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बिल्डिंग गिरने के मामले में CM रेखा गुप्ता ने दिए जांच के आदेश, कहा- जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई - MUSTAFABAD BUILDING COLLAPSE

मुस्तफाबाद में इमारत गिरने के बाद प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं. जानिए- इस हादसे को लेकर किसने क्या कहा

मुस्तफाबाद इमारत गिरने के मामले में सीएम रेखा गुप्ता का बयान
मुस्तफाबाद इमारत गिरने के मामले में सीएम रेखा गुप्ता का बयान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : April 19, 2025 at 2:19 PM IST

Updated : April 19, 2025 at 3:02 PM IST

4 Min Read

नई दिल्ली: मुस्तफाबाद इमारत गिरने की घटना पर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता का कहना है, यह बहुत ही संवेदनशील मामला है कि जिस तरह से सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर ऐसी कमजोर इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, ऐसे निर्माण के लिए जो भी अधिकारी दोषी हैं, उन्हें भी दंडित किया जाना चाहिए. इसमें शामिल ठेकेदार या बिल्डर को भी दंडित किया जाना चाहिए और पूरे शहर में ऐसी सभी इमारतों को अधिसूचित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. यह हम सभी के लिए बहुत दुखद है कि इस तरह की दुर्घटनाओं के कारण लोग मर रहे हैं.

मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में हुए बिल्डिंग करने की घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के विधायक और दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे. उन्होंने राहत बचाव कार्य का जायजा लिया. मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए बिल्डिंग को लेकर निगम के कमिश्नर को आगाह किया था. लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. नियमों के तात्पर्य रखकर 25 -30 मी के प्लाट पर 5 से 6 मंजिला बिल्डिंग बन रही है. बिजली विभाग भी उसमें मीटर लगा रहा है.कोई इसे रोकने रोकने वाला नहीं है. जिसकी वजह से यह हादसे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम और बिजली विभाग भी जिम्मेदार है.

उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में सुबह करीब ढ़ाई बजे एक चार मंजिला इमारत गिरने से 4 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा लोग घायल हैं. अभी मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग में दो फ्लोर पर मकान मालिक तहसीन अपने परिवार के साथ रहते थे, जबकि उनके दो फ्लोर पर किराएदार रहते थे. पूरी बिल्डिंग में करीब 20 से 25 लोग रहते थे. सुबह करीब ढ़ाई बजे अचानक बिल्डिंग भरभराकर गिर गई जिससे बिल्डिंग में रह रहे सभी लोग दब गए. अभी तक मलबे से आठ लोगों को निकाला गया है, जिनमें से चार लोगों की मौत हो गई है.

इसके अलावा अन्य कई घायलों की भी हालत नाजुक बताई जा रही है. सभी घायलों को ज़ीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से चार लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मरने वालों में मकान मालिक तहसीन के अलावा सलमा (35) भी शामिल हैं, जो यहां अपने परिवार के साथ किराए पर रहती थी. तहसीन के छोटे भाई की पत्नी रेहाना ने बताया कि तहसीन के परिवार में उनके दो बेटे, दो बहुएं, उनके ससुर पत्नी और बाकी किराएदार रहते थे.

जब बिल्डिंग गिरी उस समय सभी लोग घर में सो रहे थे जिससे किसी को भी बचने का कोई मौका नहीं मिला. पूरी बिल्डिंग एकदम से ढह गई और सभी लोग उसमें दब गए. रिहाना ने बताया कि उन्हें फोन से सूचना मिली. सूचना मिलते ही वह भाग कर यहां पहुंचे. घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है.बताया जा रहा है कि मलवे से और लोगों के निकाले जाने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है.

बिल्डिंग गिरने का कारण अभी पता नहीं चल सका है. पड़ोसियों ने बताया कि बिना पिलर के खड़ी की गई चार मंजिला इमारत ज्यादा पुरानी नहीं थी. यहां पास में ही रहने वाले जुल्फिकार ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग बिना पिलर के खड़ी की गई थी, जिसकी वजह से वजन बढ़ने से बिल्डिंग भरभराकर गिर गई.

अन्य पड़ोसियों ने बताया कि बिल्डिंग के नीचे दुकान में मरम्मत का काम चल रहा था. नीचे लगे हुए सपोर्ट को हटाकर के दुकान को चौड़ा किया गया था. सपोर्ट के तौर पर जो एक पिलर था उसको भी हटा दिया गया था, जिसकी वजह से रात को ही बिल्डिंग गिर गई, जबकि दिन में ही वह पिलर को हटाने का काम हुआ था..

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नई दिल्ली: मुस्तफाबाद इमारत गिरने की घटना पर दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता का कहना है, यह बहुत ही संवेदनशील मामला है कि जिस तरह से सभी नियमों की धज्जियां उड़ाकर ऐसी कमजोर इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, ऐसे निर्माण के लिए जो भी अधिकारी दोषी हैं, उन्हें भी दंडित किया जाना चाहिए. इसमें शामिल ठेकेदार या बिल्डर को भी दंडित किया जाना चाहिए और पूरे शहर में ऐसी सभी इमारतों को अधिसूचित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. यह हम सभी के लिए बहुत दुखद है कि इस तरह की दुर्घटनाओं के कारण लोग मर रहे हैं.

मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में हुए बिल्डिंग करने की घटना की सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के विधायक और दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट मौके पर पहुंचे. उन्होंने राहत बचाव कार्य का जायजा लिया. मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि उन्होंने बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन कर बनाए गए बिल्डिंग को लेकर निगम के कमिश्नर को आगाह किया था. लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. नियमों के तात्पर्य रखकर 25 -30 मी के प्लाट पर 5 से 6 मंजिला बिल्डिंग बन रही है. बिजली विभाग भी उसमें मीटर लगा रहा है.कोई इसे रोकने रोकने वाला नहीं है. जिसकी वजह से यह हादसे हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पूरे हादसे के लिए दिल्ली नगर निगम और बिजली विभाग भी जिम्मेदार है.

उत्तर पूर्वी जिले के मुस्तफाबाद इलाके के दयालपुर में सुबह करीब ढ़ाई बजे एक चार मंजिला इमारत गिरने से 4 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 15 से ज्यादा लोग घायल हैं. अभी मलबे में और भी लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. दिल्ली पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीम मलबे से लोगों को निकालने में लगी हुई है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग में दो फ्लोर पर मकान मालिक तहसीन अपने परिवार के साथ रहते थे, जबकि उनके दो फ्लोर पर किराएदार रहते थे. पूरी बिल्डिंग में करीब 20 से 25 लोग रहते थे. सुबह करीब ढ़ाई बजे अचानक बिल्डिंग भरभराकर गिर गई जिससे बिल्डिंग में रह रहे सभी लोग दब गए. अभी तक मलबे से आठ लोगों को निकाला गया है, जिनमें से चार लोगों की मौत हो गई है.

इसके अलावा अन्य कई घायलों की भी हालत नाजुक बताई जा रही है. सभी घायलों को ज़ीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनमें से चार लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मरने वालों में मकान मालिक तहसीन के अलावा सलमा (35) भी शामिल हैं, जो यहां अपने परिवार के साथ किराए पर रहती थी. तहसीन के छोटे भाई की पत्नी रेहाना ने बताया कि तहसीन के परिवार में उनके दो बेटे, दो बहुएं, उनके ससुर पत्नी और बाकी किराएदार रहते थे.

जब बिल्डिंग गिरी उस समय सभी लोग घर में सो रहे थे जिससे किसी को भी बचने का कोई मौका नहीं मिला. पूरी बिल्डिंग एकदम से ढह गई और सभी लोग उसमें दब गए. रिहाना ने बताया कि उन्हें फोन से सूचना मिली. सूचना मिलते ही वह भाग कर यहां पहुंचे. घायलों का अस्पताल में इलाज जारी है.बताया जा रहा है कि मलवे से और लोगों के निकाले जाने के बाद मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है.

बिल्डिंग गिरने का कारण अभी पता नहीं चल सका है. पड़ोसियों ने बताया कि बिना पिलर के खड़ी की गई चार मंजिला इमारत ज्यादा पुरानी नहीं थी. यहां पास में ही रहने वाले जुल्फिकार ने बताया कि चार मंजिला बिल्डिंग बिना पिलर के खड़ी की गई थी, जिसकी वजह से वजन बढ़ने से बिल्डिंग भरभराकर गिर गई.

अन्य पड़ोसियों ने बताया कि बिल्डिंग के नीचे दुकान में मरम्मत का काम चल रहा था. नीचे लगे हुए सपोर्ट को हटाकर के दुकान को चौड़ा किया गया था. सपोर्ट के तौर पर जो एक पिलर था उसको भी हटा दिया गया था, जिसकी वजह से रात को ही बिल्डिंग गिर गई, जबकि दिन में ही वह पिलर को हटाने का काम हुआ था..

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Last Updated : April 19, 2025 at 3:02 PM IST
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