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हिमाचल में 31 अक्टूबर तक सभी लंबित मामलों का होगा निपटारा, अगले महीने समीक्षा करेंगे सीएम - HP REVENUE CASES SETTLEMENT

हिमाचल में 31 अक्टूबर तक राजस्व के सभी लंबित मामलों का निपटारा किया जाएगा. जिसको लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं.

CM Sukhvinder Singh Sukhu
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 6:48 AM IST

शिमला: हिमाचल में राजस्व से संबंधित लंबित मामलों का अब जल्द ही निपटारा होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा किया जा रहा है. इसमें और तेजी लाई जाने की आवश्यकता है. लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से छुटकारा मिलना चाहिए. जिस पर राजस्व अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को घर द्वार पर सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है और लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करना अति आवश्यक है. उन्होंने सभी मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को दुरूस्ती से सभी लंबित मामलों का 31 अक्टूबर, 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं. जिसकी समीक्षा नवंबर महीने में की जाएगी.

नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी उपायुक्त लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा के लिए अपने जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें. इसकी सूचना डीसी को सरकार को भेजनी होगी, ताकि लंबित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाया जा सके. उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्तों को नायब तहसीलदार तक खाली पड़े पदों को भरने की शक्तियां प्रदान की गई हैं. इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह नवंबर माह में इस मामले की दोबारा समीक्षा करेंगे.

आपदा राहत पैकेज जारी

सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज के रूप में 4500 करोड़ रुपए जारी किए हैं. इस धनराशि से प्रभावित परिवारों की सहायता करने को कहा गया है, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर छत नसीब हो सके. बता दें कि पिछले साल मानसून सीजन में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा 10 करोड़ रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था. पिछली बरसात में 23 हजार परिवार प्रभावित हुए थे. जिनके पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने 4,500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज लागू किया है. इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है.

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ये भी पढ़ें: पालमपुर में स्थापित होगा मुख्य SDRF ट्रेनिंग सेंटर, सीएम सुक्खू ने की घोषणा

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नोडल अधिकारी तैनात करने के निर्देश

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी उपायुक्त लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा के लिए अपने जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें. इसकी सूचना डीसी को सरकार को भेजनी होगी, ताकि लंबित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाया जा सके. उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्तों को नायब तहसीलदार तक खाली पड़े पदों को भरने की शक्तियां प्रदान की गई हैं. इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वह नवंबर माह में इस मामले की दोबारा समीक्षा करेंगे.

आपदा राहत पैकेज जारी

सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज के रूप में 4500 करोड़ रुपए जारी किए हैं. इस धनराशि से प्रभावित परिवारों की सहायता करने को कहा गया है, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर छत नसीब हो सके. बता दें कि पिछले साल मानसून सीजन में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा 10 करोड़ रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था. पिछली बरसात में 23 हजार परिवार प्रभावित हुए थे. जिनके पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने 4,500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज लागू किया है. इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है.

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