ETV Bharat / state

छतरपुर में सरकारी कुएं पर दबंगों का कब्जा, कई दिनों से प्यासे हैं इस गांव के दलित - CHHATARPUR UNTOUCHABILITY

छतरपुर के बुंदेलखंड में आज भी पानी के लिए दलितों का संघर्ष जारी, सरकारी कुआं से दलितों को पानी नहीं भरने दे रहे दबंग.

CHHATARPUR UNTOUCHABILITY
छतरपुर में नहीं छूट रही रूढ़िवादी सोच, (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 25, 2025 at 12:04 AM IST

4 Min Read

छतरपुर: देश-दुनिया हर क्षेत्र में इतना आगे बढ़ गया है. दुनिया चांद पर पहुंच गई है, लेकिन आज भी 21वीं सदी में कुछ लोगों रुढ़िवादी सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं. आज भी लोगों के मन से जातिवाद और छुआछूत निकल नहीं पाया है. तभी तो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आज भी दलितों को पानी के लिए संघर्ष के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. गांव के दबंग दलितों को सरकारी कुआं से पानी नहीं भरने दिया जा रहा है.

छतरपुर में जातिवाद और छुआछूत

बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में जातिवाद और छुआछुत का दंश जाने का नाम नही ले रहा है. आजादी के सालों बाद भी जातिवाद से लोग आजाद नहीं हो पा रहे हैं. तभी तो एक दलित के कुएं पर दबंगों द्वारा कब्जा कर पानी नही भरने दिया जा रहा है. दलित पिछले 8 दिनों से पानी दूर से लाने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने की कुआं मुक्त कराने की मांग

दरअसल, छतरपुर जिले के घुवारा चौकी थाना इलाके के कोटोरा गांव में दलित समाज के लोगों ने मगंलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर एक शिकायती आवेदन दिया. जिसमें कुआं मुक्त करवाने की मांग की है. उनके कुएं के पास भगोनी, पटेल बगैरा ने झोपड़ी बना कर कब्जा कर लिया है.

दलित परिवार को कुआं से नहीं भरने दे रहे पानी

जब गांव के शासकीय कुएं से गांव के अहिरवार समाज के लोग पानी भरने के लिए जाते हैं, तो उन्हें छुआछूत का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं दलितों को उस कुआं से पानी भी नहीं भरने दिया जाता है. मंगलवार को कुटोरा गांव के करीब 12 ग्रामीणों ने जनसुनवाई में वरिष्ठ अधिकारियों के सामने बेबस होकर न्याय की गुहार लगाई है.

8 दिनों से कुआं पर दबंगों का कब्जा

गांव के पीड़ित दलित ने बताया कि "गांव के रनमत हार में एक शासकीय कुआं स्थित है. गांव के सभी वर्गों के लोग पिछले कई वर्षों से उसी कुआं से पानी भरते हैं, लेकिन करीब 8 दिनों से शासकीय कुआं पर गांव के कुछ दबंगों का कब्जा है.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई

दबंगों द्वारा कुआं के पास एक झोपडी बना ली है. जबकि गांव के अहिरवार समाज का कोई व्यक्ति कुआं से पानी भरने जाता है, तो उसे गाली-गलौज दी जाती है. कुटौरा गांव में अहिरवार समाज के करीब 100 परिवार निवास करते हैं. एक हफ्ते पहले अहिरवार समाज के लोगों ने घुवारा उप थाना में शिकायती आवेदन दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

एसपी कार्यालय पहुंचे दलित

अहिरवार समाज के लोग पीने के पानी के लिए अपने घर से 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर जाते हैं. उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. मंगलवार को मजबूर होकर छतरपुर एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन देकर न्याय की मांग की है.

8 दिनों से कुआं से नहीं भरने दे रहे पानी

वहीं कुटोरा की रहनी वाली पीड़ित महिला ने बताया "पिछले 8 दिनों से पानी नही भरने दिया जा रहा है. भरने जाओ को गालियां दी जाती है. दबंगई दिखाई जाती है. सरकारी कुआं पर कब्जा कर लिया, अब दूर से पानी लाना पड़ता है." वही एक युवक ने बताया "पिछले 8 दिनों से हम लोगों को पानी नहीं भरने दिया जा रहा है."

क्या बोला प्रशासन

मामले में घुवारा चौकी में पदस्थ चौकी प्रभारी मोहर सिंह से ने बताया कि "अहिरवार समाज द्वारा तहसीलदार को सरकारी कुएं पर कब्जे को लेकर एक आवेदन दिया गया था. जिसमें झोपड़ी बनाकर भगोनी कुशवाहा द्वारा कब्जा करना पाया गया है. हसीलदार द्वारा स्थगन आदेश जारी कर यथास्थिति पर नजर बनाए रखने के आदेश दिए गए थे. जिससे कोई विवाद ना हो, उसका पालन किया जा रहा है."

