छतरपुर: दमोह में हुए फर्जी डॉक्टर कांड के बाद छतरपुर कलेक्टर ने भी जिले में फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया. जहां प्रशासन ने फर्जी तरीके से चल रहे दर्जनों क्लीनिक पर ताले डलवा दिए. एक विशेष टीम पूरे जिले में चल रही क्लीनिक ओर हॉस्पिटलों की जांच पड़ताल कर रही है. डिग्रियों के साथ डॉक्टरों के दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं. जिसमें अभी तक दर्जनों फर्जी पाए गए क्लीनिक को सील कर दिया गया है.
छतरपुर में फर्जी क्लीनिकों पर छापा
दमोह के मिशन हॉस्पिटल में फर्जी डॉक्टर कांड के बाद प्रदेश सरकार भी हरकत में आई है. प्रदेश के कलेक्टरों को फर्जी डॉक्टर खोजने के निर्देश दिए गए. वहीं छतरपुर में कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने एक विशेष टीम बना कर जिले में चल रहे फर्जी क्लिनिक, हॉस्पिटलों की जांच पड़ताल की. डॉक्टरों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत प्रशासन ने छतरपुर शहर सहित जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के तीन क्लीनिकों को सील कर दिया है. वहीं नौगांव, हरपालपुर और बक्सवाहा में चल रहे क्लीनिक पर भी कार्रवाई की गई. इनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं पाए गए.
डॉक्टरों और अस्पताल के डॉक्यूमेंट्स चेक
इस विशेष टीम में सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता, एसडीएम अखिल राठौर, तहसीलदार संदीप तिवारी, ड्रग इंस्पेक्टर रामलखन पटेल समेत अन्य अधिकारी शामिल थे. टीम ने बसारी दरवाजा क्षेत्र के शकील क्लीनिक, आरोग्यम क्लीनिक और बस स्टैंड क्षेत्र के सिंह क्लीनिक पर छापेमारी कर जांच की. जांच के दौरान क्लीनिक संचालकों से वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई भी वैध रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र व चिकित्सा योग्यता का प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सके. मौके पर मौजूद अधिकारियों ने नियम अनुसार तीनों क्लीनिकों को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया और दवाइयां भी जब्त कर ली है.

फर्जी अस्पताल सील, एक्सपायरी दवाई जब्त
वहीं जिले से 60 किलोमीटर दूर हरपालपुर में एक निजी अस्पताल को सील करने की भी कार्रवाई की गई. एसडीएम नौगांव जीएस पटेल टीम के साथ लाइफ हेल्थ केयर क्लीनिक में आयुर्वेदिक डॉक्टर एलोपैथिक दवाई करते पाए गए. साथ ही अस्पताल के मेडिकल स्टोर में एक्सपायरी दवाई भी मिली. जांच टीम द्वारा संयुक्त रूप से अस्पताल को सील कर दिया गया.

एसडीएम अखिल राठौर ने बताया कि "बिना एमबीबीएस या बीएएमएस डिग्री के किसी भी व्यक्ति को क्लीनिक चलाने या इलाज करने की अनुमति नहीं है. पकड़े गए क्लीनिक संचालकों के खिलाफ आवश्यक अधिनियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की है कि इलाज के लिए केवल प्रमाणित डॉक्टरों और अस्पतालों का ही चयन करें. किसी भी अवैध क्लीनिक की जानकारी प्रशासन को तुरंत दें.
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बिना योग्यता और लाइसेंस इलाज करना गैरकानूनी
वहीं छतरपुर सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता ने बताया कि "झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिकों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. इससे पहले हरपालपुर और बकस्वाहा क्षेत्रों में भी अवैध क्लीनिकों पर छापेमारी कर कार्रवाई की गई थी. उन्होंने कहा कि बिना योग्यता और लाइसेंस के मरीजों का इलाज करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि लोगों के जीवन के लिए गंभीर खतरा भी है. ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी.