मंडी: विमल नेगी मौत मामले में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर लगातार कई आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं. वहीं, अब पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हाईकोर्ट के आदेश पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
मंडी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जयराम ठाकुर ने कहा कि 'उम्मीद है कि हाईकोर्ट सीएम की इस टिप्पणी पर संज्ञान लेगा. सीएम सुक्खू से भी इस टिप्पणी पर हाईकोर्ट से माफी मांगनी चाहिए. प्रदेश सरकार विमल नेगी मौत मामले की जांच सही ढंग से नहीं करवा रही थी और इसे प्रभावित करने की कोशिश कर रही थी. प्रदेश के कुछ अधिकारी इसमें संलिप्त हैं, जब ये सारे तथ्य हाईकोर्ट के समक्ष आए तो उसी आधार पर हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया कि सीबीआई की जांच में हिमाचल का कोई अधिकारी शामिल नहीं होगा, ताकि जांच निष्पक्ष तरीके से हो सके, लेकिन आज जिस तरह से सीएम ने हाईकोर्ट के इस निर्णय पर सवाल उठाए हैं वो हैरान करने वाला है. इससे पता चल रहा है कि जांच अब सीबीआई के पास जाने से सीएम कितनी बौखलाहट में हैं.'
जयराम ठाकुर ने सीएम के उस बयान पर भी हैरानी जताई, जिसमें सीएम ने कहा कि है कि यदि विमल नेगी के परिजन सरकार को कहते तो सरकार खुद ही सीबीआई जांच करवा देती. जयराम ठाकुर ने कहा कि 'पहले दिन से ही परिवार के लोग ये मांग उठा रहे हैं. विपक्ष के नाते भाजपा ने भी इस मांग का समर्थन किया है. भाजपा इस विषय पर कोई राजनीति नहीं कर रही है. राजनीति करने के लिए भाजपा के पास और बहुत से मुद्दे हैं. विमल नेगी और उनके परिजनों को न्याय मिले, इसलिए उनके परिवार के साथ खड़े हैं. अब जब हाईकोर्ट ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया है तो सीएम सुक्खू पूरी तरह से परेशान हो गए हैं और इसी परेशानी से बौखलाहट में आकर अनाप शनाप बयानबाजी कर रहे हैं.
सीएम सुक्खू ने की थी ये टिप्पणी
दरअसल, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि वो जस्टिस साहब (विमल नेगी केस को सुन रहे न्यायमूर्ति) की टिप्पणी से सहमत नहीं है. अदालती टिप्पणी में ये कहा गया था कि सीबीआई की जांच टीम में कोई हिमाचल काडर का अफसर नहीं होना चाहिए. सीएम सुक्खू की इस टिप्पणी पर सुधीर शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा था कि कहीं हिमाचल का अपना हाईकोर्ट ही मत खोल लेना.
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