रायपुर: जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में छत्तीसगढ़ टॉप पर है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश ने कुल 16,390 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे ज्यादा 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है.इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.
मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से ज्यादा का मासिक संग्रह: मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है. यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है.
मार्च 2025 में ही IGST मद में 756.73 करोड़ रुपये मिले जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है. इस तरह मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह 2,057.82 करोड़ रुपये रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत ज्यादा है. जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है.
सीएम साय ने जताई खुशी: सीएम विष्णुदेव साय ने जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड बनाने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा- "जीएसटी कलेक्शन में पूरे देश में हमारा प्रदेश नंबर वन है. पिछले साल की तुलना में इस साल 18 प्रतिशत ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ है. 16 हजार करोड़ से ज्यादा जीएसटी कलेक्शन हुआ है."
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने आर्थिक विकास की दिशा में एक और मील का पत्थर स्थापित किया। 18% की वृद्धि के साथ छत्तीसगढ़ ने जीएसटी राजस्व संग्रह में देश में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की है। pic.twitter.com/z41PoAcw4X
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) April 3, 2025
ओपी चौधरी ने बताया बड़ी उपलब्धि: वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे छत्तीसगढ़ की बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा "यह ईमानदार करदाताओं व सुधारों की वजह से संभव हुआ है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया. ई-वे बिल की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दी गई, जिससे 54% ई-वे बिल कम हो गए व 26% व्यापारियों को अब ई-वे बिल जनरेट करने की जरूरत नहीं पड़ रही. इसके अलावा 25 हजार रुपए तक के बकाया टैक्स को माफ कर 40 हजार व्यापारियों को सीधा लाभ दिया गया. ये सभी सुधार व्यापार को आसान बनाने व प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं."
नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण: रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी और उनसे बात कर अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है. नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है.
फर्जी पंजीकरण की जांच: 28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है.
डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई: वर्षभर में डेटा एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई. वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई.
सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय: जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई, जिससे ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया.
सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन: मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया.
व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान: राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई.
भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार: जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने की कोशिश कर रहा है.