छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा सहित पूरे देश में रबी सीजन की फसलें गेहूं और चना की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है. किसान फसलों को काटकर अनाज का भंडारण करने में जुटे हुए हैं. वहीं, खाली हुए खेतों को अगली फसल के लिए किसान तैयार करने में किसान लग गये हैं. खेतों की बुवाई से पहले अगर किसान कृषि विशेषज्ञ द्वारा बताई गई बातों का ख्याल रखता है और बीजों को तैयार कर खेती करता है तो अन्यदाता बंपर पैदावार कर मालामाल हो सकता है. साथ ही फसल में होने वाले नुकसान से बच सकता है.
ऐसे जांचे बीजों की गुणवत्ता
खेतों में खरीफ सीजन की फसल की बुवाई से पूर्व बीजों को लेकर कृषि वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार पराड़कर ने बताया कि "घरों में आमतौर पर उपयोग किए जाने वाला एक बोरा लें और उसे पानी में डूबा कर गीला कर लें. इसके बाद आपने जो बीज खेतों में बुवाई के लिए रखे हैं. उन बीजों से करीब 100-100 दाने लेकर गीले बोरे के अंदर रख दें और प्रतिदिन नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें. लगभग 8 से 10 दिन में सभी बीजों में अंकुर फूट जाएंगे.
नुकसान की टेंशन खत्म, मुनाफा ही मुनाफा
इसके बाद चेक करें कि आपने जितने बीज बोरे में रखे थे, उनमें से कितने बीच अंकुरित हुए हैं. यदि 90 फीसदी अंकुरित हो गए हैं तो आपका बीज सही है. यदि 60 फीसदी से कम बीजों में अंकुरण है तो बीजों की गुणवत्ता सही नहीं है. ऐसा करके आप बीज की गुणवत्ता की जांच करके अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं."

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खेतों का मृदा परीक्षण बेहद जरूरी
डॉ. विजय कुमार पराड़कर ने आगे बताया, " गेहूं की फसल की कटाई के बाद खेतों की मिट्टी की जांच करना बहुत जरूरी होता है. ऐसा करके किसान अपने खेत की मिट्टी के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं. किसानों को पता रहेगा कि उनके खेत में कौन सा तत्व अधिक मात्रा में और कौन सा तत्व कम मात्रा में है. मृदा परीक्षण का फायदा किसान को खेतों में बीज की बुवाई करने के दौरान होगा. इससे किसान खेत में उन तत्वों का इस्तेमाल करने से बचेगा, जो खेत में पहले से भरपूर मात्रा में उपलब्ध है."