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इतिहास के पन्नों में समा गया 'कैफोर्ड हाउस', जुड़ी हैं कई कहानियां! - CM HOUSE

ब्रिटिश काल का वीआईपी भवन अब एक इतिहास बनकर रह जाएगा. जानें, इससे जुड़ी रोचक बातें.

CM Hemant Soren laid foundation stone of CM house construction work in Ranchi
भूमि पूजन कार्यक्रम में सीएम (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 12, 2025 at 3:55 PM IST

Updated : May 12, 2025 at 4:02 PM IST

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रांचीः बहुत कम लोग जानते होंगे कि रांची के कांके रोड स्थित सीएम आवास में कभी कमीश्नर रहा करते थे. अंग्रेजों के जमाने के कमीश्नर. इस आवास को 'कैफोर्ड हाउस ' के नाम से जाना जाता था.

लेकिन झारखंड बनने पर इसको मुख्यमंत्री आवास का दर्जा मिला. यह भवन करीब ढाई दशक तक राज्य में सत्ता के शीर्ष पद का गवाह बना रहा. इस दौरान इस आवास के साथ कई मिथक भी जुड़े रहे, जो अब अतीत का हिस्सा बन गये हैं.

नए सीएम हाउस के लिए पूजन करते सीएम हेमंत सोरेन (Etv Bharat)

क्योंकि कैफोर्ड हाउस को तोड़कर नये सीरे से सीएम आवास का निर्माण कार्य शुरु हो गया है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ इसकी आधारशिला रख दी है. आज बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मौके पर विधि विधान के साथ नये भवन की नींव रखी गयी.

CM Hemant Soren laid foundation stone of CM residence construction work in Ranchi
भूमि पूजन कार्यक्रम में पत्नी संग सीएम (ETV Bharat)

अंग्रेजों ने कमीश्नर के लिए करवाया था निर्माण

दरअसल, 1853 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रिंसिपल एजेंट थे कमिश्नर एलियन. उन्होंने इस भवन की नींव रखी थी. लेकिन भवन बनने से पहले एलियन का ट्रांसफर हो गया और कैफोर्ड ने पद संभाला. उनके पद संभालते ही भवन निर्माण में तेजी आई और साल भर के अंदर 1854 में ब्रिटिश हुकूमत ने कमिश्नर सिस्टम को इंप्लीमेंट कर दिया. तब कैफोर्ड को छोटानागपुर का पहला कमिश्नर बनाया गया. वह इस हाउस में रहने वाले पहले अधिकारी बने तभी से इस भवन को कैफोर्ड हाउस कहा जाने लगा. इस कैंपस में आम समेत कई फलों को पेड़ मौजूद हैं.

CM Hemant Soren laid foundation stone of CM residence construction work in Ranchi
सीएम आवास के शिलान्यास पूजन में मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के साथ (ETV Bharat)

सीएम आवास के साथ जुड़ी हैं कई कहानियां

सीएम आवास होते हुए भी इस हाउस को अशुभ कहा जाता रहा. क्योंकि क्योंकि सीएम की कुर्सी संभालने वाला कोई नेता इस आवास में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. इस लिस्ट में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा का नाम शामिल है.

इस मिथक को तोड़ा रघुवर दास ने वह पहले नेता रहे, जो इस आवास में रहते हुए बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. हालांकि, वे भी शंका और आशंका से प्रभावित रहे. उन्होंने कुछ वास्तु बदलाव करवाए. कांके रोड वाले गेट से आना-जाना करने के बजाए मोरहाबादी वाले गेट का इस्तेमाल किया. वहीं सीएम रहते हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने पर अर्जुन मुंडा ने सीएम कैंपस में हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया था.

इस आवास का प्रभाव ऐसा था कि 13 जुलाई 2013 को पहली बार सीएम बनने के बावजूद हेमंत सोरेन इस आवास में नहीं गये. वह नेता प्रतिपक्ष वाले ही आवास में रहे जो सीएम आवास से बिल्कुल सटा हुआ है. वह सीएम आवास का इस्तेमाल सिर्फ बैठकों के लिए किया करते थे. 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन वास्तविक सीएम आवास में रहने नहीं गये.

खास बात है कि 2024 में दोबारा सत्तासीन होने पर हेमंत सोरेन पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने अंग्रेजों के जमाने के कैफोर्ड हाउस को जमींदोज कर नया सीएम आवास बनाने पर बल दिया. उसी का नतीजा है कि भवन निर्माण विभाग की पहल पर नया सीएम आवास बन रहा है, जिसका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आधारशिला रखी है. अब देखना है कि यह भवन कबतक बनकर तैयार होता है.

