हजारीबाग: बाल विवाह कानूनन अपराध है. इसके बावजूद भी कई परिवार ऐसे हैं जो अपनी बेटियों की शादी कम उम्र में कर रहे हैं. हजारीबाग में एक दिन में चार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नाबालिग बच्चियों को बाल विवाह से बचाया गया. टाटीझरिया में बाल संरक्षण टीम और प्रशासन की मदद से बाल विवाह से महज एक घंटे पहले एक बच्ची को बचाया गया.
चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर की वजह से ही हजारीबाग की चार बेटियों को बाल विवाह से बचाया जा सका. हजारीबाग में पदस्थापित जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि हजारीबाग में आज चार बच्चियों को उनका भविष्य बर्बाद होने से पहले बचाया जा सका. इनमें से एक टाटीझरिया प्रखंड की थी. उसे शादी से महज डेढ़ घंटे पहले बचाया गया. वहीं विष्णुगढ़ प्रखंड के अलखरीखुर्द गांव की नाबालिग बच्ची जो दसवीं की छात्रा है, उसे बाल विवाह से बचाया गया. उसकी शादी 19 अप्रैल को बगोदर में होनी थी.
जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी संजय प्रसाद ने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें अपने आसपास बाल विवाह की जानकारी मिले तो चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जरूर सूचना दें. अगर आप बाल विवाह की प्रक्रिया में शामिल होते हैं तो आपको सजा हो सकती है.
उन्होंने बताया कि जिन लोगों की शादी बचपन में हो जाती है, वे वयस्क होने के बाद अपनी शादी को रद्द करा सकते हैं. केंद्र और राज्य सरकारों ने बाल विवाह रोकने के लिए कानूनों में संशोधन किया है. कई स्तरों पर अधिकारियों की तैनाती की गई है ताकि बाल विवाह को रोका जा सके. उनका यह भी कहना है कि बाल विवाह से लड़की पर मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से बुरा असर पड़ता है.
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