नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में इस महीने के आखिरी सप्ताह में नई सरकार अपना पहला बजट पेश करेगी. यह बजट लोकलुभावन हो और इसमें सभी वर्गों को खुश करने के लिए कुछ ना कुछ शामिल हो, इस पर सरकार खास तौर से ध्यान दे रही है. बजट तैयार करने का काम जोर-शोर से जारी है. ऐसे में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अलग-अलग वर्गों से बजट के लिए सुझाव भी ले रही हैं.
गुरुवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दिल्ली विधानसभा परिसर में कारोबारियों को दिल्ली में नवगठित नई सरकार से बजट में क्या अपेक्षाएं हैं? वो सुनने के लिए मौजूद रहीं. दिल्ली के अलग-अलग व्यापारी संगठनों को इसमें आमंत्रित किया गया था. व्यापारिक संगठनों ने जो सुझाव दिए उसे मुख्यमंत्री ने बड़े गौर से सुना. जो भी जायज सुझाव लगी उसे सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह इस पर विचार करेंगी.
#WATCH | दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, " ...इतने सालों तक पिछली सरकारों के शासन के दौरान, वे (व्यापारी संगठन) नौकरशाही और अव्यवहारिक नीतियों से परेशान रहे हैं। आज भी वे सीवरेज की समस्या से परेशान हैं... बड़े बाजार क्षेत्रों में, चाहे वह करोल बाग हो, लाजपत नगर हो या… pic.twitter.com/3ItAZ62Y8U
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 6, 2025
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा, "इतने सालों तक पिछली सरकारों के शासन के दौरान, वे (व्यापारी संगठन) नौकरशाही और अव्यवहारिक नीतियों से परेशान रहे हैं. आज भी वे सीवेज की समस्या से परेशान हैं. बड़े बाजार क्षेत्रों में, चाहे वह करोल बाग हो, लाजपत नगर हो या चांदनी चौक, शौचालय और अन्य प्रकार की समस्याएं हैं, जिन्हें आज व्यापारी संगठन ने बताया. मैं केवल इतना कह सकती हूं कि पिछली सरकारें दर्द का प्रचार करती थी, मैं कोशिश करूंगी कि इस दर्द का उपचार किया जाए."
वैट एमनेस्टी स्कीम की जरूरत: दिल्ली के ऑटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट एसोसिएशन के प्रधान विनय नारंग में मुख्यमंत्री को बजट के लिए दिए सुझाव में कहा कि जीएसटी से पहले की वैट डिमांड जो विभिन्न स्तर पर पेंडिंग है, उनके निपटारे के लिए पिछली सरकार ने एमनेस्टी स्कीम लाने का वादा किया था, पर कुछ नहीं हुआ है. दूसरे राज्यों में ऐसी स्कीम लाई गई और लाखों व्यापारियों को इसके अंतर्गत वैट डिमांड्स का निपटारा किया गया. दिल्ली में भी वैट एमनेस्टी स्कीम की जरूरत है. इसके अलावा, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग से पहले कारोबारियों की राय ली जाए. व्यापारियों से उनके सुझाव पूछ लें आकलन करके उचित और जायज सुझावों पर अपने मार्गदर्शन में विषमताओं को सरल बनाया जाए. दिल्ली के प्रत्येक व्यापारी का दुर्घटना (पांच लाख) एवं जीवन बीमा (10 लाख) कराया जाए तथा 60 साल की आयु के पश्चात उनके लिए पेंशन की व्यवस्था की जानी चाहिए.
महिला संगठनों से बजट को लेकर सुझाव: बता दें इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने महिला संगठनों से बजट को लेकर सुझाव पर उनकी बातें सुनी थी. जबकि शाम को दिल्ली के शिक्षाविदों को उन्होंने दिल्ली सचिवालय में आमंत्रित किया था, ताकि वह शिक्षा क्षेत्र में और बेहतर क्या किया जाए, इस पर वे सुझाव दे सकें. अभी आने वाले दिनों में यह सुझाव लेने का सिलसिला जारी रहेगा. दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र इस महीने के अंतिम सप्ताह में बुलाया गया है.
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