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मुख्य सचिव ने की केन्द्रीय सहायता से बन रही सड़कों की समीक्षा, दिए कई निर्देश - ROAD CONSTRUCTION REVIEWED

झारखंड में केंद्रीय सहायता से बन रही सड़कों की मॉनिटरिंग को लेकर मुख्य सचिव अल्का तिवारी ने सभी उपायुक्त को निर्देश दिया है.

ROAD CONSTRUCTION REVIEWED
झारखंड मंत्रालय (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 26, 2025 at 10:01 PM IST

3 Min Read

रांची: केंद्रीय सहायता से राज्य में चल रही विभिन्न सड़क निर्माण योजनाओं के लंबित होने पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी उपायुक्त को लगातार मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है. झारखंड मंत्रालय में बुधवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी ने समीक्षा करते हुए कहा कि अगर किसी सड़क निर्माण में कोई बाधा आ रही है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर दूर करें. जहां जरूरत हो वहां संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर निर्माण कार्य को पूरा करने का काम किया जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र से सड़क निर्माण परियोजनाओं को राज्य में लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. एक बार स्वीकृति मिलने के बाद अगर ससमय निर्माण शुरू नहीं हुआ तो योजना निरस्त होने का भी खतरा रहता है. ऐसे में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं का समय पर समाधान होना चाहिए, ताकि आगे के लिए भी सड़क निर्माण की योजनाएं राज्य के लिए केंद्र से ली जा सके.

समीक्षा बैठक के दौरान यह पाया गया कि सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण और उसका मुआवजा भुगतान को लेकर है, जिसके कागजात नहीं मिल रहे हैं. इसका समाधान निकालते हुए निर्देश दिया गया कि वैसी जमीनों को सरकारी मानकर काम शुरू किया जाए और बाद में कागजात के साथ दावा करने पर उसका मुआवजा भुगतान किए जाए. बैठक में मुआवजा भुगतान में होने वाली देरी पर चिंता जताते हुए कहा गया कि कैंप लगाकर भुगतान किया जाए. वहीं वन विभाग से जुड़े मसले को भी शीघ्र सुलझाने पर जोर दिया गया.

52 हजार 476 करोड़ से बन रही है 1758 किमी सड़क

समीक्षा बैठक के दौरान राज्य में बन रही 52 हजार 476 करोड़ की लागत से 503 किलोमीटर की सड़क की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें कहा गया कि 13 हजार 993 करोड़ की लागत से 718 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है. वहीं 17.588 करोड़ की लागत से 503 किलोमीटर की 15 सड़कों का निर्माण जारी है. राज्य में कुल 3536 किलोमीटर सड़क नेशनल हाईवे है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 1758 किलोमीटर सड़क 52 हजार 476 करोड़ रुपए से बनाई जा रही है. 11 हजार 843 करोड़ से 273 किलोमीटर की 8 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं 9623 करोड़ की लागत से 263 किलोमीटर की सात सड़कों का निर्माण डीपीआर और टेंडर प्रक्रिया में है. बता दें कि झारखंड में प्रति एक लाख जनसंख्या पर नेशनल हाईवे की 8.62 किलोमीटर सड़क है, जो पूरे भारत में 11 किलोमीटर है. वहीं झारखंड में प्रति 1000 स्क्वायर किलोमीटर में नेशनल हाईवे 43.901 किलोमीटर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 40.2 है.

रांची: केंद्रीय सहायता से राज्य में चल रही विभिन्न सड़क निर्माण योजनाओं के लंबित होने पर चिंता जताते हुए मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी उपायुक्त को लगातार मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है. झारखंड मंत्रालय में बुधवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी ने समीक्षा करते हुए कहा कि अगर किसी सड़क निर्माण में कोई बाधा आ रही है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर दूर करें. जहां जरूरत हो वहां संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाकर निर्माण कार्य को पूरा करने का काम किया जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र से सड़क निर्माण परियोजनाओं को राज्य में लाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. एक बार स्वीकृति मिलने के बाद अगर ससमय निर्माण शुरू नहीं हुआ तो योजना निरस्त होने का भी खतरा रहता है. ऐसे में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं का समय पर समाधान होना चाहिए, ताकि आगे के लिए भी सड़क निर्माण की योजनाएं राज्य के लिए केंद्र से ली जा सके.

समीक्षा बैठक के दौरान यह पाया गया कि सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा जमीन अधिग्रहण और उसका मुआवजा भुगतान को लेकर है, जिसके कागजात नहीं मिल रहे हैं. इसका समाधान निकालते हुए निर्देश दिया गया कि वैसी जमीनों को सरकारी मानकर काम शुरू किया जाए और बाद में कागजात के साथ दावा करने पर उसका मुआवजा भुगतान किए जाए. बैठक में मुआवजा भुगतान में होने वाली देरी पर चिंता जताते हुए कहा गया कि कैंप लगाकर भुगतान किया जाए. वहीं वन विभाग से जुड़े मसले को भी शीघ्र सुलझाने पर जोर दिया गया.

52 हजार 476 करोड़ से बन रही है 1758 किमी सड़क

समीक्षा बैठक के दौरान राज्य में बन रही 52 हजार 476 करोड़ की लागत से 503 किलोमीटर की सड़क की अद्यतन स्थिति के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें कहा गया कि 13 हजार 993 करोड़ की लागत से 718 किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है. वहीं 17.588 करोड़ की लागत से 503 किलोमीटर की 15 सड़कों का निर्माण जारी है. राज्य में कुल 3536 किलोमीटर सड़क नेशनल हाईवे है.

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा 1758 किलोमीटर सड़क 52 हजार 476 करोड़ रुपए से बनाई जा रही है. 11 हजार 843 करोड़ से 273 किलोमीटर की 8 सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. वहीं 9623 करोड़ की लागत से 263 किलोमीटर की सात सड़कों का निर्माण डीपीआर और टेंडर प्रक्रिया में है. बता दें कि झारखंड में प्रति एक लाख जनसंख्या पर नेशनल हाईवे की 8.62 किलोमीटर सड़क है, जो पूरे भारत में 11 किलोमीटर है. वहीं झारखंड में प्रति 1000 स्क्वायर किलोमीटर में नेशनल हाईवे 43.901 किलोमीटर है, जबकि राष्ट्रीय औसत 40.2 है.

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