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हिमाचल में चिट्टा तस्करी के खिलाफ विधानसभा में एंटी ड्रग एक्ट लाएगी सुक्खू सरकार, अब तक चिट्टे से 38 युवाओं की मौत - CM SUKHU ON CHITTA SMUGGLING

हिमाचल में चिट्टा तस्करों के खिलाफ सरकार एंटी ड्रग एक्ट लाएगी. नशा तस्करी में शामिल कर्माचारियों और अधिकारियों पर भी शिकंजा कसा जाएगा.

Chitta Smuggling in Himachal
हिमाचल में चिट्टा तस्करी (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 20, 2025 at 9:57 AM IST

3 Min Read

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते चिट्टे के खिलाफ अब सरकार कड़ा रुख अपना रही है. प्रदेश में चिट्टा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार एंटी ड्रग एक्ट लेकर आ रही है. जो इसी विधानसभा बजट सत्र के दौरान लाया जाएगा. इस एक्ट को लेकर आज कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा होगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन में दी.

चिट्टा तस्करी में कर्मचारी और अधिकारी भी संलिप्त

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में चिट्टे की तस्करी में प्रदेश सरकार के 60 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी संलिप्त पाए गए हैं. ऐसे में चिट्टे की तस्करी में संलिप्त पाए गए इन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अगले 6 महीने में सराकार कड़ी कार्रवाई करेगी. सीएम ने कहा कि जब से 23 अप्रैल 2024 को PIT NDPS एक्ट लाया गया है, तब से 4 चिट्टा सप्लायर जेल में हैं. जबकि 17 चिट्टा सप्लायरों की संपत्ति जब्त कर ली गई है. सीएम ने कहा कि चिट्टा तस्करों को लेकर लोगों में जागरुकता आई है. जिस कारण प्रदेश में चिट्टा तस्करी के मामलों में 30 फीसदी कमी आई है.

नशा करने वालों की करवाई मैपिंग

वहीं, विधायक डीएस ठाकुर, मलेंद्र राजन, विनोद कुमार और केवल सिंह पठानिया के सवाल के संयुक्त जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में नशा करने वालों की मैपिंग करवा रही है. हमने पंचायतों में सभी जिलों के एसपी को 15 मार्च तक मैपिंग करने को बोला था. उनकी अब मैपिंग हो चुकी है. सीएम ने कहा कि जल्द ही यह मैपिंग स्कूलों और काॅलेजों में भी होगी और इसी मैपिंग के आधार पर आगे का प्लान तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन सालों में हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्करी के 4780 मामले दर्ज किए गए हैं और चिट्टे के सेवन से 38 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए सोलन जिले के कोटला खुर्द में नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र खोल रही है. प्रदेश सरकार चिट्टे की तस्करी को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने जा रही है.

'सख्ती से लागू किया PIT NDPS एक्ट'

सीएम सुक्खू ने कहा कि कि सरकार ने PIT NDPS एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई से लागू किया है. उन्होंने दावा किया कि शिमला शहर में चिट्टे की तस्करी काफी कम हुई है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्ष पर भी हमला बोला और कहा कि यदि पूर्व भाजपा सरकार गंभीर होती तो वह PIT NDPS एक्ट को कड़ाई से लागू करती. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और आज प्रदेश की जेलों में बंद अधिकतर कैदी चिट्टा तस्कर हैं. सीएम ने कहा कि ये सरकार द्वारा चलाए गए अभियान का ही नतीजा है कि आज नशे के दलदल में फंसे युवाओं के माता-पिता स्वयं आगे आ रहे हैं. सीएम ने चिट्टा तस्करी को लेकर उपलब्ध करवाई जा रही सूचना के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया. इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रतिपूर्वक सवाल पूछे और कहा कि सरकार श्रेय लेने से पहले ड्रग माफिया खासकर चिट्टा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.

ये भी पढ़ें: नशे के खिलाफ सरकार लेने जा रही ये बड़ा एक्शन, बजट भाषण में सीएम सुक्खू ने कही ये बात

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते चिट्टे के खिलाफ अब सरकार कड़ा रुख अपना रही है. प्रदेश में चिट्टा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार एंटी ड्रग एक्ट लेकर आ रही है. जो इसी विधानसभा बजट सत्र के दौरान लाया जाएगा. इस एक्ट को लेकर आज कैबिनेट की बैठक में भी चर्चा होगी. यह जानकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सदन में दी.

चिट्टा तस्करी में कर्मचारी और अधिकारी भी संलिप्त

सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में चिट्टे की तस्करी में प्रदेश सरकार के 60 से ज्यादा कर्मचारी और अधिकारी संलिप्त पाए गए हैं. ऐसे में चिट्टे की तस्करी में संलिप्त पाए गए इन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ अगले 6 महीने में सराकार कड़ी कार्रवाई करेगी. सीएम ने कहा कि जब से 23 अप्रैल 2024 को PIT NDPS एक्ट लाया गया है, तब से 4 चिट्टा सप्लायर जेल में हैं. जबकि 17 चिट्टा सप्लायरों की संपत्ति जब्त कर ली गई है. सीएम ने कहा कि चिट्टा तस्करों को लेकर लोगों में जागरुकता आई है. जिस कारण प्रदेश में चिट्टा तस्करी के मामलों में 30 फीसदी कमी आई है.

नशा करने वालों की करवाई मैपिंग

वहीं, विधायक डीएस ठाकुर, मलेंद्र राजन, विनोद कुमार और केवल सिंह पठानिया के सवाल के संयुक्त जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में नशा करने वालों की मैपिंग करवा रही है. हमने पंचायतों में सभी जिलों के एसपी को 15 मार्च तक मैपिंग करने को बोला था. उनकी अब मैपिंग हो चुकी है. सीएम ने कहा कि जल्द ही यह मैपिंग स्कूलों और काॅलेजों में भी होगी और इसी मैपिंग के आधार पर आगे का प्लान तैयार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन सालों में हिमाचल प्रदेश में चिट्टा तस्करी के 4780 मामले दर्ज किए गए हैं और चिट्टे के सेवन से 38 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल में नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए सोलन जिले के कोटला खुर्द में नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र खोल रही है. प्रदेश सरकार चिट्टे की तस्करी को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने जा रही है.

'सख्ती से लागू किया PIT NDPS एक्ट'

सीएम सुक्खू ने कहा कि कि सरकार ने PIT NDPS एक्ट के प्रावधानों को कड़ाई से लागू किया है. उन्होंने दावा किया कि शिमला शहर में चिट्टे की तस्करी काफी कम हुई है. मुख्यमंत्री ने इस दौरान विपक्ष पर भी हमला बोला और कहा कि यदि पूर्व भाजपा सरकार गंभीर होती तो वह PIT NDPS एक्ट को कड़ाई से लागू करती. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही ड्रग माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और आज प्रदेश की जेलों में बंद अधिकतर कैदी चिट्टा तस्कर हैं. सीएम ने कहा कि ये सरकार द्वारा चलाए गए अभियान का ही नतीजा है कि आज नशे के दलदल में फंसे युवाओं के माता-पिता स्वयं आगे आ रहे हैं. सीएम ने चिट्टा तस्करी को लेकर उपलब्ध करवाई जा रही सूचना के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया. इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी प्रतिपूर्वक सवाल पूछे और कहा कि सरकार श्रेय लेने से पहले ड्रग माफिया खासकर चिट्टा माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे.

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