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गाड़िया लोहार समाज के बच्चों के सपनों को मिल रहे पंख, सेवा भारती की अनूठी पहल से मिल रही नई दिशा - COACHING FOR GADIA LOHAR KIDS

खानाबदोश जीवन जीने वाला गाड़िया-लोहार समाज अब सामाजिक संस्थाओं की मदद से अपने कल को संवारने की राह तलाश रहा है.

Gadia Lohar family cooking food
भोजन बनाता गाड़िया लोहार परिवार (ETV Bharat Deedwana)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : April 11, 2025 at 2:51 PM IST

4 Min Read

डीडवाना: सदियों से घुमंतू जीवन जी रहे गाड़िया लोहार समाज के बच्चे अब स्थायित्व, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. जहां एक समय यह समाज सिर्फ अपने पारंपरिक लोहे के औजारों और झुग्गी-झोपड़ियों तक सीमित था, अब वही बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी और कलेक्टर बनने के सपने देख रहे हैं. यह बदलाव समाज के भीतर एक नई चेतना का नतीजा है, जिसमें सेवा भारती और गाड़िया लोहार विकास समिति, मकराना की भूमिका अहम दिख रही है.

गाड़िया लोहार समाज के बच्चों के सपने सच करेगी विशेष कोचिंग (ETV Bharat Deedwana)

शिक्षा से जुड़े सपनों को दे रहे आकार: गाड़िया लोहार विकास समिति मकराना ने सेवा भारती की मदद से बोरावड़ नगर पालिका के वार्ड नंबर 21 में एक विशेष कोचिंग क्लास की शुरुआत की है. इस कोचिंग का मकसद घुमंतू परिवारों के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ना और उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था में लाना है. कोचिंग सेंटर का शुभारंभ गाड़िया-लोहार विकास समिति के प्रदेश सचिव ओमप्रकाश बोराणा, पार्षद मंजू देवी गाड़िया लोहार और सेवा भारती के जिला अध्यक्ष मनोहर लाल की मौजूदगी में किया गया.

Gadia Lohar family busy in work
काम में मशगूल गाड़िया लोहार परिवार (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: राजस्थान राज्य गाड़िया लोहार कल्याण बोर्ड का होगा गठन, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी - Rajasthan Hindi news

इस मौके पर ओमप्रकाश बोराणा ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और सामाजिक बदलाव आज समाज की पहली जरूरत है. खास बात यह है कि गाड़िया लोहार समाज की महिलाएं भी अब शिक्षा के महत्व को समझने लगी हैं. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने चूल्हा-चौका छोड़कर अपने बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की है.

Children of gadia Lohar Samaj studying
पढ़ाई करते गाड़िया लोहार समाज के बच्चे (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: सतीश पूनिया का गाड़िया लोहार परिवारों ने जताया आभार, विधानसभा में स्थाई रूप से बसाने का उठाया था मुद्दा - Rajasthan news

घुमंतू जीवन से स्थायित्व की ओर: पार्षद मंजू देवी ने बताया कि मौजूदा दौर में गाड़िया लोहार समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्थायित्व की है. समाज के लोगों के पास न तो स्थायी आवास हैं और ना ही पर्याप्त आर्थिक संसाधन, हालांकि सरकार की ओर से विभिन्न गरीबी उन्मूलन योजनाएं चल रही हैं, लेकिन शिक्षा की कमी के कारण यह समाज आज भी उन योजनाओं का समुचित लाभ नहीं उठा पाया है. सरकारी बजट में इन पिछड़ी जातियों के लिए प्रावधान तो होते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की कमी रही है. ऐसे में कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे बच्चों की आंखों में बड़े सपने इन्हें आगे ले जाने में मददगार साबित हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि समाज की महिलाएं अब यह कहने लगी हैं कि हम स्थायी रूप से बसना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए बच्चों का शिक्षित होना जरूरी है.

A boy from gadia Lohar community studying in coaching
कोचिंग में पढ़ता गाड़िया लोहार समाज का बालक (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: सड़क किनारे सुविधाओं के अभाव में गाड़िया लोहार, कब आएंगे इनके 'अच्छे दिन' - महाराणा प्रताप

शिक्षा ही बदलाव की चाबी: सेवा भारती के जिला अध्यक्ष मनोहर लाल ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, तालीम से ना सिर्फ ज्ञान बढ़ता है, बल्कि सोचने और फैसला लेने की क्षमता भी विकसित होती है. उन्होने बताया सेवा भारती का लक्ष्य है कि आने वाले समय में प्रदेशभर में ऐसे और भी प्रयास किए जाएं, ताकि समाज का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.

Children of Gadia Lohar community studying in coaching
कोचिंग में अध्ययनरत गाड़िया लोहार समाज के बच्चे (ETV Bharat Deedwana)

नन्हीं आंखों में बड़े सपने: अपनी शिक्षा के लिए कोचिंग के आगाज के बाद अब समाज के नन्हे बच्चे अपने सपनों को साकार होता देख रहे हैं. इनमें से कुछ बच्चों का कहना है कि वे बड़े होकर डॉक्टर या पुलिस अधिकारी बनेंगे, तो कुछ कलेक्टर बनना चाहते हैं. जाहिर है कि ये बातें सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति की दस्तक के रूप में देखी जा रही है. गाड़िया लोहार समाज शिक्षा की अलख जगाने वाली इस मुहिम में सेवा भारती के योगदान को लेकर मील का पत्थर वाली मिसाल को साबित होता देखना चाहता है.

