटी को अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को 22 सितंबर तक सौंपनी है.

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परिजन पहुंचे पुलिस के पास केस दर्ज करवाने : डॉ. एसएन मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद शुक्रवार देर शाम को प्रियंका विश्नोई के परिजन और समाज के लोग डीसीपी पश्चिम कार्यलय पहुंचे और पुलिस से इस मामले में केस दर्ज करने का आग्रह किया. हालांकि, फिलहाल इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, क्योंकि रिपोर्ट में किसी तरह की कोताही करने की बात सामने नहीं आई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि परिजनों और चिकित्सा कर्मियों के बयानों में मतभेद है, जिसकी विस्तृत जांच की आवश्यकता है.

सर्जरी के बाद बिगड़ी थी तबीयत : प्रियंका बिश्नोई 5 सितंबर को वसुंधरा अस्पताल में एक सर्जरी के लिए भर्ती हुईं थीं. सर्जरी के बाद वह स्वस्थ थीं. अगले दिन 6 सितंबर को उनकी तबीयत खराब हुई. डॉक्टर ने अलग-अलग विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लिया और उपचार शुरू किया, लेकिन स्थिति नहीं सुधरी. 7 सितंबर को परिजन उन्हें लेकर अहमदाबाद के निजी अस्पताल पहुंचे, जहां 18 सितंबर की रात को उन्होंने अंतिम सांस ली. परिजनों ने इस मामले में षड्यंत्र पूर्वक लापरवाही करने का आरोप लगाया था, जिसके चलते कलेक्टर ने मेडिकल कॉलेज से जांच करवाई थी.

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