लखनऊ:भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव से देश ने सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की जरूरत को महसूस किया है. इसी कड़ी में योगी सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में सिविल डिफेंस व्यवस्था को स्थापित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. वर्तमान में केवल 15 जिलों में यह व्यवस्था है. अब मुख्यमंत्री के निर्देश पर शेष 60 जिलों में भी इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और संकट के समय प्रभावी राहत कार्यों को अंजाम देना है.
युवाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और रोजगारः मुख्यमंत्री के मीडिया सेल की ओर से बताया गया है कि प्रदेश भर में सिविल डिफेंस की व्यवस्था के लागू होने से न सिर्फ स्थानीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र मजबूत होगा, बल्कि बड़ी संख्या में युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे. सिविल डिफेंस के तहत स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन, प्राथमिक चिकित्सा, और राहत कार्यों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो संकटकाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. सरकार ने इस दिशा में कार्ययोजना तैयार कर ली .। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में सिविल डिफेंस की स्थापना के लिए संसाधनों और प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था की जाए. साथ ही, जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इस व्यवस्था से जोड़ा जाएगा.
क्या होता है सिविल डिफेंस?
सिविल डिफेंस आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का मजबूत स्तंभ है. यह न केवल प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़, और चक्रवात, बल्कि युद्ध या अन्य मानव-निर्मित संकटों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 7 मई को देशभर में नागरिक सुरक्षा को लेकर आयोजित मॉक ड्रिल में सिविल डिफेंस ने अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया था. इस दौरान स्वयंसेवकों ने लोगों को सतर्क करने, सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने में तत्परता दिखाई. सिविल डिफेंस के प्रशिक्षित कार्यकर्ता आपदा प्रबंधन, बचाव कार्य और राहत वितरण में विशेषज्ञता रखते हैं, जो संकटकाल में जीवन रक्षा के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, यह व्यवस्था जनजागरूकता फैलाकर समाज को आपात स्थिति के लिए तैयार करती है। उत्तर प्रदेश में सिविल डिफेंस के विस्तार से न केवल सुरक्षा तंत्र मजबूत होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.