भिलाई: छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने कहा कि थाने में अधिकारी कर्मचारी किस तरह काम करते हैं, उनमें क्या गैप है. उसको समझने के साथ ही बाकी थानों को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा. पुलिस की इन्वेस्गेशन, सिपाही का बीट का काम इफेक्टिव बनाया जाएगा. डीजीपी के निरीक्षण के दौरान उनके साथ दुर्ग रेंज के आईजी रामगोपाल गर्ग, एसपी जितेंद्र शुक्ला सहित पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
डीजीपी अरुण देव गौतम ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उनका यह दौरा अचानक था. इसका उद्देश्य थाना स्तर पर हो रही कार्यप्रणाली को समझना और बुनियादी पुलिसिंग को और बेहतर बनाना है. उन्होंने थाना प्रभारी और स्टाफ को निर्देशित किया कि वे आमजन से बेहतर संवाद स्थापित करें और अपराध नियंत्रण को सर्वोच्च प्राथमिकता दें. डीजीपी ने कहा कि पुलिस की लगातार कार्रवाई का मकसद यही है कि समाज में अपराधियों पर अंकुश लगाया जा सके.
दुर्ग केस में पीड़ित परिवार को जल्द मिलेगा न्याय: डीजीपी ने हाल ही में सामने आए 6 साल की बच्ची के साथ हुए अनाचार और हत्या के जघन्य मामले का भी जिक्र किया. उन्होंने पुलिस इस मामले में पूरी निष्ठा और तत्परता से काम कर रही है ताकि पीड़िता के परिजनों को जल्द से जल्द न्याय मिल सके. डीजीपी ने आश्वासन दिया कि इस प्रकरण को फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से जल्द निपटाया जाएगा ताकि दोषियों को सख्त सजा मिल सके.

"डिमांड के लेवल पर आप काम करेिए सप्लाई पर हम काम करेंगे:" नशाखोरी पर चिंता जताते हुए डीजीपी ने कहा कि यह छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. विशेष रूप से युवाओं और बच्चों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जो भविष्य के लिए गंभीर संकेत है. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग लगातार नशे के कारोबारियों और तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है, लेकिन इस लड़ाई में आम जनता की भी भागीदारी जरूरी है. उन्होंने समाज से अपील की कि नशा मुक्ति के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाएं और बच्चों को इस बुराई से दूर रखने में सहयोग करें.
