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फिक्की की बैठक में बोले सीएम योगी- उत्तर प्रदेश अब 'बीमारू' नहीं, बन चुका है ग्रोथ इंजन - LUCKNOW NEWS

फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को मुख्यमंत्री ने किया संबोधित.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 6:07 PM IST

Updated : April 14, 2025 at 8:04 PM IST

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य और उपभोक्ता व श्रम बाजार उद्यमियों का स्वागत करता है.

फिक्की को उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस संगठन ने निवेशकों के लिए सकारात्मक माहौल और ईको सिस्टम बनाने में सरकार का साथ दिया है. विशेष रूप से, इन्वेस्टर समिट 2018 और 2023 को सफल बनाने में फिक्की का योगदान सराहनीय रहा है.

लंबे समय तक बीमारू राज्य रहा है यूपी : मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत की जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, फिर भी यह लंबे समय तक 'बीमारू' राज्य के रूप में जाना जाता था. उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी, लेकिन धीरे-धीरे यह घटकर एक तिहाई रह गई. हालांकि, पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसे देश और दुनिया ने देखा है.

उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में फिक्की जैसे संगठनों का सहयोग इस बदलाव का एक प्रमुख कारण रहा है. उत्तर प्रदेश अब बीमारू नहीं, बल्कि देश की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यह भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है और देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. राज्य ने अपनी सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है.

उन्होंने कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज माफी जैसे प्रस्तावों के लिए धन की कमी थी. उस समय बैंकों का सहयोग नहीं मिलता था और कर्मचारियों के वेतन के लिए भी संसाधन नहीं थे, लेकिन सरकार ने बजट में 36 हजार करोड़ रुपये की रिसाव (लिकेज) को चिह्नित कर उसे समाप्त किया, जिससे आज उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष (रेवेन्यू सरप्लस) वाला राज्य बन गया है.

प्रदेश में कानून का शासन स्थापित : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के कारण लोग अपनी पहचान छिपाने को मजबूर थे. उन्होंने महाकुंभ के उदाहरण से समझाया कि 2017 से पहले कुंभ में गंदगी और अव्यवस्था थी, लेकिन इस बार स्वच्छता और सुव्यवस्था ने सबका ध्यान खींचा.

आज पूरे राज्य में कानून का शासन (रूल ऑफ लॉ) स्थापित है. अनावश्यक लाउडस्पीकरों को हटाया गया, सड़कों पर धार्मिक आयोजन को नियंत्रित किया गया और बेटियों व व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई. पुलिस भर्तियों में पारदर्शिता लाई गई और 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में आई क्रांति : मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देते हुए कहा कि पहले राज्य की पहचान खराब सड़कों और अंधेरे से थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क, मेट्रो रेल, रेल नेटवर्क और जलमार्ग है. राज्य में चार लाख किलोमीटर का नेशनल हाईवे नेटवर्क, 16 कार्यशील हवाई अड्डे (चार अंतरराष्ट्रीय और 12 घरेलू) हैं और एशिया का सबसे बड़ा जेवर हवाई अड्डा निर्माणाधीन है. इसके अलावा लॉजिस्टिक हब और ड्राईपोर्ट जैसे कदमों ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है.

किसानों और उद्योगों के लिए किये गये सुधार : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कई कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं और गन्ना किसानों का बकाया अब तीन से सात दिनों में भुगतान किया जा रहा है. पिछले आठ वर्षों में डीबीटी के माध्यम से गन्ना मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया है.

उद्योगों के लिए भी सरकार ने निवेश माहौल को बेहतर बनाया. 2017 में जब सैमसंग और टीसीएस जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश छोड़ने को तैयार थीं तब सरकार ने उन्हें विश्वास दिलाया और आज तो 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है.

निवेश और औद्योगिक विकास के लिए बनाई गई पॉलिसीज़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 33 सेक्टोरियल नीतियों और निवेश मित्र पोर्टल के जरिए 500 से अधिक मंजूरियां सिंगल विंडो सिस्टम से दी जा रही हैं. एमएसएमई को पुनर्जीवित किया गया और उद्यमियों के अनावश्यक उत्पीड़न को समाप्त किया गया. उन्होंने एक उदाहरण साझा किया कि 2017 में मुंबई में एक उद्यमी ने उनसे सुरक्षा की गारंटी मांगी थी. उस उद्यमी ने बाद में चार हजार करोड़ रुपये का निवेश किया और 2023 में उत्तर प्रदेश को निवेश का 'ड्रीम डेस्टिनेशन' बताया.



मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को उत्तर प्रदेश की क्षमता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च कर इन्फ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प किया गया. महाकुंभ को लेकर विपक्षी सवाल उठाते थे, पूछते थे कि क्या महाकुंभ कराना सरकार का कार्य है, लेकिन आप सभी ने देखा होगा कि महाकुंभ केवल प्रयागराज तक सीमित नहीं था, बल्कि काशी, अयोध्या, मथुरा जैसे शहरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. इससे व्यापार को बढ़ावा मिला और उत्तर प्रदेश की छवि बदली.

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत गोयनका और उत्तर फिक्की के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित देशभर के उद्यमी उपस्थित रहे.

बीबीएयू के स्थापना दिवस पर पहुंचे सीएम योगी : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में सीएम योगी ने बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आदि से अंत तक हमारी पहचान भारतीय के रूप में होनी चाहिए, ऐसा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कहा करते थे. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने अपनी मूल परंपरा ऋषि मुनियों की भूला दी, जिसके कारण विदेशी आक्रांताओं को हमले का मौका मिला.

विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि याद रखना दुनिया के अनेक देशों में सार्वभौम मताधिकार बहुत बाद में मिला है, लेकिन भारत में आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव 1952 में ही सबको मताधिकार प्राप्त हो गया.

कुंभ की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि यहां कितनी स्वच्छता है और बिना किसी भेदभाव के सब एक ही घाट पर स्नान कर रहे हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया. कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने पंजाब की एक कहावत की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को संत सिपाही कहा.


मुख्यमंत्री ने इन पूर्व छात्रों को किया सम्मानित : कमलेश गुप्ता, अनिल कुमार आनंद, तरुण चतुर्वेदी, शिखा कुमारी, शिवांश कुमार द्विवेदी, नवनीत गुप्ता, सुजल सहाय, अरविंद कुमार, अंकित गिरी.




यह भी पढ़ें : वक्फ की जमीन को लेकर सीएम योगी का बड़ा बयान, कहा- जिसके वैध कागज नहीं, वहां बनेगी गरीबों के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य और उपभोक्ता व श्रम बाजार उद्यमियों का स्वागत करता है.

फिक्की को उत्तर प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस संगठन ने निवेशकों के लिए सकारात्मक माहौल और ईको सिस्टम बनाने में सरकार का साथ दिया है. विशेष रूप से, इन्वेस्टर समिट 2018 और 2023 को सफल बनाने में फिक्की का योगदान सराहनीय रहा है.

लंबे समय तक बीमारू राज्य रहा है यूपी : मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भारत की जनसंख्या के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है, फिर भी यह लंबे समय तक 'बीमारू' राज्य के रूप में जाना जाता था. उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के समय उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर थी, लेकिन धीरे-धीरे यह घटकर एक तिहाई रह गई. हालांकि, पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जिसे देश और दुनिया ने देखा है.

उन्होंने कहा कि नीति निर्माण में फिक्की जैसे संगठनों का सहयोग इस बदलाव का एक प्रमुख कारण रहा है. उत्तर प्रदेश अब बीमारू नहीं, बल्कि देश की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. यह भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है और देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है. राज्य ने अपनी सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) और प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है.

उन्होंने कहा कि 2017 में सरकार बनने के बाद किसानों की कर्ज माफी जैसे प्रस्तावों के लिए धन की कमी थी. उस समय बैंकों का सहयोग नहीं मिलता था और कर्मचारियों के वेतन के लिए भी संसाधन नहीं थे, लेकिन सरकार ने बजट में 36 हजार करोड़ रुपये की रिसाव (लिकेज) को चिह्नित कर उसे समाप्त किया, जिससे आज उत्तर प्रदेश राजस्व अधिशेष (रेवेन्यू सरप्लस) वाला राज्य बन गया है.

प्रदेश में कानून का शासन स्थापित : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता, गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार के कारण लोग अपनी पहचान छिपाने को मजबूर थे. उन्होंने महाकुंभ के उदाहरण से समझाया कि 2017 से पहले कुंभ में गंदगी और अव्यवस्था थी, लेकिन इस बार स्वच्छता और सुव्यवस्था ने सबका ध्यान खींचा.

आज पूरे राज्य में कानून का शासन (रूल ऑफ लॉ) स्थापित है. अनावश्यक लाउडस्पीकरों को हटाया गया, सड़कों पर धार्मिक आयोजन को नियंत्रित किया गया और बेटियों व व्यापारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई. पुलिस भर्तियों में पारदर्शिता लाई गई और 60 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर नियुक्त किया गया.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में आई क्रांति : मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देते हुए कहा कि पहले राज्य की पहचान खराब सड़कों और अंधेरे से थी, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क, मेट्रो रेल, रेल नेटवर्क और जलमार्ग है. राज्य में चार लाख किलोमीटर का नेशनल हाईवे नेटवर्क, 16 कार्यशील हवाई अड्डे (चार अंतरराष्ट्रीय और 12 घरेलू) हैं और एशिया का सबसे बड़ा जेवर हवाई अड्डा निर्माणाधीन है. इसके अलावा लॉजिस्टिक हब और ड्राईपोर्ट जैसे कदमों ने उत्तर प्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है.

किसानों और उद्योगों के लिए किये गये सुधार : मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कई कदम उठाए हैं. उत्तर प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हो रही हैं और गन्ना किसानों का बकाया अब तीन से सात दिनों में भुगतान किया जा रहा है. पिछले आठ वर्षों में डीबीटी के माध्यम से गन्ना मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया गया है.

उद्योगों के लिए भी सरकार ने निवेश माहौल को बेहतर बनाया. 2017 में जब सैमसंग और टीसीएस जैसी कंपनियां उत्तर प्रदेश छोड़ने को तैयार थीं तब सरकार ने उन्हें विश्वास दिलाया और आज तो 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है.

निवेश और औद्योगिक विकास के लिए बनाई गई पॉलिसीज़ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 33 सेक्टोरियल नीतियों और निवेश मित्र पोर्टल के जरिए 500 से अधिक मंजूरियां सिंगल विंडो सिस्टम से दी जा रही हैं. एमएसएमई को पुनर्जीवित किया गया और उद्यमियों के अनावश्यक उत्पीड़न को समाप्त किया गया. उन्होंने एक उदाहरण साझा किया कि 2017 में मुंबई में एक उद्यमी ने उनसे सुरक्षा की गारंटी मांगी थी. उस उद्यमी ने बाद में चार हजार करोड़ रुपये का निवेश किया और 2023 में उत्तर प्रदेश को निवेश का 'ड्रीम डेस्टिनेशन' बताया.



मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के सफल आयोजन को उत्तर प्रदेश की क्षमता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि प्रयागराज में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये खर्च कर इन्फ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प किया गया. महाकुंभ को लेकर विपक्षी सवाल उठाते थे, पूछते थे कि क्या महाकुंभ कराना सरकार का कार्य है, लेकिन आप सभी ने देखा होगा कि महाकुंभ केवल प्रयागराज तक सीमित नहीं था, बल्कि काशी, अयोध्या, मथुरा जैसे शहरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. इससे व्यापार को बढ़ावा मिला और उत्तर प्रदेश की छवि बदली.

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंत गोयनका और उत्तर फिक्की के प्रदेश अध्यक्ष मनोज गुप्ता सहित देशभर के उद्यमी उपस्थित रहे.

बीबीएयू के स्थापना दिवस पर पहुंचे सीएम योगी : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया. कार्यक्रम में सीएम योगी ने बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आदि से अंत तक हमारी पहचान भारतीय के रूप में होनी चाहिए, ऐसा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर कहा करते थे. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि हमने अपनी मूल परंपरा ऋषि मुनियों की भूला दी, जिसके कारण विदेशी आक्रांताओं को हमले का मौका मिला.

विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि याद रखना दुनिया के अनेक देशों में सार्वभौम मताधिकार बहुत बाद में मिला है, लेकिन भारत में आजादी के बाद प्रथम आम चुनाव 1952 में ही सबको मताधिकार प्राप्त हो गया.

कुंभ की चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि यहां कितनी स्वच्छता है और बिना किसी भेदभाव के सब एक ही घाट पर स्नान कर रहे हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी ने बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको नमन किया. कुलपति डॉ. आरके मित्तल ने पंजाब की एक कहावत की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री को संत सिपाही कहा.


मुख्यमंत्री ने इन पूर्व छात्रों को किया सम्मानित : कमलेश गुप्ता, अनिल कुमार आनंद, तरुण चतुर्वेदी, शिखा कुमारी, शिवांश कुमार द्विवेदी, नवनीत गुप्ता, सुजल सहाय, अरविंद कुमार, अंकित गिरी.




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Last Updated : April 14, 2025 at 8:04 PM IST
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