भिवाड़ी: मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को भिवाड़ी में अलवर, खैरथल तिजारा को लेकर अधिकारियों की बैठक ली. इसमें दोनों जिलों को लेकर 25-26 हमारे एजेंडों पर चर्चा हुई. साथ ही सरकार की 25 फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति को लेकर चर्चा हुई. साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक में भिवाड़ी के विकास, आधारभूत ढांचे, औद्योगिक विस्तार, कानून-व्यवस्था और जनसेवा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
मुख्य सचिव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज भिवाड़ी में दो मीटिंग हुई है. पहली बीड़ा जिसमें भिवाड़ी के विकास को लेकर चर्चा हुई है. इस बैठक में काफी अधिकारी भिवाड़ी, अलवर और जयपुर से आए थे. वरिष्ठ और प्रिंसिपल स्तर के अधिकारी वीसी के जरिये जुड़े थे. भिवाडी के विकास को लेकर काफी चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की भी मंशा है कि भिवाड़ी को गुरुग्राम मानेसर जैसा डवलप करें.
उन्होंने कहा कि अभी बजट में भी बीड़ा को फिर से नगरीय विकास विभाग के अधीन किया गया है. जो पहले उद्योग विभाग के अधीन था. नगर विकास का जो दायरा है, वो उद्योग विभाग के दायरे से काफी बड़ा है. यह माना जाता है कि यूडीएच के पास रहने से विकास होगा और बाकी इश्यूज का अच्छा समाधान होगा. पहली बैठक बीड़ा से संबंधित थी. उसमें कई प्रपोजल प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई.
दोनों जिलों के अलग-अलग एजेंडे: उन्होंने बताया कि दूसरी बैठक में दो जिलों अलवर, खैरथल तिजारा को लेकर बात हुई. दोनों जिलों को लेकर 25-26 हमारे एजेंडा थे. जिसमें सभी विभागों के पॉइंट थे. कुछ पुलिस, क्राइम और राजस्व से रिलेटेड थे. जिलों में और होना चाहिए, अभी तक कैसा काम हो रहा है, इन सभी की समीक्षा की गई है. भिवाड़ी में पानी भराव को लेकर किए गए सवाल पर सीएस ने कहा कि इन सभी प्रश्नों के जवाब बहुत जल्द ही जिला कलेक्टर किशोर कुमार और बीड़ा सीओ से जवाब मिल सकेगा.
इससे पहले मुख्य सचिव सुधांश पंत ने राजस्थान में जल जीवन मिशन (JJM) की प्रगति और भविष्य की रणनीति को लेकर समीक्षा बैठक ली. पंत ने कहा कि जेजेएम हर ग्रामीण परिवार के जीवन में बदलाव लाने वाला अभियान है. उन्होंने अधिकारियों को समय पर लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर हफ्ते योजना की मॉनिटरिंग करें। गौरतलब है कि राज्य में जेजेएम में अब तक करीब 60 प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं. हालांकि कई जिले लक्ष्य से काफी पीछे हैं.
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि गर्मी में पानी की बढ़ती मांग देखते मिशन से जुड़े सभी कार्यों में गुणवत्ता और गति सुनिश्चित की जाए. पाया कि कई परियोजनाओं में तकनीकी बाधा और ठेकेदारों की लापरवाही के चलते देरी हो रही है. मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं की साप्ताहिक मॉनिटरिंग करें व जरूरत पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करें. उन्होंने जनप्रतिनिधियों और पंचायतों को भी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया. बैठक में अलवर, भरतपुर और जयपुर संभाग के कलेक्टर, जलदाय व अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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पिछली सरकार में घोटाला: केंद्र सरकार ने हर घर पानी पहुंचाने के लिए जेजेएम चलाई. इसमें गांव-ढाणी तक पानी पहुंचाने का काम शुरू किया गया. हालांकि प्रदेश में पिछली सरकार में इस योजना में घोटाने की शिकायतें मिली थी. अब खुद मुख्य सचिव ने कमान संभाली और अधिकारियों की बैठक लेकर समीक्षा की. उन्होंने जल्द कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.