शिमला: हिमाचल में बीते करीब पांच महीनों में कांग्रेस संगठन का भार अकेले पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के कंधों पर है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल में बीते साल 6 नवंबर 2024 को प्रदेश सहित जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणी को भंग किया था. इस बीच हिमाचल कांग्रेस पार्टी के प्रभारी राजीव शुक्ला को भी बदला गया है, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस कार्यकारिणी का पांच महीने बाद भी गठन नहीं हुआ है.
वर्तमान में रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी का नया प्रभारी लगाया गया है जो 28 फरवरी को हिमाचल के दौरे पर आई थीं. इस दौरान उन्होंने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह सहित मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं से नए संगठन के गठन को लेकर फीडबैक लेकर 15 दिनों में प्रदेश की नई कार्यकारिणी का दावा किया था, लेकिन एक महीने से अधिक का समय बीत गया है, अभी तक कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है. इसी बीच मंगलवार को देर रात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल से मुलाकात हुई है. ऐसे में हिमाचल में कार्यकारिणी के गठन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है.
इस सप्ताह कार्यकारिणी का गठन संभव नहीं
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अब केरल के दौरे पर चले गए हैं. केरल जाने से पहले सीएम ने मंगलवार रात को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल से मुलाकात की है. अब मुख्यमंत्री 5 अप्रैल को वापस शिमला लौटेंगे. ऐसे में सीएम सुक्खू के शिमला वापस ना लौटने तक कांग्रेस कार्यकारिणी के ऐलान की संभावना कम ही नजर आ रही है.
वहीं सीएम सुक्खू ने दिल्ली में रजनी पाटिल से मुलाकात के दौरान प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में संगठन को चलाने का अनुभव रखने वाले अपने समर्थक कई नेताओं के नाम भी पार्टी प्रभारी के समक्ष रखे हैं. इससे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी होली कॉलेज समर्थकों के नाम पार्टी प्रभारी के ध्यान में लाए हैं जिस पर अब पार्टी के शीर्ष नेताओं को अंतिम निर्णय लेना है लेकिन दोनों गुटों के बीच तालमेल को कैसे बिठाया जाना है, इसको लेकर फाइनल निर्णय लेना शीर्ष नेतृत्व के लिए भी एक चुनौती है.
सीएम सुक्खू को बनाया गया है ऑब्जर्वर
केरल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस के लिए केरल हमेशा से एक मजबूत गढ़ रहा है. बीते तीन लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय स्तर पर जब पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा तो ऐसे कठिन दौर में भी केरल में चुनाव के नतीजे पार्टी के पक्ष में रहे हैं. इस बार भी लोकसभा चुनाव में केरल के वोटरों ने राहुल गांधी को जीताकर संसद में भेजा था जिसके बाद राहुल गांधी ने वायनाड सीट से इस्तीफा देने के बाद लोकसभा उप-चुनाव में प्रियंका गांधी को जीताकर गांधी परिवार के भरोसे को कायम रखा है. ऐसे में केरल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूती दिलाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ऑब्जर्वर लगाया गया है.
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