बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने मनियारी नदी के बने जर्जर पुल से लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए स्वत: संज्ञान में जनहित याचिका के रूप में स्वीकार कर सुनवाई की है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की युगलपीठ में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मीडिया में प्रकाशित जर्जर पुल पर मौत बनकर दौड़ रहे भारी वाहन पर संज्ञान लिया और महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत को इसे गंभीरता से लेने कहा है. इस पूरे मामले में लोक निर्माण विभाग के सचिव को व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने कहा है.
मनियारी नदी पर पुल बदहाल: दरअसल प्रकाशित खबर में बताया गया है कि मुंगेली से बिलासपुर को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर मनियारी नदी है, जहां पुल जर्जर स्थिति में है. पुल से गुजरने वाली सड़क को पार करना खतरे से खाली नहीं है. मनियारी नदी के दोनों तरफ की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है.
बनी रहती है जाम की स्थिति: वहीं बरेला मनियारी के पास जानलेवा गड्डे, उड़ती धूल, संकीर्ण पुल, टेप नल से पानी बहने और भारी वाहनों के आवागमन के कारण आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है. इसका नतीजा यह है कि राहगीर लगातार दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. हाइवा, ट्रेलर सहित अन्य भारी वाहन बरेला पुल से होकर गुजरते हैं, जिनके कारण आए दिन कोई न कोई दुर्घटना हो जाती है.
बरेला से तखतपुर के लिए संकीर्ण मनियारी पुल से पानी की पाइपलाइन गुजरती है. आए दिन पाइप फूटने की वजह से पुल के ऊपर तालाब की तरह पानी भर जाता है, जिससे लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाइकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया है और राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग के सचिव से शपथपत्र में जवाब मांगा है. इस मामले में अगली सुनवाई 15 अप्रैल 2025 को तय की गई है.