ETV Bharat / state

छतरपुर कलेक्टर ने पेड़ों की लगा दी ड्यूटी, फ्रूट फॉरेस्ट भू माफिया पर रख रहा है नजर! - CHHATARPUR FRUIT FOREST

छतरपुर में अतिक्रमण मुक्त कर कलेक्टर ने बना दिया फ्रूट फॉरेस्ट, स्व सहायता समूह को सौंपी देखरेख की जिम्मेदारी, महिलाएं भी बन रही आत्मनिर्भर.

CHHATARPUR FRUIT FOREST
पर्यावरण दिवस पर फ्रूट फॉरेस्ट में पौधरोपण (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : June 5, 2025 at 8:37 PM IST

Updated : June 5, 2025 at 8:52 PM IST

3 Min Read

छतरपुर: सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कलेक्टर का अभियान रंग ला रहा है. जिसमें जमीन को मुक्त कराने के बाद उस पर पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की मुहिम चलाई जा रही है. गुरुवार को पर्यावरण दिवस के मौके पर देरी रोड पर कब्जा मुक्त जमीन में छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर, खनिज अधिकारी अमित मिश्रा, सीएमओ माधुरी शर्मा सहित स्थानीय लोग ने वृक्षारोपण किया. यह अभियान हरे भरे पर्यावरण और शुद्ध वातावरण का प्रतीक बन रहा है. कलेक्टर की अपील के बाद लोग भी अपनी निजी भूमि पर पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने और संवारने में जुट रहे हैं.

फलों से गुलजार हो रहा फ्रूट फॉरेस्ट

छतरपुर में कई एकड़ सरकारी जमीन माफियाओं के कब्जे में थी, जिसे छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मुहिम चलाकर मुक्त कराया. जिसके बाद उस जमीन पर फ्रूट फॉरेस्ट पार्क बना दिया गया. अब उन पार्को में लगे पेड़ फल देने लगे हैं. शहर के देरी रोड स्थित फ्रूट फॉरेस्ट, बारीगढ़ के मुड़ेहरा, प्रकाश बम्होरी, खोंप फ्रूट का संरक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही बड़ामलहरा, धरमपुरा और पड़रिया सहित अन्य स्थानों पर भी फ्रूट फॉरेस्ट फलों से गुलजार हो रहा है.

पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण (ETV Bharat)

2 साल के अंदर पौधे हुए फलदार

देरी रोड में जिला प्रशासन ने लगभग 11 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया था. जिस पर बुंदेलखंड की जलवायु को ध्यान में रखते हुए फ्रुट फॉरेस्ट निर्माण कराया गया है. फ्रूट फॉरेस्ट में लगाए गए पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए जापान की मियावाकी पद्धति का प्रयोग किया गया है. जिससे 2 साल के अंदर अमरूद, नींबू के पौधे फलदार हो गए हैं.

Fruit forest is making women self reliant
फ्रूट फॉरेस्ट महिलाओं को बना रहा आत्मनिर्भर (ETV Bharat)
Planting trees on environment day
पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण (ETV Bharat)

महिलाओं को मिल रहा रोजगार

2 वर्ष पूर्व ग्राम खौंप में 5 एकड़ शासकीय बंजर जमीन को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया था. जहां लगाए गए फ्रूट फॉरेस्ट को कलेक्टर ने खौंप गांव के स्व सहायता समूह को सौंपा है. फ्रूट फॉरेस्ट के फलों की बिक्री कर स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने लगी हैं. समूह के द्वारा ही पेड़ पौधों की देखरेख की जाती है. महिलाओं द्वारा इसमें सब्जियों का भी उत्पादन किया जाता है. इससे 10 सदस्यीय 'हरि बगिया' स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय भी बढ़ी है. समूह की महिलाओं के इस कार्य और अदम्य साहस की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 'मन की बात' में कर चुके हैं.

encroachment free plantation
अतिक्रमण मुक्त कर लगाए पौधे (ETV Bharat)
Chhatarpur Fruit Forest
छतरपुर फ्रूट फॉरेस्ट (ETV Bharat)

पौधरोपण से बढ़ रहा है ग्राउंड वाटर

बड़ी संख्या में पौधरोपण होने से इलाके में ग्राउंड वाटर भी बढ़ रहा है. पर्यावरण दिवस के मौके पर गुरुवार को फ्रूट फॉरेस्ट में कई पेड़ लगाए गए. कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि "आज पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में फ्रूट फॉरेस्ट पार्क में वृक्षारोपण किया गया है. फ्रूट फॉरेस्ट की रक्षा और देखरेख के लिए इसे स्व सहायता समूह को सौंप दिया है, जिससे महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनेंगी."

