शिमला- हिमाचल प्रदेश में अब वन विकास निगम ठेकेदारों के भरोसे नहीं रहेगा. यानि वन विकास निगम को ठेकेदारों को काम पर रखने की प्रथा को समाप्त किया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन निगम को पेड़ों के ठूंठ (साइडर वुड स्टंप) को निकालने का काम स्वयं करने के निर्देश दिए हैं. इस दिशा में उन्होंने करीब 10 हजार ठूंठ हटाने के लिए विस्तृत रोडमैप तैयार करने को भी कहा है.
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश मूल्य निर्धारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए. बैठक में गैर-लकड़ी वन उपज की नई दरों और रॉयल्टी संरचना को भी मंजूरी दी गई. गौरतलब है कि इस समिति की पिछली बैठक वर्ष 2022 में हुई थी.
इस अवसर पर वन निगम ने खैर और साल के पेड़ों की कटाई से अर्जित 41.30 करोड़ रुपये की रॉयल्टी का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा. मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, कि "सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर की गई कटाई पर्यावरण के लिए संतुलित रही है और इससे राज्य को राजस्व में भी अच्छा लाभ मिला है."
जंगलों में आग पर नियंत्रण के निर्देश
गर्मी के मौसम में हिमाचल में हर साल हजारों हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ जाते हैं, जिससे करोड़ों की वन संपदा का नुकसान होता है. इस पर चिंता जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने वन विभाग को त्वरित, प्रभावी और तकनीकी समाधान अपनाने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अग्निशमन सेवाएं सक्रिय रूप से काम करें, और आग नियंत्रण के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी बढ़ाई जाए. साथ ही उन्होंने पौधों की जीवित रहने की दर में सुधार लाने और क्षतिग्रस्त वृक्षों के समय पर निपटान की भी बात कही, ताकि नुकसान को कम कर राज्य के राजस्व में वृद्धि की जा सके.