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विधानसभा में कानून व्यवस्था पर लाया गया कटौती प्रस्ताव गिरा, मुख्यमंत्री बोले प्रदेश में पूरी तरह से नियंत्रण में कानून व्यवस्था - CM SUKHU ON CUT MOTION

हिमाचल विधानसभा में कानून व्यवस्था पर लाया गया कटौती प्रस्ताव गिर गया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा प्रदेश में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है.

विधानसभा में कटौती प्रस्ताव गिरा
विधानसभा में कटौती प्रस्ताव गिरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 24, 2025 at 10:33 PM IST

5 Min Read

शिमला: हिमाचल विधानसभा पुलिस और संबंधित संगठन को लेकर विपक्ष की तरफ से लाया गया कटौती प्रस्ताव गिर गया. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जब कटौती प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर दे रहे थे तो, विपक्ष के सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे, वे सदन से बाहर चले गए थे. इसलिए कटौती प्रस्ताव गिर गया है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कटौती प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और सरकार प्रदेशवासियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए सक्षम है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए जांच को प्रभावी बनाने पर जोर दे रही है. इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो रहा है और पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से 2020 तक भाजपा शासनकाल में प्रदेश में 44,426 एफआईआर दर्ज हुई, वहीं मौजूदा सरकार की इतनी ही अवधि में 42,180 एफआईआर दर्ज की गई है और मुकदमों में 5 फीसदी की कमी आई है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में रेप के 742 मामले दर्ज हुए, वहीं पूर्व भाजपा सरकार में इस अवधि में 759 मामले दर्ज हुए थे. इसी तरह से वर्तमान सरकार के समय में दहेज का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहीं पूर्व सरकार में 9 मामले दर्ज हुए थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला पर क्रूरता के वर्तमान सरकार के समय 432 मामले दर्ज हुए हैं. पूर्व भाजपा के समय में इस अवधि तक 465 मामले दर्ज हुए थे.

"खनन को दी 3100 बीघा सरकारी जमीन लीज पर"

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद से राज्य में नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिट-एनडीपीएस एक्ट को लागू कर नशाखोरी पर काफी हद तक रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री ने नशाखोरी के खिलाफ शिमला और सोलन जिले के पुलिस अधीक्षकों की तरफ किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश पुलिस ने बीते दो सालों में ड्रग तस्करों की 25.42 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है. उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि तत्कालीन सरकार ने नालागढ़ में ही 3100 बीघा सरकारी भूमि खनन को लीज पर दी थी. वहीं हमारी सरकार ने दो सालों में 267 बीघा जमीन खनन को दी है. आपने प्रदेश की संपदा को लुटाया है.

'विधायक की अध्यक्षता में बनेगी कमेटियां'

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए विधायकों की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर कमेटियां गठित करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार खनन के लिए मैपिंग भी करेगी, ताकि प्रदेश सरकार के खजाने को कोई चूना न लगा सके. इस बीच, मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने पहले सदन में हंगामा किया और फिर पूरा विपक्ष उठकर सदन से बाहर चला गया.

इससे पूर्व, कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल में कानून व्यवस्था तार-तार हो गई है. इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है. प्रदेश में पहली बार गैंगवार की घटनाएं हो रही हैं. पिछले 82 दिनों में 175 हत्याएं, 600 दुष्कर्म की घटनाएं और 2000 के करीब चोरी डकैती का मामले दर्ज हुए हैं. अब बाहर से आकर गुंडे पूर्व विधायक पर गोलियां चला रहे हैं. आज से पहले प्रदेश में कभी ऐसा नहीं हुआ था. उन्होंने विमल नेगी मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

"अपराधों को रोकने के लिए उन्हीं की भाषा में देना होगा जवाब"

विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने प्रदेश में हो रहे गोलीकांड का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार ऐसा करने वालों को जब तक उन्हीं की भाषा में जवाब नहीं देगी और उन्हें प्रदेश से बाहर नहीं जाने देगी, तब तक ऐसे अपराधों को नहीं रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोलियां चलाने वालों को सरकार को योगी सरकार वाला फार्मूला अपनाना होगा, अन्यथा एक दिन हिमाचल के युवा भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हो जाएंगे.

विधायक रणधीर शर्मा ने बिलासपुर में हुए गोलीकांड को गैंगवार करार दिया और कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण प्रदेश में हत्याओं का दौर बढ़ रहा है. विधायक त्रिलोक जम्वाल ने बिलासपुर में कोर्ट के बाहर हुए गोलीकांड के लिए पूर्व विधायक को मास्टरमाइंड करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग शुरू हो गई है.

विधायक डॉ. हंसराज ने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एआई का प्रयोग करने की सलाह दी. उन्होंने चंबा जिले में ड्रग माफिया, खासकर चिट्टा तस्करों को पकड़ने के लिए एसपीओ का सहयोग लेने की सलाह दी. विधायक लोकेंद्र कुमार ने अपने चुनाव क्षेत्र में ड्रग माफिया और कानून व्यवस्था का मामला उठाया और सख्त कार्रवाई की मांग की.