छतरपुर: सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कलेक्टर का अभियान रंग ला रहा है. जिसमें जमीन को मुक्त कराने के बाद उस पर पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण की मुहिम चलाई जा रही है. गुरुवार को पर्यावरण दिवस के मौके पर देरी रोड पर कब्जा मुक्त जमीन में छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर, खनिज अधिकारी अमित मिश्रा, सीएमओ माधुरी शर्मा सहित स्थानीय लोग ने वृक्षारोपण किया. यह अभियान हरे भरे पर्यावरण और शुद्ध वातावरण का प्रतीक बन रहा है. कलेक्टर की अपील के बाद लोग भी अपनी निजी भूमि पर पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने और संवारने में जुट रहे हैं.

फलों से गुलजार हो रहा फ्रूट फॉरेस्ट

छतरपुर में कई एकड़ सरकारी जमीन माफियाओं के कब्जे में थी, जिसे छतरपुर कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने मुहिम चलाकर मुक्त कराया. जिसके बाद उस जमीन पर फ्रूट फॉरेस्ट पार्क बना दिया गया. अब उन पार्को में लगे पेड़ फल देने लगे हैं. शहर के देरी रोड स्थित फ्रूट फॉरेस्ट, बारीगढ़ के मुड़ेहरा, प्रकाश बम्होरी, खोंप फ्रूट का संरक्षण किया जा रहा है. इसके साथ ही बड़ामलहरा, धरमपुरा और पड़रिया सहित अन्य स्थानों पर भी फ्रूट फॉरेस्ट फलों से गुलजार हो रहा है.

पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण (ETV Bharat)

2 साल के अंदर पौधे हुए फलदार

देरी रोड में जिला प्रशासन ने लगभग 11 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया था. जिस पर बुंदेलखंड की जलवायु को ध्यान में रखते हुए फ्रुट फॉरेस्ट निर्माण कराया गया है. फ्रूट फॉरेस्ट में लगाए गए पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए जापान की मियावाकी पद्धति का प्रयोग किया गया है. जिससे 2 साल के अंदर अमरूद, नींबू के पौधे फलदार हो गए हैं.

Fruit forest is making women self reliant
फ्रूट फॉरेस्ट महिलाओं को बना रहा आत्मनिर्भर (ETV Bharat)
Planting trees on environment day
पर्यावरण दिवस पर पौधरोपण (ETV Bharat)

महिलाओं को मिल रहा रोजगार

2 वर्ष पूर्व ग्राम खौंप में 5 एकड़ शासकीय बंजर जमीन को प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया था. जहां लगाए गए फ्रूट फॉरेस्ट को कलेक्टर ने खौंप गांव के स्व सहायता समूह को सौंपा है. फ्रूट फॉरेस्ट के फलों की बिक्री कर स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने लगी हैं. समूह के द्वारा ही पेड़ पौधों की देखरेख की जाती है. महिलाओं द्वारा इसमें सब्जियों का भी उत्पादन किया जाता है. इससे 10 सदस्यीय 'हरि बगिया' स्व सहायता समूह की महिलाओं की आय भी बढ़ी है. समूह की महिलाओं के इस कार्य और अदम्य साहस की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 'मन की बात' में कर चुके हैं.

encroachment free plantation
अतिक्रमण मुक्त कर लगाए पौधे (ETV Bharat)
Chhatarpur Fruit Forest
छतरपुर फ्रूट फॉरेस्ट (ETV Bharat)

पौधरोपण से बढ़ रहा है ग्राउंड वाटर

बड़ी संख्या में पौधरोपण होने से इलाके में ग्राउंड वाटर भी बढ़ रहा है. पर्यावरण दिवस के मौके पर गुरुवार को फ्रूट फॉरेस्ट में कई पेड़ लगाए गए. कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि "आज पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में फ्रूट फॉरेस्ट पार्क में वृक्षारोपण किया गया है. फ्रूट फॉरेस्ट की रक्षा और देखरेख के लिए इसे स्व सहायता समूह को सौंप दिया है, जिससे महिलाएं भी आत्मनिर्भर बनेंगी."

Last Updated : June 5, 2025 at 8:52 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.