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बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम में शामिल हुए CM सुक्खू, बोले- भगवान बुद्ध ने दिया आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र - BUDDHA PURNIMA

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला के संभोटा तिब्बती स्कूल में आयोजित बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम में शामिल हुए.

बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम में शामिल हुए CM सुक्खू
बुद्ध पूर्णिमा कार्यक्रम में शामिल हुए CM सुक्खू (@CM Post)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 12, 2025 at 5:29 PM IST

2 Min Read

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के संभोटा तिब्बती स्कूल में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. वैशाख पूर्णिमा और भगवान बुद्ध की जयंती के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया. ताकि एक सशक्त समाज का निर्माण हो सके. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने त्सेरिंग पलकत नेगी और पेमा दोरजे को भारत-तिब्बत मैत्री अवार्ड से सम्मानित किया.

कार्यक्रम में तिब्बत, किन्नौर और लाहौल-स्पीति की समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "भगवान बुद्ध ने हमें ‘अप्प दीपो भव’ का मंत्र दिया, जिसका अर्थ है ‘स्वयं अपने दीप बनो’. यह आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र है, जो आज के युग में भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करता है".

सीएम सुक्खू ने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी प्राचीन काल में थीं. हिंसा, असहिष्णुता और अविश्वास से भरे इस युग में भगवान बुद्ध द्वारा दिया गया शांति, करुणा और सहिष्णुता का संदेश मार्ग दिखाता है. ये महज शिक्षाएं नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान और ‘महापरिनिर्वाण’ इसी दिन हुआ था. एक ही दिन में ये तीन महान घटनाएं इस दिन को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण बनाती हैं. भगवान बुद्ध का जीवन हमें यह सिखाता है कि करुणा, शांति और मानवता ही सच्चे धर्म के मूल स्तम्भ हैं.

उन्होंने कहा कि आज के समय में, जहां भौतिक सुख-सुविधाएं तनाव और असंतुलन का कारण बनती है, ऐसे में भगवान बुद्ध का संदेश हमें शांति, सद्भाव और सच्चे सुख का मार्ग दिखाता है.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विद्यालय से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि मैंने शिमला नगर निगम में 10 वर्षों तक पार्षद के रूप में कार्य किया है. मेरे कई मित्रों ने इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है और सर्दियों की छुट्टियों में हम यहीं क्रिकेट खेला करते थे.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में बस किराया बढ़ाने पर फूटा जनता का गुस्सा, बोले- आम आदमी पर और कितना बोझ डालेगी सरकार?

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के संभोटा तिब्बती स्कूल में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया. वैशाख पूर्णिमा और भगवान बुद्ध की जयंती के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने शुभकामनाएं देते हुए भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया. ताकि एक सशक्त समाज का निर्माण हो सके. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने त्सेरिंग पलकत नेगी और पेमा दोरजे को भारत-तिब्बत मैत्री अवार्ड से सम्मानित किया.

कार्यक्रम में तिब्बत, किन्नौर और लाहौल-स्पीति की समृद्ध सांस्कृतिक परम्पराओं पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "भगवान बुद्ध ने हमें ‘अप्प दीपो भव’ का मंत्र दिया, जिसका अर्थ है ‘स्वयं अपने दीप बनो’. यह आत्मनिर्भरता का मूल मंत्र है, जो आज के युग में भारत को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में हमारा मार्गदर्शन करता है".

सीएम सुक्खू ने कहा कि भगवान बुद्ध की शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी प्राचीन काल में थीं. हिंसा, असहिष्णुता और अविश्वास से भरे इस युग में भगवान बुद्ध द्वारा दिया गया शांति, करुणा और सहिष्णुता का संदेश मार्ग दिखाता है. ये महज शिक्षाएं नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक कला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान और ‘महापरिनिर्वाण’ इसी दिन हुआ था. एक ही दिन में ये तीन महान घटनाएं इस दिन को बेहद पवित्र और महत्वपूर्ण बनाती हैं. भगवान बुद्ध का जीवन हमें यह सिखाता है कि करुणा, शांति और मानवता ही सच्चे धर्म के मूल स्तम्भ हैं.

उन्होंने कहा कि आज के समय में, जहां भौतिक सुख-सुविधाएं तनाव और असंतुलन का कारण बनती है, ऐसे में भगवान बुद्ध का संदेश हमें शांति, सद्भाव और सच्चे सुख का मार्ग दिखाता है.

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विद्यालय से जुड़ी अपनी यादों को साझा किया. उन्होंने कहा कि मैंने शिमला नगर निगम में 10 वर्षों तक पार्षद के रूप में कार्य किया है. मेरे कई मित्रों ने इसी स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है और सर्दियों की छुट्टियों में हम यहीं क्रिकेट खेला करते थे.

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