इसे भी पढ़ें- रांची का ऐतिहासिक 'कैफोर्ड हाउस' धराशायी! झारखंड बनने के बाद सीएम हाउस का मिला था दर्जा, कई मिथक का रहा है गवाह - CAFFORD HOUSE DEMOLISHED

इसे भी पढे़ं- झारखंड के सीएम हाउस से जुड़े हैं कई मिथक, क्या सीएम हेमंत सोरेन इस बार शिफ्ट करेंगे वहां? - history of Jharkhand CM House

इसे भी पढ़ें- सीएम आवास पर वास्तु दोष! क्या सियासी संकट के पीछे छह गेट का भी है कोई रहस्य, पढ़े रिपोर्ट - रांची न्यूज

रांचीः बहुत कम लोग जानते होंगे कि रांची के कांके रोड स्थित सीएम आवास में कभी कमीश्नर रहा करते थे. अंग्रेजों के जमाने के कमीश्नर. इस आवास को 'कैफोर्ड हाउस ' के नाम से जाना जाता था.

लेकिन झारखंड बनने पर इसको मुख्यमंत्री आवास का दर्जा मिला. यह भवन करीब ढाई दशक तक राज्य में सत्ता के शीर्ष पद का गवाह बना रहा. इस दौरान इस आवास के साथ कई मिथक भी जुड़े रहे, जो अब अतीत का हिस्सा बन गये हैं.

नए सीएम हाउस के लिए पूजन करते सीएम हेमंत सोरेन (Etv Bharat)

क्योंकि कैफोर्ड हाउस को तोड़कर नये सीरे से सीएम आवास का निर्माण कार्य शुरु हो गया है. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ इसकी आधारशिला रख दी है. आज बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मौके पर विधि विधान के साथ नये भवन की नींव रखी गयी.

CM Hemant Soren laid foundation stone of CM residence construction work in Ranchi
भूमि पूजन कार्यक्रम में पत्नी संग सीएम (ETV Bharat)

अंग्रेजों ने कमीश्नर के लिए करवाया था निर्माण

दरअसल, 1853 में बंगाल के लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रिंसिपल एजेंट थे कमिश्नर एलियन. उन्होंने इस भवन की नींव रखी थी. लेकिन भवन बनने से पहले एलियन का ट्रांसफर हो गया और कैफोर्ड ने पद संभाला. उनके पद संभालते ही भवन निर्माण में तेजी आई और साल भर के अंदर 1854 में ब्रिटिश हुकूमत ने कमिश्नर सिस्टम को इंप्लीमेंट कर दिया. तब कैफोर्ड को छोटानागपुर का पहला कमिश्नर बनाया गया. वह इस हाउस में रहने वाले पहले अधिकारी बने तभी से इस भवन को कैफोर्ड हाउस कहा जाने लगा. इस कैंपस में आम समेत कई फलों को पेड़ मौजूद हैं.

CM Hemant Soren laid foundation stone of CM residence construction work in Ranchi
सीएम आवास के शिलान्यास पूजन में मुख्यमंत्री अपनी पत्नी के साथ (ETV Bharat)

सीएम आवास के साथ जुड़ी हैं कई कहानियां

सीएम आवास होते हुए भी इस हाउस को अशुभ कहा जाता रहा. क्योंकि क्योंकि सीएम की कुर्सी संभालने वाला कोई नेता इस आवास में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. इस लिस्ट में बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा का नाम शामिल है.

इस मिथक को तोड़ा रघुवर दास ने वह पहले नेता रहे, जो इस आवास में रहते हुए बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा किया. हालांकि, वे भी शंका और आशंका से प्रभावित रहे. उन्होंने कुछ वास्तु बदलाव करवाए. कांके रोड वाले गेट से आना-जाना करने के बजाए मोरहाबादी वाले गेट का इस्तेमाल किया. वहीं सीएम रहते हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने पर अर्जुन मुंडा ने सीएम कैंपस में हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया था.

इस आवास का प्रभाव ऐसा था कि 13 जुलाई 2013 को पहली बार सीएम बनने के बावजूद हेमंत सोरेन इस आवास में नहीं गये. वह नेता प्रतिपक्ष वाले ही आवास में रहे जो सीएम आवास से बिल्कुल सटा हुआ है. वह सीएम आवास का इस्तेमाल सिर्फ बैठकों के लिए किया करते थे. 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद हेमंत सोरेन वास्तविक सीएम आवास में रहने नहीं गये.

खास बात है कि 2024 में दोबारा सत्तासीन होने पर हेमंत सोरेन पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने अंग्रेजों के जमाने के कैफोर्ड हाउस को जमींदोज कर नया सीएम आवास बनाने पर बल दिया. उसी का नतीजा है कि भवन निर्माण विभाग की पहल पर नया सीएम आवास बन रहा है, जिसका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आधारशिला रखी है. अब देखना है कि यह भवन कबतक बनकर तैयार होता है.

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Last Updated : May 12, 2025 at 4:02 PM IST
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