छतरपुर: जिले के बारी गांव में स्थित प्राचीन रामलला मंदिर का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आरोप है कि मंदिर पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर लिया है. मंदिर के पुजारी ने जनसुनवाई में पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते कहा, ''अगर न्याय नहीं मिला तो धर्म परिवर्तन कर लूंगा.'' पुजारी की बातों को सुन अधिकारियों के होश उड़ गए.
रामलला मंदिर पर कब्जे को लेकर विवाद
छतरपुर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर गांव बारी में स्थित रामलला सरकार के मंदिर का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. बात इतनी बढ़ गई कि पुजारी ने दबंगों की प्रताड़ना से तंग आकर जनसुनवाई में अधिकारियों के सामने धर्म परिवर्तन की घोषणा कर दी. पुजारी की बात सुनकर लोग हैरान रह गए. दरअसल मामला बारी गांव में बने प्राचीन रामलला मंदिर के कब्जे को लेकर है. पिछले दिनों 19 अप्रैल को बारी गांव में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार के द्वारा गांव में चौपाल लगाई गई थी और चौपाल में गांव के कुछ लोगों द्वारा शिकायत की गई कि मंदिर में दर्शन करने नहीं जाने दिया जा रहा है.
एसडीएम और नायब तहसीलदार से मारपीट
मंत्री के निर्देश पर छतरपुर SDM अखिल राठौर जांच करने मंदिर पहुचे. उनके साथ नायब तहसीलदार और पटवारी भी मौजूद थे. लेकिन सरकारी अधिकारियों को देख वहां मौजूद लोगों ने विवाद शुरू कर दिया. एसडीएम और नायब तहसीलदार से मारपीट और धक्का मुक्की होने लगी. जिस पर SDM के निर्देश पर नायब तहसीलदार अंजू सिंह की शिकायत पर गढ़ीमलहरा थाने में पुजारी सहित तीन लोगों के खिलाफ मारपीट और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया और उनको जेल भेज दिया गया था.
तब तक गाँव के करण सिंह, मंगल सिंह, शीलू तिवारी ने गिरोह बनाकर मंदिर पर कब्जा कर लिया. जेल से छूटने के बाद मंगलवार को पुजारी अपने सेवादारों ओर महंत के साथ छतरपुर में जनसुनवाई में पहुचा और न्याय की गुहार लगाई.

नहीं मिला न्याय तो करूंगा धर्म परिवर्तन
कलेक्टर की जनसुवाई में पहुंचे रामलला मंदिर के पुजारी और सेवादार ने कलेक्टर को आवेदन देकर न्याय की मांग की. अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा मंदिर सठिया के महंत रामदास ने बताया, ''बारी रामलला मंदिर भी हमारे अखाड़े का मंदिर है, लेकिन उस पर कब्जा कर लिया गया है. जुआड़ी, शराबियों ने अड्डा बना लिया है. पूजा नहीं करने दी जा रही है. 4 चाल से शिकायतें कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. आज जनसुनवाई में आया हूं, अगर न्याय नहीं मिला तो हम धर्म परिवर्तन कर हिन्दू धर्म त्याग देंगे. हमे लोग सता रहे हैं, मंदिर में पूजा नहीं करने दे रहे. हम परिवार और सभी सेवादारों सहित धर्म बदल लेंगे. मुझे मंदिर से भगा दिया गया.''

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क्या बोले SDM अखिल राठौर
जब छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर से बात हुई तो उन्होंने बताया कि, ''सांसद जी की चौपाल में ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी. रामलला मंदिर में कई वर्षों से दबंगों ने 29 एकड़ जमीन पर कब्जा करने और मंदिर में दर्शन करने से मना करने की सामूहिक शिकायत की थी. जिसके बाद सांसद के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम मौके पर निरीक्षण के लिए गई थी. वहां पर मौजूद लोग बहस और बदतमीजी करने लगे. इसके बाद फोर्स को बुलाया गया और उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. जो लोग जनसुनवाई में आये थे उस मामले पर जांच की जाएगी.''