जयपुर: जिला कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई हुई जिसमें बड़ी संख्या में लोग अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. कुछ समस्याओं का समाधान अधिकारियों ने तुरंत कर दिया. जनसुनवाई में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा जयपुर शहर सासंद मंजू शर्मा, कांग्रेस विधायक मनीष यादव और शिखा मील बराला भी मौजूद रहीं. जनसुनवाई में मुख्य सचिव सुधांश पंत भी वीसी के जरिए जुड़े और उन्होंने इस बात को लेकर नाराजगी की जताई कि रात्रि चौपाल के दौरान अधिकारी रात्रि विश्राम नहीं करते हैं.
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि अफसरों को रात्रि चौपाल, रात्रि विश्राम और निरीक्षण की रिपोर्ट भेजनी होगी. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारी रात्रि चौपाल में रात्रि विश्राम नहीं कर रहे हैं. अधिकारी रात्रि चौपाल को ही रात्रि विश्राम दिखा देते हैं. ऐसी सूचना मिली है कि अधिकारी सरकार के आदेशों की पालना नहीं कर रहे है. अब अधिकारियों को रात्रि विश्राम की तारीख के साथ जिस सरकारी भवन में रुके, उसकी जानकारी देनी होगी. अधिकारियों को सरकारी स्थल या सरकारी भवन में ही रात्रि विश्राम करना होगा.
सीएस पंत ने नाराजगी जताते हुए संभागीय आयुक्त को एक सप्ताह में यह सूचना भिजवाने के निर्देश दिए हैं. संभागीय आयुक्त कलेक्टर्स के साथ एडीएम और एसडीएम की फील्ड विजिट की सूचना सरकार को भेजेगा. सीएस ने 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक के दौरे-निरीक्षण की रिपोर्ट मांगी है. साथ ही संभागीय आयुक्त को भी अपने दौरे की निरीक्षण रिपोर्ट भेजनी होगी.
जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जिल स्तरीय जनसुनवाई कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में शुरू हुई. अतिरिक्त जिला कलेक्टर विनीता सिंह ने भी जनसुनवाई की. जनसुनवाई में नगर निगम, जेडीए, पानी, बिजली, पीडब्ल्यूडी सहित अन्य विभागों से जुड़े हुई समस्याओं को लेकर फरियादी पहुंचे. इस जनसुनवाई में सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे साथ ही एसडीओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.
जनसुनवाई पर उठाए सवाल: शाहपुरा से कांग्रेस विधायक मनीष यादव ने जनसुनवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जनसुनवाई की प्रॉपर मॉनिटरिंग नहीं हो रही. जिसके कारण आम जनता के काम भी नहीं हो रहे. जनसुनवाई में अधिकारी काम के लिए हां बोलकर चले जाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर वे काम नही कर रहे हैं. जनसुनवाई में उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र के पेयजल का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि शाहपुरा में जल जीवन मिशन में भी काम नहीं हो रहा है. मंत्री जी के विधानसभा में कहने के बावजूद भी वर्क ऑर्डर जारी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से टैंकर के लिए जो रेट निर्धारित होती है, ठेकेदार उस रेट पर टैंकर सप्लाई नहीं कर सकता. इसके कारण इसमें भ्रष्टाचार होता है.
हेरिटेज लुक से ना हो छेड़छाड़: चौमूं से कांग्रेस विधायक शिखा मील ने कहा कि शहर के बीच में एक नहर हुआ करती थी और उसके पास पीडब्ल्यूडी का सड़क बनाने काम चल रहा था. नहर में मलबा डालकर नहर को खत्म कर दिया है. पर्यटन विभाग, पुरातत्व विभाग, पीडब्ल्यूडी और नगर परिषद को कई बार इस बारे में अवगत कराया गया. अभी तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि शहर के हेरिटेज लुक से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए.
फरियादी ने किया हंगामा: जनसुनवाई में एक फरियादी ने हंगामा भी किया. उसका कहना था कि वह काफी समय से जनसुनवाई में आ रहा है, लेकिन उसका काम नहीं हो रहा. उसने बताया कि उसकी पत्नी ने निजी क्लीनिक से आईवीएफ का ट्रिटमेंट लिया था, लेकिन पांच माह में ही उसके बच्चे की मौत हो गई. उसने आरोप लगाया कि अस्पताल की लापरवाही से उसके बच्चे की मौत हुई है. इसलिए इलाज में खर्च हुए दो लाख रुपए वापस दिलाए जाएं. अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ देवेंद्र कुमार जैन ने उसकी समस्या सुनी और समाधान का आश्वासन दिया.