छतरपुर: देश-दुनिया हर क्षेत्र में इतना आगे बढ़ गया है. दुनिया चांद पर पहुंच गई है, लेकिन आज भी 21वीं सदी में कुछ लोगों रुढ़िवादी सोच से बाहर नहीं निकल पाए हैं. आज भी लोगों के मन से जातिवाद और छुआछूत निकल नहीं पाया है. तभी तो मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में आज भी दलितों को पानी के लिए संघर्ष के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. गांव के दबंग दलितों को सरकारी कुआं से पानी नहीं भरने दिया जा रहा है.

छतरपुर में जातिवाद और छुआछूत

बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में जातिवाद और छुआछुत का दंश जाने का नाम नही ले रहा है. आजादी के सालों बाद भी जातिवाद से लोग आजाद नहीं हो पा रहे हैं. तभी तो एक दलित के कुएं पर दबंगों द्वारा कब्जा कर पानी नही भरने दिया जा रहा है. दलित पिछले 8 दिनों से पानी दूर से लाने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने की कुआं मुक्त कराने की मांग

दरअसल, छतरपुर जिले के घुवारा चौकी थाना इलाके के कोटोरा गांव में दलित समाज के लोगों ने मगंलवार को एसपी कार्यालय पहुंचकर एक शिकायती आवेदन दिया. जिसमें कुआं मुक्त करवाने की मांग की है. उनके कुएं के पास भगोनी, पटेल बगैरा ने झोपड़ी बना कर कब्जा कर लिया है.

दलित परिवार को कुआं से नहीं भरने दे रहे पानी

जब गांव के शासकीय कुएं से गांव के अहिरवार समाज के लोग पानी भरने के लिए जाते हैं, तो उन्हें छुआछूत का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं दलितों को उस कुआं से पानी भी नहीं भरने दिया जाता है. मंगलवार को कुटोरा गांव के करीब 12 ग्रामीणों ने जनसुनवाई में वरिष्ठ अधिकारियों के सामने बेबस होकर न्याय की गुहार लगाई है.

8 दिनों से कुआं पर दबंगों का कब्जा

गांव के पीड़ित दलित ने बताया कि "गांव के रनमत हार में एक शासकीय कुआं स्थित है. गांव के सभी वर्गों के लोग पिछले कई वर्षों से उसी कुआं से पानी भरते हैं, लेकिन करीब 8 दिनों से शासकीय कुआं पर गांव के कुछ दबंगों का कब्जा है.

शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई

दबंगों द्वारा कुआं के पास एक झोपडी बना ली है. जबकि गांव के अहिरवार समाज का कोई व्यक्ति कुआं से पानी भरने जाता है, तो उसे गाली-गलौज दी जाती है. कुटौरा गांव में अहिरवार समाज के करीब 100 परिवार निवास करते हैं. एक हफ्ते पहले अहिरवार समाज के लोगों ने घुवारा उप थाना में शिकायती आवेदन दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

एसपी कार्यालय पहुंचे दलित

अहिरवार समाज के लोग पीने के पानी के लिए अपने घर से 3 से 5 किलोमीटर की दूरी पर जाते हैं. उनकी कोई सुनने वाला नहीं है. मंगलवार को मजबूर होकर छतरपुर एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन देकर न्याय की मांग की है.

8 दिनों से कुआं से नहीं भरने दे रहे पानी

वहीं कुटोरा की रहनी वाली पीड़ित महिला ने बताया "पिछले 8 दिनों से पानी नही भरने दिया जा रहा है. भरने जाओ को गालियां दी जाती है. दबंगई दिखाई जाती है. सरकारी कुआं पर कब्जा कर लिया, अब दूर से पानी लाना पड़ता है." वही एक युवक ने बताया "पिछले 8 दिनों से हम लोगों को पानी नहीं भरने दिया जा रहा है."

क्या बोला प्रशासन

मामले में घुवारा चौकी में पदस्थ चौकी प्रभारी मोहर सिंह से ने बताया कि "अहिरवार समाज द्वारा तहसीलदार को सरकारी कुएं पर कब्जे को लेकर एक आवेदन दिया गया था. जिसमें झोपड़ी बनाकर भगोनी कुशवाहा द्वारा कब्जा करना पाया गया है. हसीलदार द्वारा स्थगन आदेश जारी कर यथास्थिति पर नजर बनाए रखने के आदेश दिए गए थे. जिससे कोई विवाद ना हो, उसका पालन किया जा रहा है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.