ये भी पढ़ें: विमल नेगी मौत मामले में सीएम ने विपक्ष को लिया आड़े हाथ, बोले- ED-CBI सब आपके हाथ में, किसी के घर भेज सकते हैं जांच

शिमला: हिमाचल विधानसभा पुलिस और संबंधित संगठन को लेकर विपक्ष की तरफ से लाया गया कटौती प्रस्ताव गिर गया. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जब कटौती प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर दे रहे थे तो, विपक्ष के सदस्य सदन में उपस्थित नहीं थे, वे सदन से बाहर चले गए थे. इसलिए कटौती प्रस्ताव गिर गया है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कटौती प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में है और सरकार प्रदेशवासियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए सक्षम है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए जांच को प्रभावी बनाने पर जोर दे रही है. इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग हो रहा है और पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 से 2020 तक भाजपा शासनकाल में प्रदेश में 44,426 एफआईआर दर्ज हुई, वहीं मौजूदा सरकार की इतनी ही अवधि में 42,180 एफआईआर दर्ज की गई है और मुकदमों में 5 फीसदी की कमी आई है.

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में रेप के 742 मामले दर्ज हुए, वहीं पूर्व भाजपा सरकार में इस अवधि में 759 मामले दर्ज हुए थे. इसी तरह से वर्तमान सरकार के समय में दहेज का कोई भी मामला दर्ज नहीं हुआ है, वहीं पूर्व सरकार में 9 मामले दर्ज हुए थे. उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला पर क्रूरता के वर्तमान सरकार के समय 432 मामले दर्ज हुए हैं. पूर्व भाजपा के समय में इस अवधि तक 465 मामले दर्ज हुए थे.

"खनन को दी 3100 बीघा सरकारी जमीन लीज पर"

सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद से राज्य में नशाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पिट-एनडीपीएस एक्ट को लागू कर नशाखोरी पर काफी हद तक रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री ने नशाखोरी के खिलाफ शिमला और सोलन जिले के पुलिस अधीक्षकों की तरफ किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश पुलिस ने बीते दो सालों में ड्रग तस्करों की 25.42 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है. उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि तत्कालीन सरकार ने नालागढ़ में ही 3100 बीघा सरकारी भूमि खनन को लीज पर दी थी. वहीं हमारी सरकार ने दो सालों में 267 बीघा जमीन खनन को दी है. आपने प्रदेश की संपदा को लुटाया है.

'विधायक की अध्यक्षता में बनेगी कमेटियां'

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अवैध खनन को रोकने के लिए विधायकों की अध्यक्षता में स्थानीय स्तर पर कमेटियां गठित करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार खनन के लिए मैपिंग भी करेगी, ताकि प्रदेश सरकार के खजाने को कोई चूना न लगा सके. इस बीच, मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने पहले सदन में हंगामा किया और फिर पूरा विपक्ष उठकर सदन से बाहर चला गया.

इससे पूर्व, कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "हिमाचल में कानून व्यवस्था तार-तार हो गई है. इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है. प्रदेश में पहली बार गैंगवार की घटनाएं हो रही हैं. पिछले 82 दिनों में 175 हत्याएं, 600 दुष्कर्म की घटनाएं और 2000 के करीब चोरी डकैती का मामले दर्ज हुए हैं. अब बाहर से आकर गुंडे पूर्व विधायक पर गोलियां चला रहे हैं. आज से पहले प्रदेश में कभी ऐसा नहीं हुआ था. उन्होंने विमल नेगी मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग की.

"अपराधों को रोकने के लिए उन्हीं की भाषा में देना होगा जवाब"

विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने प्रदेश में हो रहे गोलीकांड का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार ऐसा करने वालों को जब तक उन्हीं की भाषा में जवाब नहीं देगी और उन्हें प्रदेश से बाहर नहीं जाने देगी, तब तक ऐसे अपराधों को नहीं रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोलियां चलाने वालों को सरकार को योगी सरकार वाला फार्मूला अपनाना होगा, अन्यथा एक दिन हिमाचल के युवा भी इस तरह की घटनाओं में शामिल हो जाएंगे.

विधायक रणधीर शर्मा ने बिलासपुर में हुए गोलीकांड को गैंगवार करार दिया और कहा कि पुलिस की लापरवाही के कारण प्रदेश में हत्याओं का दौर बढ़ रहा है. विधायक त्रिलोक जम्वाल ने बिलासपुर में कोर्ट के बाहर हुए गोलीकांड के लिए पूर्व विधायक को मास्टरमाइंड करार दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट किलिंग शुरू हो गई है.

विधायक डॉ. हंसराज ने अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एआई का प्रयोग करने की सलाह दी. उन्होंने चंबा जिले में ड्रग माफिया, खासकर चिट्टा तस्करों को पकड़ने के लिए एसपीओ का सहयोग लेने की सलाह दी. विधायक लोकेंद्र कुमार ने अपने चुनाव क्षेत्र में ड्रग माफिया और कानून व्यवस्था का मामला उठाया और सख्त कार्रवाई की मांग की.

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