नई दिल्ली\रायपुर: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में कथित 2,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा को जमानत दे दी.
जस्टिस अभय एस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने सुनवाई में पाया कि मामले में 20 आरोपी और 30 से ज्यादा गवाहों से पूछताछ होनी बाकी है. कोर्ट ने कहा अपीलकर्ता ने लगभग एक वर्ष तक कारावास की सजा काटी है.
पीठ ने आगे कहा, "इस मामले में अधिकतम सात वर्ष कारावास की सजा दी जा सकती है. इसलिए सेंथिल बालाजी निर्णय में इस न्यायालय द्वारा निर्धारित सिद्धांत लागू होगा. इसके अलावा, इसी तरह की स्थिति में, इस न्यायालय ने 12 फरवरी, 2025 के आदेश द्वारा एक सह-आरोपी को जमानत दी है. अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है."
पीठ ने कहा कि टुटेजा को पासपोर्ट जमा करने और सुनवाई के दौरान न्यायालय के साथ सहयोग करने सहित सख्त नियमों और शर्तों के अधीन जमानत पर रिहा किया जाएगा.
अप्रैल 2024 में हुई थी गिरफ्तारी: टुटेजा को 21 अप्रैल, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 44 के तहत दायर शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था.
पीठ को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से पारित एक आदेश के बारे में सूचित किया गया जिसमें एक विशेष अदालत द्वारा पारित संज्ञान के आदेश को इस आधार पर खारिज कर दिया गया था कि संज्ञान लेने के आदेश से पहले सीआरपीसी की धारा 197 के तहत मंजूरी नहीं दी गई थी.
धारा 197 क्या है: धारा 197 सरकारी कर्मचारियों और न्यायाधीशों को उनके आधिकारिक पद पर रहते हुए किए गए कथित अपराधों के लिए अभियोजन के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है और न्यायालय को ऐसे अपराधों का संज्ञान लेने से पहले सरकार से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य बनाती है.
SOURCE- PTI