डीडवाना: सदियों से घुमंतू जीवन जी रहे गाड़िया लोहार समाज के बच्चे अब स्थायित्व, शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. जहां एक समय यह समाज सिर्फ अपने पारंपरिक लोहे के औजारों और झुग्गी-झोपड़ियों तक सीमित था, अब वही बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस अधिकारी और कलेक्टर बनने के सपने देख रहे हैं. यह बदलाव समाज के भीतर एक नई चेतना का नतीजा है, जिसमें सेवा भारती और गाड़िया लोहार विकास समिति, मकराना की भूमिका अहम दिख रही है.

गाड़िया लोहार समाज के बच्चों के सपने सच करेगी विशेष कोचिंग (ETV Bharat Deedwana)

शिक्षा से जुड़े सपनों को दे रहे आकार: गाड़िया लोहार विकास समिति मकराना ने सेवा भारती की मदद से बोरावड़ नगर पालिका के वार्ड नंबर 21 में एक विशेष कोचिंग क्लास की शुरुआत की है. इस कोचिंग का मकसद घुमंतू परिवारों के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से जोड़ना और उन्हें मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था में लाना है. कोचिंग सेंटर का शुभारंभ गाड़िया-लोहार विकास समिति के प्रदेश सचिव ओमप्रकाश बोराणा, पार्षद मंजू देवी गाड़िया लोहार और सेवा भारती के जिला अध्यक्ष मनोहर लाल की मौजूदगी में किया गया.

Gadia Lohar family busy in work
काम में मशगूल गाड़िया लोहार परिवार (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: राजस्थान राज्य गाड़िया लोहार कल्याण बोर्ड का होगा गठन, मुख्यमंत्री ने दी मंजूरी - Rajasthan Hindi news

इस मौके पर ओमप्रकाश बोराणा ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी और सामाजिक बदलाव आज समाज की पहली जरूरत है. खास बात यह है कि गाड़िया लोहार समाज की महिलाएं भी अब शिक्षा के महत्व को समझने लगी हैं. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं ने चूल्हा-चौका छोड़कर अपने बच्चों की पढ़ाई में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की है.

Children of gadia Lohar Samaj studying
पढ़ाई करते गाड़िया लोहार समाज के बच्चे (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: सतीश पूनिया का गाड़िया लोहार परिवारों ने जताया आभार, विधानसभा में स्थाई रूप से बसाने का उठाया था मुद्दा - Rajasthan news

घुमंतू जीवन से स्थायित्व की ओर: पार्षद मंजू देवी ने बताया कि मौजूदा दौर में गाड़िया लोहार समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्थायित्व की है. समाज के लोगों के पास न तो स्थायी आवास हैं और ना ही पर्याप्त आर्थिक संसाधन, हालांकि सरकार की ओर से विभिन्न गरीबी उन्मूलन योजनाएं चल रही हैं, लेकिन शिक्षा की कमी के कारण यह समाज आज भी उन योजनाओं का समुचित लाभ नहीं उठा पाया है. सरकारी बजट में इन पिछड़ी जातियों के लिए प्रावधान तो होते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन की कमी रही है. ऐसे में कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे बच्चों की आंखों में बड़े सपने इन्हें आगे ले जाने में मददगार साबित हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि समाज की महिलाएं अब यह कहने लगी हैं कि हम स्थायी रूप से बसना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए बच्चों का शिक्षित होना जरूरी है.

A boy from gadia Lohar community studying in coaching
कोचिंग में पढ़ता गाड़िया लोहार समाज का बालक (ETV Bharat Deedwana)

पढ़ें: स्पेशल रिपोर्ट: सड़क किनारे सुविधाओं के अभाव में गाड़िया लोहार, कब आएंगे इनके 'अच्छे दिन' - महाराणा प्रताप

शिक्षा ही बदलाव की चाबी: सेवा भारती के जिला अध्यक्ष मनोहर लाल ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, तालीम से ना सिर्फ ज्ञान बढ़ता है, बल्कि सोचने और फैसला लेने की क्षमता भी विकसित होती है. उन्होने बताया सेवा भारती का लक्ष्य है कि आने वाले समय में प्रदेशभर में ऐसे और भी प्रयास किए जाएं, ताकि समाज का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.

Children of Gadia Lohar community studying in coaching
कोचिंग में अध्ययनरत गाड़िया लोहार समाज के बच्चे (ETV Bharat Deedwana)

नन्हीं आंखों में बड़े सपने: अपनी शिक्षा के लिए कोचिंग के आगाज के बाद अब समाज के नन्हे बच्चे अपने सपनों को साकार होता देख रहे हैं. इनमें से कुछ बच्चों का कहना है कि वे बड़े होकर डॉक्टर या पुलिस अधिकारी बनेंगे, तो कुछ कलेक्टर बनना चाहते हैं. जाहिर है कि ये बातें सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति की दस्तक के रूप में देखी जा रही है. गाड़िया लोहार समाज शिक्षा की अलख जगाने वाली इस मुहिम में सेवा भारती के योगदान को लेकर मील का पत्थर वाली मिसाल को साबित होता देखना चाहता है.

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