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युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर को पी-कल्चर में किया जाएगा तब्दील, विधायक खेल कूद प्रतियोगिता बनेगा मंच - MLA SPORTS COMPETITION

सीएम धामी ने देहरादून सचिवालय में युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की.

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सीएम धामी ने सचिवालय में युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की. (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 17, 2025 at 7:31 PM IST

4 Min Read

देहरादून: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लगभग सभी चीज इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर सीमित हो गई है. यही वजह है कि युवाओं में लगातार इलेक्ट्रॉनिक संस्कृति भी बढ़ती जा रही है. जो भविष्य के लिहाज से काफी अधिक खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक कल्चर) को पी-कल्चर (प्लेग्राउंड संस्कृति) में तब्दील करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए प्रदेश के सभी विधानसभाओं में विधायक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. जिससे खिलाड़ियों को एक मंच मिलने के साथ ही नई खिलाड़ियों को अपना बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा.

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को खेलों से जोड़ा जाए. युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें साहसिक खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण, सेना, अर्द्धसेना और पुलिस बलों में भर्ती से पहले प्रशिक्षण दिया जाए. उनके बेहतर भविष्य के लिए परामर्श केंद्र स्थापित कर युवाओं को शिक्षा, रोजगार और अन्य विषयों की जानकारी दी जाए. इसके साथ ही युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति को रोकने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं.

खेल गतिविधियां और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश: सीएम ने कहा कि विभाग की सभी खेल परिसंपत्तियों को अधिक से अधिक इस्तेमाल किए जाने के साथ ही इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए. राज्य के सभी बहुउद्देशीय हॉल में खेल गतिविधियों का आयोजन और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाए. उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ ही अधिक से अधिक जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. साथ ही सीएम ने मुख्य सचिव को गेम चेंजर योजनाओं की लगातार समीक्षा करने के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही सीएस पहले से चल रही योजनाओं में सुधार के लिए बनाई गई कार्ययोजना की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे. जिससे योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर लागू किया जा सके.

युवाओं को विदेशी भाषा का प्रशिक्षण देने के निर्देश: इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए. व्यावसायिक, उद्यमिता और रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए. उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए. विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से संपर्क कर तमाम देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.

मेधावी छात्रों को प्रमुख संस्थानों में भ्रमण: सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए. शिक्षण गतिविधियों को रूचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार की भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराया जाए. राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किए जाएं.

उच्च शिक्षा उन्नयन पर जोर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं. सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ा जाए. इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लिया जाए. बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हो, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए. महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा बोर्ड का रिजल्ट जारी, 12वीं में अभिषेक ममगाईं ने किया टॉप

देहरादून: डिजिटलाइजेशन के इस दौर में लगभग सभी चीज इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म पर सीमित हो गई है. यही वजह है कि युवाओं में लगातार इलेक्ट्रॉनिक संस्कृति भी बढ़ती जा रही है. जो भविष्य के लिहाज से काफी अधिक खतरनाक साबित हो सकती है. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने युवाओं में बढ़ते ई-कल्चर (इलेक्ट्रॉनिक कल्चर) को पी-कल्चर (प्लेग्राउंड संस्कृति) में तब्दील करने का निर्णय लिया है. जिसके लिए प्रदेश के सभी विधानसभाओं में विधायक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. जिससे खिलाड़ियों को एक मंच मिलने के साथ ही नई खिलाड़ियों को अपना बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा.

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में युवा कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर युवाओं को खेलों से जोड़ा जाए. युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उन्हें साहसिक खेल गतिविधियों का प्रशिक्षण, सेना, अर्द्धसेना और पुलिस बलों में भर्ती से पहले प्रशिक्षण दिया जाए. उनके बेहतर भविष्य के लिए परामर्श केंद्र स्थापित कर युवाओं को शिक्षा, रोजगार और अन्य विषयों की जानकारी दी जाए. इसके साथ ही युवाओं में बढ़ते नशे की प्रवृति को रोकने के लिए लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं.

खेल गतिविधियां और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश: सीएम ने कहा कि विभाग की सभी खेल परिसंपत्तियों को अधिक से अधिक इस्तेमाल किए जाने के साथ ही इसके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाए. राज्य के सभी बहुउद्देशीय हॉल में खेल गतिविधियों का आयोजन और स्थानीय सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की जाए. उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के साथ ही अधिक से अधिक जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. साथ ही सीएम ने मुख्य सचिव को गेम चेंजर योजनाओं की लगातार समीक्षा करने के भी निर्देश दिए. इसके साथ ही सीएस पहले से चल रही योजनाओं में सुधार के लिए बनाई गई कार्ययोजना की अपने स्तर से समीक्षा करेंगे. जिससे योजनाओं को बेहतर तरीके से धरातल पर लागू किया जा सके.

युवाओं को विदेशी भाषा का प्रशिक्षण देने के निर्देश: इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए. व्यावसायिक, उद्यमिता और रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए. उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए. विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से संपर्क कर तमाम देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए.

मेधावी छात्रों को प्रमुख संस्थानों में भ्रमण: सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्तापरक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए. शिक्षण गतिविधियों को रूचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार की भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराया जाए. राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किए जाएं.

उच्च शिक्षा उन्नयन पर जोर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किए जाएं. सीएम ने कहा कि उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ा जाए. इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लिया जाए. बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हो, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए. महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं.

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