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पुलिस पेट्रोल पंप की बैलेंस शीट ही अनबैलेंस, 100 पेजों में दौड़ा 65 लाख का गबन - POLICE PETROL PUMP SCAM

छतरपुर में 3 पुलिस कर्मियों ने 2 सहयोगियों के साथ मिलकर कागजों में हेराफेरी की और अपने बैंक खाते भर लिए.

Police Petrol Pump scam
छतरपुर पुलिस पेट्रोल पंप में घोटाला (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 21, 2025 at 1:19 PM IST

3 Min Read

छतरपुर : छतरपुर शहर के पुलिस लाइन रोड स्थित पुलिस कल्याण केंद्र पेट्रोल पंप पर घोटाले का खुलासा हुआ है. वर्ष 2019 से 2022 के बीच 65 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता व धोखाधड़ी की गई. इसका पर्दाफाश ऑडिट जांच में हुआ. इसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने 3 शासकीय कर्मचारियों सहित 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में सेवानिवृत्त उप निरीक्षक, दो पुलिसकर्मी और दो निजी कर्मचारी शामिल हैं. इन आरोपियों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी कर पंप पर आई राशि हड़प ली.

ऑडिट रिपोर्ट की जांच से खुला मामला

दरअसल, छतरपुर पुलिस अधीक्षक अगम जैन के निर्देश पर गठित जांच टीम ने जब पड़ताल की तो 100 पेज की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मामले का खुलासा हुआ. जांच में पाया गया कि पुलिस कल्याण केंद्र पेट्रोल पंप में वर्ष 2019 से 2022 के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गईं. आरोपियों ने स्टॉक रजिस्टर, नकद जमा राशि और बैलेंस शीट में हेराफेरी कर 65 लाख 41 हजार 195 रुपये का घोटाला किया. इस घोटाले में सेवानिवृत्त कार्यवाहक उप निरीक्षक राजभुवन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पेट्रोल पंप पर लेखापाल के रूप में रहते हुए रिकॉर्ड में गलत प्रविष्टियां कर नकद राशि हड़पी.

छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा (ETV BHARAT)

जिम्मेदारों ने घोटाला किया, सहयोगियों ने मदद की

जांच के अनुसार पेट्रोल पंप पर 2018 में सहायक के रूप में तैनात आरक्षक भूपत सिंह ने अनियमितताओं को छिपाने में सहयोग किया. प्रधान आरक्षक ज्ञान प्रकाश अहिरवार पर आरोप है कि 2019 से पंप पर सहायक के रूप में तैनात रहते हुए रिकॉर्ड की जांच और वरिष्ठ अधिकारियों को अनियमितताओं की सूचना नहीं दी. इसके अलावा पंप के सेल्समैन महबूब अली और कलेक्टर सिंह बुंदेला पर स्टॉक और नकद राशि में हेराफेरी करने के आरोप है.

ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस में हेराफेरी

जांच में पाया गया कि आरोपियों ने जानबूझकर रजिस्टर मेंटेन नहीं किया. स्टॉक रजिस्टर में गाड़ियों की आमद को दर्ज नहीं किया गया, ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस में हेराफेरी की गई और नकद जमा राशि को गलत तरीके से बढ़ाने-घटाने का खेल किया गया. इन 5 लोगों के विरुद्ध धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच जारी है. छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया "65 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. जांच कमेटी ने घोटाले की पुष्टि की."

छतरपुर : छतरपुर शहर के पुलिस लाइन रोड स्थित पुलिस कल्याण केंद्र पेट्रोल पंप पर घोटाले का खुलासा हुआ है. वर्ष 2019 से 2022 के बीच 65 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितता व धोखाधड़ी की गई. इसका पर्दाफाश ऑडिट जांच में हुआ. इसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने 3 शासकीय कर्मचारियों सहित 5 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. आरोपियों में सेवानिवृत्त उप निरीक्षक, दो पुलिसकर्मी और दो निजी कर्मचारी शामिल हैं. इन आरोपियों ने रिकॉर्ड में हेराफेरी कर पंप पर आई राशि हड़प ली.

ऑडिट रिपोर्ट की जांच से खुला मामला

दरअसल, छतरपुर पुलिस अधीक्षक अगम जैन के निर्देश पर गठित जांच टीम ने जब पड़ताल की तो 100 पेज की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मामले का खुलासा हुआ. जांच में पाया गया कि पुलिस कल्याण केंद्र पेट्रोल पंप में वर्ष 2019 से 2022 के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गईं. आरोपियों ने स्टॉक रजिस्टर, नकद जमा राशि और बैलेंस शीट में हेराफेरी कर 65 लाख 41 हजार 195 रुपये का घोटाला किया. इस घोटाले में सेवानिवृत्त कार्यवाहक उप निरीक्षक राजभुवन सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पेट्रोल पंप पर लेखापाल के रूप में रहते हुए रिकॉर्ड में गलत प्रविष्टियां कर नकद राशि हड़पी.

छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा (ETV BHARAT)

जिम्मेदारों ने घोटाला किया, सहयोगियों ने मदद की

जांच के अनुसार पेट्रोल पंप पर 2018 में सहायक के रूप में तैनात आरक्षक भूपत सिंह ने अनियमितताओं को छिपाने में सहयोग किया. प्रधान आरक्षक ज्ञान प्रकाश अहिरवार पर आरोप है कि 2019 से पंप पर सहायक के रूप में तैनात रहते हुए रिकॉर्ड की जांच और वरिष्ठ अधिकारियों को अनियमितताओं की सूचना नहीं दी. इसके अलावा पंप के सेल्समैन महबूब अली और कलेक्टर सिंह बुंदेला पर स्टॉक और नकद राशि में हेराफेरी करने के आरोप है.

ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस में हेराफेरी

जांच में पाया गया कि आरोपियों ने जानबूझकर रजिस्टर मेंटेन नहीं किया. स्टॉक रजिस्टर में गाड़ियों की आमद को दर्ज नहीं किया गया, ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस में हेराफेरी की गई और नकद जमा राशि को गलत तरीके से बढ़ाने-घटाने का खेल किया गया. इन 5 लोगों के विरुद्ध धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच जारी है. छतरपुर सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया "65 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. जांच कमेटी ने घोटाले की पुष्टि की."

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