छिंदवाड़ा: स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी कही जाने वाली आशा कार्यकर्ताएं सड़क पर हैं, जो दिन रात 24 घंटे बिना थके रुके सभी कार्य पूर्ण करती हैं. आज उनकी ही हालत काफी खराब है. आशा कार्यकर्ताओं ने शक्रवार को रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. साथ ही उन्होंने 3 माह से आशा कार्यकर्ताओं का वेतन न मिलने सहित सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.
सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप
दरअसल, 8 दिन पहले एनएचएम कार्यालय से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया है कि इंक्रीमेंट के तौर पर 232 रुपए मिलेगा, जिसको लेकर आशा कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. ज्ञापन देने पहुंची आशा ऊषा कार्यकर्ता महिला संगठन की प्रदेश अध्यक्ष नर्मदा ठकोर ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1000 रुपए प्रति वर्ष बढ़ाने की घोषणा की थी, जो आज तक लागू नहीं हुई है. हमारी आशा कार्यकर्ताओं को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है."

कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें
- ग्रामीण और शहरी आशा कार्यकर्ताओं को एक समान भुगतान किया जाए.
- तीन माह से लंबित रूटीन इंसेंटिव और एक्टिविटी पेमेंट का तत्काल भुगतान हो.
- 18 हजार रुपए का मानदेय तय किया जाए और सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिले.
- गैर विभागीय कार्य पर रोक लगाई जाए.
- सेवा निवृत्ति की आयु 60 से 62 की जाए और सेवानिवृत्ति पर 10 लाख एक साथ दिए जाएं.
- प्रसव से पीड़ित महिलाओं के 24 घंटे रात में कभी भी फोन आ सकता है. इसको देखते हुए स्मार्टफोन इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
- किराया भत्ता समिति अन्य मांगों को लेकर बात रखी
आशा कार्यकर्ताओं को याद आए शिवराज मामा
आशा कार्यकर्ताओं को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को याद किया. उन्होंने कहा,"लगभग 2 साल पहले 29 जुलाई 2023 को महापंचायत में लाखों आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, "जिस प्रकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 1000 रुपए हर साल बढ़ाया है. उसी प्रकार आशा कार्यकर्ताओं का भी 1000 रुपए हर साल बढ़ाया जाएगा. लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया है. सिर्फ इंक्रीमेंट के नाम पर 232 रुपए दिए गए हैं."
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उधार लेकर कब तक करें पालन पोषण
प्रदेश अध्यक्ष नर्मदा ठकोर ने बताया," उन्हें 2000 रुपए केंद्र सरकार से और 4000 रुपए राज्य सरकार से मिलता है. कुछ अलग-अलग योजनाओं पर कुछ पैसा दिया जाता है. हमारी आशा कार्यकर्ताओं को जो वेतन मिल रहा वह पर्याप्त नहीं है. हालत यह है कि वह दिन रात 24 घंटे काम पर रहती है. जब भी फोन आता है तो हमेशा वह अपनी सेवाएं देने के लिए खड़ी रहती है. 3 माह से वेतन न मिलने से कार्यकर्ता उधार लेकर जीवन जीने को मजबूर हो गई हैं. अगर हमारी नहीं मानी गई तो हम प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगी."