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"प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्यों में शामिल हिमाचल, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती पर काम कर रही सरकार" - CM SUKHU ON NATURAL FARMING

सरकार हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है. यह जानकारी सीएम सुक्खू ने दी.

सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 23, 2025 at 9:04 PM IST

2 Min Read

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में आयोजित ‘समृद्ध हिमाचल 2045’ तीन दिवसीय भौतिक विचार मंथन अभ्यास कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य संगोष्ठियों और चर्चाओं के माध्यम से प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए 20 वर्षीय कार्य योजना तैयार करना है.

प्रदेश सरकार हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है. इन दीर्घकालीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है. इससे भविष्य के लिए नई रणनीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी.

बजट और विकास पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के विकास के लिए सरकार काम कर रही है. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, ऊर्जा क्षेत्र के विकास, पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन और शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र की अधोसंरचना को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है. प्रदेश प्राकृतिक खेती में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. डेयरी क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

रॉयलटी प्राप्त करने का उठाया मामला

सीएम सुक्खू ने कहा राज्य सरकार जल विद्युत क्षमता का उच्चतम दोहन सुनिश्चित करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक रॉयलटी प्राप्त करने का मामला उठाया है. उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न पहल की गई हैं. व्यवस्था परिवर्तन का अर्थ आत्मनिर्भर हिमाचल बनने की ओर अग्रसर होना है.

सैम पित्रोदा ने साझा किए विचार

अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विचारक एवं उद्यमी सैम पित्रोदा भी वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से इस सत्र में जुड़े. उन्होंने प्रदेश के समावेशी विकास के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए. इस विषय पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार के नए प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास के लिए वह प्रदेश सरकार से अपने ज्ञान को साझा करने के इच्छुक हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के प्राइमरी स्कूलों में घटी छात्रों की संख्या, पिछले 20 सालों में 50% गिरी एनरोलमेंट

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) में आयोजित ‘समृद्ध हिमाचल 2045’ तीन दिवसीय भौतिक विचार मंथन अभ्यास कार्यक्रम को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य संगोष्ठियों और चर्चाओं के माध्यम से प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए 20 वर्षीय कार्य योजना तैयार करना है.

प्रदेश सरकार हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है. इन दीर्घकालीन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार विकास और आर्थिक वृद्धि के लिए समग्र दृष्टिकोण के साथ काम कर रही है. इससे भविष्य के लिए नई रणनीतियां तैयार करने में मदद मिलेगी.

बजट और विकास पर जोर

मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश के विकास के लिए सरकार काम कर रही है. वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रस्तुत बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, ऊर्जा क्षेत्र के विकास, पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन और शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र की अधोसंरचना को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है. प्रदेश प्राकृतिक खेती में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है. डेयरी क्षेत्र के विकास को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

रॉयलटी प्राप्त करने का उठाया मामला

सीएम सुक्खू ने कहा राज्य सरकार जल विद्युत क्षमता का उच्चतम दोहन सुनिश्चित करना चाहती है. इसके लिए सरकार ने ऊर्जा परियोजनाओं में अधिक रॉयलटी प्राप्त करने का मामला उठाया है. उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न पहल की गई हैं. व्यवस्था परिवर्तन का अर्थ आत्मनिर्भर हिमाचल बनने की ओर अग्रसर होना है.

सैम पित्रोदा ने साझा किए विचार

अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विचारक एवं उद्यमी सैम पित्रोदा भी वर्चुअल माध्यम से अमेरिका से इस सत्र में जुड़े. उन्होंने प्रदेश के समावेशी विकास के लिए बहुमूल्य सुझाव दिए. इस विषय पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने प्रदेश सरकार के नए प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हिमाचल के विकास के लिए वह प्रदेश सरकार से अपने ज्ञान को साझा करने के इच्छुक हैं.

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