दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के बादलपाड़ा इलाके में अवैध उत्खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने दस कोयला खदानों और सुरंगों को ध्वस्त कर दिया है. प्रशिक्षु आईएएस सह प्रभारी एसडीएम अभिनव प्रकाश के नेतृत्व में एक टीम कोयला खदान क्षेत्र में पहुंची और जेसीबी व अन्य मशीनों के जरिए दस कोयला खदानों को ध्वस्त किया. इस टीम में शिकारीपाड़ा के अंचलाधिकारी कपिलदेव ठाकुर, थाना प्रभारी अमित लकड़ा, खनन विभाग के अधिकारी के साथ दुमका से आई महिला व पुरुष पुलिस बल शामिल थे.
प्रशिक्षु आईएएस सह प्रभारी एसडीएम अभिनव प्रकाश ने बताया कि इस इलाके में ये कोयला खदानें सरकारी व रैयती (निजी) जमीन पर बनी हैं. ज्यादातर कोयला स्थानीय लोगों द्वारा चोरी कर निकाला जाता है. इस तरह की अवैध कोयला खदानों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. हालांकि ऐसा लग रहा था कि कोयला माफियाओं को इस कार्रवाई की भनक लग गई थी. यही कारण रहा कि मौके पर न तो कोयला मिला, न ही इसमें संलिप्त कोई व्यक्ति या अन्य उपकरण.
यहां हम आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा दुमका में 15 कोल ब्लॉक चिह्नित किए गए हैं. जिन्हें अलग-अलग कंपनियों को आवंटित भी किया गया है लेकिन अभी तक सभी चिन्हित कोल ब्लॉक कागजी प्रक्रिया पूरी करने की प्रक्रिया में हैं. इसका फायदा ये कोल माफिया उठाते हैं और अवैध तरीके से कोयला उत्खनन करते हैं. प्रशासनिक कार्रवाई के बाद माफिया फिर से सक्रिय हो जाते हैं वैसे तो पिछले दो सालों में कई बार ऐसी कार्रवाई की गई है. जिसमें अवैध कोयला खदानों और सुरंगों पर कार्रवाई की गई लेकिन जैसे ही ऐसी कार्रवाई बंद होती है, कोल माफिया फिर से सक्रिय हो जाते हैं और कोयले का अवैध उत्खनन शुरू कर देते हैं.
यह भी पढ़ें:
बंद माइंस के पीछे मालवाहक पर लादा गया था कोयला, बिहार भेजने की थी तैयारी, ऐसे पहुंची पुलिस
टाइगर जयराम का लाइव छापा, रोकी गई कोयला लदी ट्रकें, कहा- लूट की नहीं दी जाएगी छूट