
टीचर सुसाइड केस में पूर्व मंत्री पर FIR, मोहम्मद अकबर ने कहा - मेरे खिलाफ साजिश हुई - CG Ex Minister Mohammad Akbar
CG Ex Minister Mohammad Akbar छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद और झूठा बताया. उन्होंने कहा कि जिस सुसाइड लेटर को आधार बनाकर उन पर FIR की गई है उसमें ना तो मृत टीचर के हस्ताक्षर है और ना ही तारीख लिखी गई है. इस लेटर की जांच होनी चाहिए. Former Minister in Teacher Suicide Case

By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : September 10, 2024 at 12:15 PM IST
कवर्धा: छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने खुद पर हुए FIR को साजिश बताया है. अकबर ने कहा कि पुलिस ने जिस सुसाइड नोट के आधार पर उन पर एफआईआर दर्ज किया है उसमें ना मृतक का हस्ताक्षर हैं ना तारीख लिखी हुई है.
किस सुसाइड नोट में पूर्व मंत्री का नाम आया: 5 सितंबर शिक्षक दिवस के दिन बालौद के घोठिया गांव निवासी आदिवासी शिक्षक देवेंद्र ठाकुर अपने मकान में फांसी के फंदे पर झूलता मिला. पुलिस को मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट मिला. सुसाइड नोट में पैसों के लेने देने का जिक्र करते हुए मौत का जिम्मेदार हिरेंद्र नेताम, मदर खान उर्फ सलीम खान, प्रदीप ठाकुर और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर को बताया गया है. डौंडी पुलिस ने इस सुसाइड नोट के आधार पर पूर्व मंत्री अकबर के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.

पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने आरोपों को बताया बेबुनियाद: टीचर सुसाइड केस में खुद का नाम आने के बाद पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि वह ना पैसे लेने वाले को जानते हैं और ना ही पैसे लेने वाले को जानते हैं. जो भी आरोप उन पर लगे हैं वह बेबुनियाद और झूठे हैं.
अकबर ने बताया कि आत्महत्या करने वाले टीचर देवेंद्र ठाकुर के खिलाफ 6 लोगों ने डौंडी थाने में 14 अगस्त 2024 को एक लिखित शिकायत दर्ज की थी. जिसमें ये लिखा कि देवेंद्र ठाकुर ने उनसे नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लिए थे. उनके साथ हरेंद्र नेताम और मदार खान भी शामिल थे. 14 अगस्त 2024 को शिकायत के बाद देवेंद्र ठाकुर ने उसी दिन सभी 6 लोगों के सामने लिखित में आवेदन दिया कि 28 अगस्त 2024 तक पैसे वापस लौटे देंगे, नहीं लौटाने पर उनके और दो साथियों के खिलाफ कार्रवाई करने को भी देवेंद्र ठाकुर ने लिखकर दिया.

मंत्री ने कहा- सुसाइड लेटर में ना नाम ना तारीख: उसी लेटर को आधार बनाकर पूर्व मंत्री ने कहा कि इस लेटर में कहीं भी उनका नाम नहीं है. जिन लोगों ने शिकायत की थी कि नौकरी लगाने के नाम पर पैसे दिए है उसमें में भी उनका नाम नही हैं. अकबर ने कहा अचानक से एक सुसाइड नोट सामने आता है, जिसमें ना देवेंद्र ठाकुर का हस्ताक्षर है ना ही तारीख है और उसमें उनका नाम लिखा होता है.

अकबर ने कहा- मेरा कोई भांजा नहीं: मंत्री ने कहा सुसाइड लेटर में दर्ज आरोपी मदार खान कहते हैं कि वह वन मंत्री का भांजा है. मैं ये कहना चाहता हूं कि मेरी कोई बहन नहीं है, तो जो कह रहा है कि वन मंत्री का भांजा है तो वह पूरी तरह झूठ है. सभी आरोप बेबुनियाद है इसकी जांच होनी चाहिए. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. हमने कोई गलत काम नहीं किया, इसलिए हमें चिंता की कोई जरूरत नहीं है.

