चंडीगढ़: नगर निगम के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव अब गुप्त मतदान (सीक्रेट बैलट) के बजाय हाथ उठाकर मतदान (शो ऑफ हैंड्स) के माध्यम से होंगे. चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने 'चंडीगढ़ नगर निगम (कार्य-प्रक्रिया और संचालन) विनियम, 1996' के विनियम 6 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. इस बदलाव का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना और पार्षदों के बीच खरीद-फरोख्त को रोकना है.
पिछले साल की घटना के बाद उठी मांग:
पिछले साल जनवरी 2024 में हुए मेयर चुनाव में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा बैलट पेपर में धांधली के आरोपों के बाद भारी विवाद हुआ था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप कर आम आदमी पार्टी (AAP) के कुलदीप कुमार को मेयर घोषित किया था. इसके बाद AAP और कांग्रेस ने गुप्त मतदान की बजाय हाथ उठाकर मतदान की मांग की थी, ताकि वोटों में हेराफेरी और क्रॉस-वोटिंग को रोका जा सके.
प्रशासक का बयान:
गुलाब चंद कटारिया ने कहा, "नई प्रणाली से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और जनप्रतिनिधियों की भूमिका अधिक स्पष्ट व उत्तरदायी होगी. यह बदलाव नगर निगम की कार्यप्रणाली को बेहतर करेगा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में जनता का विश्वास मजबूत होगा."
यह संशोधन चंडीगढ़ नगर निगम की सदन बैठक में पंजाब नगर निगम अधिनियम, 1976 की धारा 398(2) के तहत पारित किया गया था, जिसे चंडीगढ़ संघ राज्य क्षेत्र अधिनियम, 1994 के तहत विस्तारित किया गया है. प्रस्ताव को प्रशासक की मंजूरी के लिए भेजा गया था, जिसे अब औपचारिक स्वीकृति मिल गई है.
चंडीगढ़ कांग्रेस ने किया स्वागत:
चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "चंडीगढ़ कांग्रेस और सांसद मनीष तिवारी लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रहे थे. यह निर्णय राजनीति को स्वच्छ बनाने और नगर निगम की छवि सुधारने में महत्वपूर्ण कदम है." उन्होंने दलबदल विरोधी कानून (एंटी डिफेक्शन लॉ) को तत्काल लागू करने की भी मांग की, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बरकरार रहे.
पारदर्शिता की दिशा में कदम:
यह बदलाव 2026 में होने वाले मेयर चुनावों में लागू होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इससे क्रॉस-वोटिंग और वोटों में हेराफेरी की संभावनाएं कम होंगी. चंडीगढ़ में वर्तमान में दलबदल विरोधी कानून की अनुपस्थिति के कारण पार्षदों का दल-बदल एक बड़ी समस्या रही है, जिसे यह नई प्रणाली कुछ हद तक नियंत्रित कर सकती है.
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